Book of Common Prayer
आसाफ क भक्ति गीतन मँ स एक ठु पद।
1 देवतन क देवता यहोवा कहेस ह।
पूरब स पच्छिम तलक धरती क सब मनइयन क उ बोलाएस।
2 सिय्योन स परमेस्सर क सुन्नरता प्रकासित होत बाटइ।
3 हमार परमेस्सर आवत अहइ, अउर उ चुप नाहीं रही।
ओकरे समन्वा बरत ज्वाला बा,
ओका एक ठु बड़का तूफान घेरे बाटइ।
4 हमार परमेस्सर आकास अउ धरती क गोहराइके
आपन निजी लोगन क निआउ करइ बोलावत ह।
5 “मोर मनवइयो, मोरे लगे बटुरा।
मोर उपासको आवा हम आपुस मँ एक ठु करार किहे अही।”
6 परमेस्सर निआउ क जज अहइ
अकास ओकरी धार्मिक भावना क घोसणा करत ह।
7 परमेस्सर कहत ह, “सुना मोरे भक्तो!
इस्राएल क लोगो, मइँ तू पचन्क खिलाफ साच्छी देबउँ।
मइँ परमेस्सर हउँ, तोहार परमेस्सर।
8 मोका तोहरी बलियन स सिकाइत नाहीं।
इस्राएल क लोगो, तू पचे सदा होम बलियन मोका चढ़ावत रहा।
तू पचे हर रोज अर्पित करा।
9 मइँ तोहरे घरे स कउनो बर्धा नाहीं लेब।
मइँ तोहरे गोरू घरे स कउनो बोकरा नाहीं लेब।
10 मोका तोहरे ओन गोरुअन क जरूरत नाहीं।
मइँ ही तउ वन क सबहिं गोरुअन क सुआमी हउँ।
हजारन पहाड़न पइ जउन गोरू विचरत हीं, ओन सबन क मइँ सुआमी हउँ।
11 जिन चिरइयन क बसेरा सब स ऊँच पहाड़ पइ अहइ, ओन सबन क मइँ जानत हउँ।
अचलन पइ जउन सचल अहइँ उ सबइ सब मोरे ही अहइँ।
12 मइँ भुखान नाहीं हउँ, अगर मइँ भूखा होतउँ, तउ भी तू पचन्स मोका भोजन नाहीं माँगइ क पड़त।
मइँ जगत क सुआमी हउँ अउर ओकर भी हर चीज जउन इ जगत मँ बाटइ।
13 मइँ बर्धा क गोस नाहीं खावा करत हउँ।
बोकरन क खून नाहीं पिअत हउँ।”
14 फुरइ जउन बलि क परमेस्सर क प्रसन्न करत ह धन्यवाद क भेंटन होइ
अउर उ प्रतिग्या क पूरा करत ह जउन तू सर्वोच्च परमेस्सर क समन्वा किहे रह्या।
15 परमेस्सर कहत ह, “मोका पुकारा जब तू मुसीबत मँ रह्या,
मइँ तू पचन्क खतरा स निकारब, अउर तब तू पचे मोर मान कइ सकब्या।”
16 दुट्ठ लोगन स परमेस्सर कहत ह,
“तू पचे मोर व्यवस्था क बातन करत अहा,
तू पचे मोरे करार क भी बातन करत अहा।
17 फुन जब मइँ तू पचन्न्क सुधारत हउँ, तब भला तू पचे मोसे बैर काहे करत अहा?।
तू पचे ओन बातन क उपेच्छा काहे करत अहा जेनका मइँ तू पचन्क बतावत हउँ?
18 तू पचे चोर क लखिके ओसे मिलइ बरे दौड़ जात अहा।
तू पचे ओनके संग बिछउना मँ कूद पड़त अहा जउन बिभिचार करत हीं।
19 तू पचे बुरा वचन अउ झूठ बोलत अहा।
20 तू पचे दूसर लोगन क हिआँ तलक कि
आपन भाइयन क निन्दा करत अहा।
21 तू पचे बुरा करम करत अहा, अउर तू सोचत अहा मोका चुप रहइ चाही।
तू कछू नाहीं कहत अहा अउर सोचत अहा कि मोका चुप रहइ चाही।
लखा, मइँ चुप नाहीं रहब, तोहका स्पस्ट कइ देब।
तोहरे ही मुँहे पइ तोहार दोख बताउब।
22 तू लोग परमेस्सर क बिसरि गवा अहा।
एकरे पहिले कि मइँ तोहका चीर डावउँ,
अच्छी तरह समुझ ल्या।
जब वइसा होइ कउनो भी मनई तू पचन्क बचाइ नाहीं पाई।
23 अगर कउनो मनई स्तुति अउ धन्यवादन क बलि चढ़ावइ, तउ उ सचमुच मोर मान करी।
अगर कउनो मनई आपन जिन्नगी बदल डावइ तउ ओका मइँ परमेस्सर क सक्ति देखाँउब जउन बचावत हीं।”
संगीत निर्देसक बरे “नास जिन करा” धुन पइ दाऊद क उ समइ क एक ठु भक्ति गीत जब साऊल लोगन क दाऊद क घर पइ निगरानी राखत भए ओका मारि डावइ क जुगुत करइ बरे पठए रहा।
1 हे परमेस्सर, तू मोका मोरे दुस्मनन स बचाइ ल्या
मोर मदद ओनसे विजयी बनवइ मँ करा जउन मोरे खिलाफ जुद्ध करइ आवा अहइँ।
2 अइसे ओन लोगन स, तू मोका बचाइ ल्या।
तू ओन हत्यारन स मोका बचाइ ल्या। जउन बुरे कामन क करत रहत हीं।
3 लखा! बलवान लोग मोका घात लगाए अहइँ।
उ पचे मोका मारि डावइ क बाट जोहन अहइँ।
एह बरे नाहीं कि मइँ कउनो पाप किहेउँ ह या मोसे कउनो अपराध बन पड़ा अहइ।
4 उ पचे मोरे पाछे पड़ा अहइँ, मुला मइँ कउनो भी बुरा करम नाहीं किहेउँ ह।
हे यहोवा, आवा! तू खुद अपने आप लख ल्या!
5 हे परमेस्सर! इस्राएल क परमेस्सर! तू सर्वसक्तिसाली अहा।
तू उठा अउर ओन लोगन क दण्डित करा।
ओन बिस्सासघातियन ओन दुर्जन लोगन पइ तनिकउ भी दया जिन देखाँवा।
6 उ सबइ दुर्जन साँझ क होत ही सहर मँ घुसि आवत हीं।
उ सबइ लोग गुर्रात कूकुरन स
सहर क बीच मँ घूमत रहत हीं।
7 तू ओनकर धमकियन अउर अपमानन क सुना।
उ पचे अइसी क्रूर बातन कहा करत ही।
उ सबइ इ बात क चिंता तलक नाहीं करतेन कि ओनकर कउन सुनत ह।
8 हे यहोवा, तू ओनकर उपहास कइके
ओन सबहिं लोगन क मजाक बनाइ द्या।
9 हे परमेस्सर, तू मोर सक्ति अहा, मइँ तोहार बाट जोहत हउँ।
हे परमेस्सर, तू ऊँचे पहाड़न पइ मोर सुरच्छा क ठउर अहा।
10 परमेस्सर मोहसे पिरेम करत ह, अउर उ जीतइ मँ मोर सहायक होइ।
उ मोरे दुस्मनन क हरावइ मँ मोर मदद करी।
11 हे परमेस्सर, बस ओनका जिन मार डावा, नाहीं तउ होइ सकत ह मोर लोग बिसरि जाइँ।
हे मोर सुआमी अउ संरच्छक, तू आपन सक्ती स ओनका छितराइ द्या अउर हराइ द्या।
12 उ सबइ बुरे लोग कोसत अउ झूठ बोलत रहत हीं।
ओन बुरी बातन क सजा ओनका द्या, जउन उ पचे कहे अहइँ।
ओनका आपन अभिमान मँ फँसइ द्या।
13 तू आपन किरोध स ओनका बरबाद करा।
ओनका पूरी तरह बरबाद करा।
लोग तबहिं जनिहीं कि परमेस्सर,
याकूब क लोगन क अउर उ सारे संसार क राजा अहइ।
14 फुन अगर उ सबइ लोग संझा क एहर ओहर टहरत
गुर्रातन कूकुरन स सहर मँ आवइँ,
15 तउ उ सबइ खाइ क कउनो क चीज हेरत फिरिहीं,
अउर खाइ क कछू भी नाहीं पइहीं अउर न ही सोवइ क कउनो ठउर पइहीं।
16 मुला मइँ तोहार बड़कई क गीत गाउब।
हर भिन्सारे मइँ तोहरे पिरेम मँ आनन्दित होब।
काहेकि तू पर्वतन क ऊपर मोर सरणस्थल अहा मइँ तोहरे लगे आइ सकत हउँ,
जब मोका विपत्तियन घेरिहीं।
17 मइँ आपन गीतन क तोहरी बड़कइ मँ गाउब
काहेकि पर्वतन क ऊपर तू मोर सरणस्थल अहा।
तू परमेस्सर अहा, जउन मोका पिरेम करत ह।
संगीत निर्देसक बरे “वाचा क कुमुदिनी” धुन पइ उ समइ क दाऊद क एक कलात्मक जब दाऊद अरमहरैन अउ अरमसोबा स जुद्ध किहेस अउर जब योआब लउटा अउर उ नोन क घाटी मँ बारह हजार एदोमी फउजियन क मार डाएस।
1 हे परमेस्सर, तू हमका बिसराइ दिहा।
तू हमका तितर-बितर कइ दिहा, तू हम पइ कोहाइ गवा।
तू कृपा कइके वापस आवा।
2 तू धरती कँपाया अउर ओका फारि दिहा।
हमार जगत बिखरत अहइ
कृपा कइके ओका जोर द्या।
3 तू आपन लोगन क बहोतइ यातना दिहा ह।
हम दाखरस पिए लोग जइसे लड़खड़ात रहेन अउर भहरात अही।
4 मुला तू आपन बिस्सासी मानइवालन क चेताइ बरे
कि उ पचन क अब आपन दुस्मन क धनुस चलाइवालन दुआरा तितर-बितर होइ क पाछे कहाँ जमा होइ चाही।
5 तू आपन महासक्ति क प्रयोग कइके हमका बचाइ लिहा।
मोर पराथना क जवाब द्या अउर उ मनई क बचाइ ल्या जउन तोहका पियारा अहइ।
6 परमेस्सर आपन मन्दिर मँ कहेस:
“मोर विजय होइ अउर मइँ विजय पइ खुस होब।
मइँ इ धरती क आपन लोगन क बीच बाँटब।
मइँ सकेम अउ सुक्कोत घाटी क बँटवारा करब।
7 गिलाद अउ मनस्से मोर बनिहीं।
एप्रैम मोरे मूँड़े क टोप (हेलमेट) बनी।
यहूदा मोर राजदण्ड बनी।
8 मइँ मोआब क अइसा बनाउब, जइसा कउनो मोर गोड़ धोवइ क पात्र।
एदोम एक दास जइसा जउन मोर पनहियन उठावत ह।
मइँ पलिस्ती लोगन क हराउब अउर विजय क उद्घोस करब।”
9 कउन मोका ओकरे खिलाफ जुद्ध करइ क सुरच्छित मजबूत सहर मँ लइ जाइ?
मोका कउन एदोम तलक लइ जाइ?
10 हे परमेस्सर, बस तू ही इ करइ मँ मोर मदद कइ सकत ह।
मुला तू तउ मोका बिसराइ दिहा।
परमेस्सर हमरे साथे नाहीं जाइ अउर उ हमरी सेना क संग नाहीं जाइ।
11 हे परमेस्सर, तू ही हमका इ संकट क भुइँया स उबार सकत ह।
मनई हमार रच्छा नाहीं कइ सकतेन।
12 मुला हमका परमेस्सर ही मजबूत बनाइ सकत ह।
परमेस्सर हमार दुस्मनन क पराजित कइ सकत ह।
संगीत निर्देसक बरे दाऊद क एक ठु पद।
1 अकास परमेस्सर क महिमा बखानत ह,
अउ अकासमण्डल परमेस्सर क उत्तिम सबइ रचना क देखाँवत ह।
2 हर नवा दिन ओकर नई कथा कहत ह,
अउ हर रात परमेस्सर क नई-नई सक्तियन क परगट करत ह।
3 हुवाँ न कउनो भासन या सब्दन होइ।
न कउनो आवाज़ सुनाइ पड़त।
4 मुला ओकर “वाणी” भूमण्डल मँ बियापत ह
अउर ओकर “सब्दन” धरती क छोर तलक पहोंचत हीं।
ओनमाँ उ सूरज बरे एक घर जइसा तय्यार किहस ह।
5 सूरज नवखिल दुल्हा क नाई आपन सयन कच्छ स निकरत ह।
सूरज आपन राहे पइ अकास क पार करइ निकरि पड़त ह,
जइसे कउनो खिलाड़ी आपन दउड़ पूरी करइ बरे तइयार होइ।
6 अकासे क एक छोर स सूरज चल पड़त ह अउर ओह पार पहोंचइ क, उ सारी राह दउड़त रहत ह।
अइसी कउनो वस्तु नाहीं जउन आपन क ओकरी गर्मी स छुपाइ लेइ।
यहोवा क उपदेस भी अइसेन ही होत हीं।
7 यहोवा क सिच्छन सम्पूर्ण होत हीं,
इ सबइ भक्त जनन क सक्ती देत हीं।
यहोवा क करार पइ भरोसा कीन्ह जाइ सकत ह।
जेनके लगे बुद्धि नाहीं अहइ इ ओनका सुबुद्धि देत ह।
8 यहोवा क नेम निआव स पूरा होत हीं,
उ सबइ लोगन्क खुसी स भरि देत हीं।
यहोवा क आदेस उत्तिम अहइँ,
उ सबइ मनइयन क जिअइ क नई राह देखाँवत हीं।
9 यहोवा क आराधना प्रकास जइसी होत ह,
इ तउ सदा सर्वदा जोति स भरी रही।
यहोवा क निआव निस्पच्छ होत हीं,
उ सबइ पूरी तरह निआव स पूरा होत हीं।
10 यहोवा क उपदेस उत्तिम सुबरन अउ कुन्दन स भी बढ़िके मनोहर अहइँ,
उ सबइ उत्तिम सहद स भी जियादा मधुर अहइँ, जउन सोझ सहद क छत्ता स टपक आवत ह।
11 हे यहोवा, तोहार उपदेस तोहरे सेवक क आगाह करत हीं।
अउर जउन ओनकइ पालन करत हीं ओनका तउ बरदान मिलत ह।
12 हे यहोवा, आपन सबहिं दोसन क कउनो नाहीं लख पावत।
एह बरे तू मोका ओन पापन्स बचावा जउन एकान्त मँ छुपिके कीन्ह जात हीं।
13 हे यहोवा, मोका ओन पापन्क करइ स बचावा जेनका मइँ करइ चाहत हउँ।
ओन पापन्क मोह पइ सासन न करइ द्या।
अगर तू मोका बचावत ह तउ मइँ इमानदारी स भरि भवा होइ सकत हउँ
अउ बहोत सारा पापन्स मुक्त होइ सकत हउँ।
14 मोका आसा अहइ कि, मोर वचन अउ चिंतन तोहका प्रसन्न करिहीं।
हे यहोवा, तू मोर चट्टान, अउर मोर बचावइवाला अहा।
अलामोथ क संगत पइ संगीत निर्देसक बरे कोरह परिवार क एक ठु पद।
1 परमेस्सर हमरे पराक्रम क भण्डार अहइ।
संकट क समइ उ हमेसा मदद बरे हुवाँ होइ।
2 एह बरे जब धरती काँपत ह अउर जब पर्वत समुद्र मँ भहराइ लागत ह,
हमका डर नाहीं लागत।
3 हम नाहीं डेराइत जब सागर उफनत अउ मटमैला होइ जात ह,
अउर धरती अउ पहाड़ काँपइ लागत हीं।
4 हुआँ एक ठु नदी अहइ, जउन परम परमेस्सर क नगरी क
आपन धारा स खुसी स भरि देत ह।
5 उ सहर मँ परमेस्सर अहइ, इहइ स ओकर कबहुँ पतन नाहीं होइ।
परमेस्सर ओकर मदद भोर स पहिले ही करी।
6 यहोवा क गरजत ही, रास्ट्र डर स काँपि जइहीं।
ओनकर राजधानियन क पतन होइ जात ह अउ धरती पिघल उठत ह।
7 सर्वसक्तिमान यहोवा हमरे संग अहइ।
याकूब क परमेस्सर हमार सरणस्थल अहइ।
8 आवा ओन सक्ती स भरा कामे क लखा जेनका यहोवा करत ह।
उ सबइ काम ही धरती पइ यहोवा क मसहूर करत हीं।
9 यहोवा धरती पइ होत भए कहूँ भी जुद्ध क रोक सकत ह।
उ सबइ फउजी क धनुसन क तोड़ सकत हीं, अउ ओनके भालन क चकनाचूर कइ सकत ह, रथन क उ बारिके भसम कइ सकत ह।
10 परमेस्सर कहत ह, “सांत बना अउ जाना कि मइँ ही परमेस्सर अहउँ!
रास्ट्रन क बीच मोर बड़कई होइ।
धरती पइ मोर महिमा फइलि जाइ!”
11 यहोवा सर्वसक्तिमान हम पचन्क संग बा।
याकूब क परमेस्सर हमार ढाल अहइ।
23 अउर जब यहोवा तू पचन्स कादेसबर्ने तजइ क कहेस तब तू पचे ओकरी आग्या क नाहीं मान्या। उ कहेस, ‘अगवा बढ़ा अउ उ देस मँ रहा जेका मइँ तोहका पचन्क दिहेउँ ह।’ मुला तू पचे ओह पइ बिस्सास नाहीं किह्या। तू पचे ओकरे आदेस क अनसुनी किह्या। 24 पूरा समइ जबहिं स मइँ तू पचन्क जानत हउँ तू लोगो यहोवा क आग्या क मानइ स इन्कार किहा ह।
25 “एह बरे मइँ चालीस दिन अउ चालीस रात यहोवा क समन्वा निहुरा रहा। काहेकि यहोवा कहेस कि उ तू पचन्क नास करी देब्या। 26 मइँ यहोवा स पराथना किहेउँ। मइँ कहेउँ: ‘यहोवा, मोर सुआमी, आपन लोग, आपन मीरास क बरबाद जिन करा। तू आपन बड़की ताकत अउ सक्ती स ओनका अजाद किहा अउ मिस्र स लिआया। 27 तू आपन सेवकन इब्राहीम, इसहाक अउ याकूब क याद करा। कृपा कइके तू इ लोगन क हठीलापन क भूल जा। 28 अगर तू आपन लोगन क सजा देब्या तउ मिस्री कहि सकत हीं, “यहोवा आपन लोगन क लइ जाइ मँ समर्थ नाहीं रहा, जेहमाँ लइ जाइ क बचन दिहे रहा। उ ओनसे घिना किहेस। एह बरे उ ओनका मारइ बरे रेगिस्तान मँ लइ गवा।” 29 मुला उ सबइ तोहार लोगन अहइँ। यहोवा उ तोहार सम्बंधित अहइँ। तू आपन बड़की ताकत अउ मजबूती स ओनका मिस्र स बाहेर लिआया।’
नवा पाथर क सिलन
10 “ओह समइ, यहोवा मोसे कहेस, ‘तू पहिली सिलन क नाई पाथर फारिके दुइ सिला बनावा। तब तू पचे मोरे लगे पहाड़े पइ आवा। अपने बरे एक काठे क संदूख भी बनावा। 2 मइँ पाथरे क सिलन पइ उ सबइ सब्द लिखब जउन पहिंली सिलन पइ लिखे रहेन। तू पहिली सिलन क तोड़ी दिहेन। तब तू पचन्क इ नवी सिलन क सन्दूखे मँ रखइ चाही।’
3 “एह बरे मइँ बबूल क एक ठु सन्दूख बनाएउँ। मइँ पहिली सिलन क तरह पाथर फारिके दुइ सिलन बनाएउँ। तब मइँ पहाड़े पइ गएउँ। मोरे हथवा मँ दुइ सिलन रहिन 4 अउर यहोवा ओनही सबदन क लिखेस जेनका उ तब लिखे रहा जब दस हकुमन क उ आगी मँ स तू पचन्क दिहे रहा अउर तू पचे पहाड़े क चारिहुँ कइँती बटुरा रह्या। तब यहोवा पाथर क सिलन मोका दिहस। 5 मइँ घूमेउँ अउर पहाड़े क खाले आएउँ। मइँ आपन बनाए भए सन्दूखे मँ सिलन क रखेउँ। यहोवा मोका एन सिलन क ओहमाँ धरइ क आदेस दिहेस।”
4 अतः जब ओकरे बिस्राम मँ प्रवेस क प्रतिज्ञा अब तलक बीन भइ बाटइ तउ हमका सावधान रहइ चाही कि तोहरे म स कउनउ अनुपयुक्त सिद्ध न होइ। 2 काहेकि हमकउ ओनही क समान सुसमाचार क उपदेस दीन्ह गवा बा। मुला जउन उपदेस ओ पचे सुनेन ह, उ ओनके बरे बेकार बा। काहेकि उ पचे जब ओका सुनेन तउ एका बिसवास क साथे धारण नाहीं किहेन। 3 अब देखा, हम तउ जउन बिसवासी अही ओह बिस्राम मँ प्रवेस पाए अही। जइसेन कि परमेस्सर कहे भी बाटइः
“क्रोध मँ मइँ इही स तब सपथ लइके कहे रहेउँ,
‘इ पचे कबहुँ बिस्रामे मँ मोरे नाहीं सामिल होइहीं।’” (A)
जब संसार क सृस्टी करइ क बाद ओकर काम पूरा होइ गवा रहा। 4 उ सतवाँ दिना क सम्बन्ध मँ एन सब्दन मँ कहूँ पवित्तर सात्तरन मँ कहा बाटइ “अउर फिन सतवें दिना आपन सभन कामन स परमेस्सर तउ बिस्राम लिहेस।”(B) 5 अउर फिन उपरोक्त सन्दर्भ मँ भी उ कहत ह, “उ पचे कबहुँ बिस्राम मँ मोर न सामिल होइहीं।”
6 जेनका पहिले सुसमाचार सुनावा गवा रहा आपन अनाज्ञाकारिता क कारण उ तउ बिस्राम मँ प्रवेस नाहीं पाइ सकेन मुला अउरन क बरे बिस्राम क दुवार अबऊ खुला बा। 7 इही बरे परमेस्सर तउ फिन एक बिसेस दिन निस्चित किहेस अउर ओका नाउँ दिहेस, “आजु” कछू बरसन क बाद दाऊद क द्वारा परमेस्सर तउ उ दिन क बारे मँ पवित्तर सास्तर मँ बताए रहा। जेकर उल्लेख हम अबहीं किहे रहेः
“आज अगर ओकर सुना आवाज,
न करा आपन हिरदय क जड़।” (C)
8 अतः अगर यहोसु ओनका बिस्रामे मँ लइ गवा होत तउ परमेस्सर बाद मँ कउनउ अउर दिना क बारे मँ न बतउतइ। 9 तउ खैर जउन भी होइ परमेस्सर क भक्तन क बरे एक वइसी बिस्रन्ति रहत अहइ जइसेन बिस्रान्ति सातवें दिना परमेस्सर क रही। 10 काहेकि जउन कउनो परमेस्सर क बिस्रान्ति मँ प्रवेस करत ह, अपने करमन स बिस्रान्ति पाइ जात ह। वइसेन ही जइसेन परमेस्सर तउ अपने करमन स बिस्रान्ति पाइ लिहेस।
16 परमेस्सर इ दुनिया स इतना पिरेम करत रहा कि अपने एकलौता पूत क दइ दिहेस, जइसे कि ओहमाँ बिसवास करइवाला कउनो मनई क नास न होइ, ओका अनन्त जीवन मिल जाइ। 17 परमेस्सर आपन पूत इ बरे नाहीं पठएस कि उ दुनिया क अपराधी साबित करइ, उ तउ इ बरे भेजेस अइसे कि समूची दुनिया क उद्धार होइ जाइ। 18 जउन मनई परमेस्सर क पूत मँ बिसवास करत हीं, ओनका दोसी न ठहरावा जाइ, मुला जे ओनके मँ बिसवास नाहीं करतेन, ओका तउ दोसी ठहरावा जाइ चुका अहइ, काहेकि उ परमेस्सर क एकलौता पूत मँ बिसवास नाहीं करत ह। 19 इ निरनय क आधार इ बाटइ कि ज्योति इ दुनिया मँ आइ गइ अहइ, मुला कछू मनई अइसे अहइँ कि ज्योति क न देखिके आँधियारे क जियादा महत्व देत अहइँ काहेकि ओनके सब करम बुरा अहइँ। 20 पाप करइवाला मनई हमेसा ज्योति स घिणा करत ह अउर ओकरे पास कबहूँ नाहीं आवत, एह बरे कि ओकरे पाप क उजागिर होइ क डर बना रहत ह। 21 मुला जउन मनई सच्चाई क रस्ता प चलत ह उ परमेस्सर क द्वारा ज्योति क किरन क लगे अइहीं जइसे इ उजागिर होइ जाइ कि ओके सब कारज परमेस्सर करावत अहइ।
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