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Book of Common Prayer

Daily Old and New Testament readings based on the Book of Common Prayer.
Duration: 861 days
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-AWA)
Version
भजन संहिता 66-67

निर्देसक बरे एक ठु भजन।

हे धरती क हर वस्तु, आनन्द क संग परमेस्सर क जय बोला।
ओकर महिमामय नाउँ क स्तुति करा।
    ओकर आदर ओकर स्तुति गीतन स करा।
ओकर जियादा अद्भुत कामन स परमेस्सर क बखान करा।
    हे परमेस्सर, तोहार सक्ति बहोतइ बड़ी अहइ।
    तोहार दुस्मन निहुरि जात अउ तोहसे डेरात हीं।
जगत क सबहिं लोग तोहार उपासना करइँ
    अउर तोहरे नाउँ क हर कउनो गुण गावइ।

तू ओनका लखा जउन अचरजे स भरा काम परमेस्सर किहस।
    उ सबइ चिजियन हमका अचरजे स भरि देत हीं।
परमेस्सर लाल सागर क झुरान भुइँया मँ बदल दिहस।
    अउर ओकर लोग पैदर यरदन नदी क
    समूचइ रास्ता खुसी स पार किहेन।
परमेस्सर आपन महासक्ति स इ संसार क सासन करत ह।
    परमेस्सर हर कहूँ लोगन पइ निगाह रखत ह।
    कउनो भी मनई ओकरे खिलाफ नाहीं होइ सकत।

लोगो, हमरे परमेस्सर क गुणगान
    तू पचे ऊँच स्वर मँ करा।
परमेस्सर हमका इ जिन्नगी दिहस ह।
    उ हमार रच्छा करत ह।
10 परमेस्सर हमार परीच्छा लिहस ह।
    परमेस्सर हमका वइसे ही परखेस, जइसे लोग चाँदी आगी मँ डाइके परखत हीं।
11 हे परमेस्सर, तू हमका फँदा मँ फँसइ दिहा।
    तू हम पइ भारी बोझा लाद दिहा।
12 तू हमका दुस्मनन स गोड़े तरे रौंदवाया।
    तू हमका आग्री अउ पानी मँ घसीट्या।
    मुला तू फिन भी हमका सुरच्छित ठउर पइ लइ आया।
13-14 एह बरे मइँ तोहरे मन्दिर मँ बलियन चढ़ावइ आउब।
जब मइँ विपत्ति मँ रहेउँ, मइँ तोहार सरण माँगेउँ
    अउर मइँ तोहार बहुतेरी मन्नत माँगेउँ।
अब ओन वस्तुअन क जेनकर मइँ मन्नत माँगेउँ, अर्पित करत हउँ।
15     मइँ तोहका सुद्धिकरण क भेंट अर्पित करत हउँ,
अउर भेड़न क संग सुगन्धि अर्पित करत हउँ।
    तोहका बर्धन अउ बोकरन क बलि अर्पित करत हउँ।

16 ओ सबहि लोगो, परमेस्सर क आराधको!
    आवा, मइँ तू पचन्क बताउब कि परमेस्सर मोरे बरे का किहस ह।
17-18 मइँ ओकर बिनती किहेउँ।
    मइँ ओकर गुणगान किहेउँ।
मोर मनवा पवित्तर रहा,
    मोर सुआमी मोर बात सुनेस।
19 परमेस्सर मोर सुनेस।
    परमेस्सर मोर बिनती सुन लिहस।
20 परमेस्सर क गुण गावा।
    परमेस्सर मोहसे मुँह नाहीं मोड़ेस।
    उ मोर पराथना क सुन लिहस।
    परमेस्सर निज करुणा मोह पइ देखाँएस।

संगीत निर्देसक बरे तारवालन बाजन क संग एक ठु भजन।

हे परमेस्सर, हम पइ करुणा करा, अउ हमका असीस द्या।
    आपन मुस्कुरात भवा चेहरा हमका दिखावा।[a]

एह बरे समूचइ संसार तोहार रास्ता सीखइ सकी
    अउर हर कउनो मनई तोहार इ जान सकइ कि तू कइसा आपन लोगन क रच्छा करत ह।
हे परमेस्सर, लोग तोहार गुण गावइँ।
    सबहिं लोग तोहार बड़कई करइँ।
सबहिं रास्ट्र आनन्द मनावइँ अउ आनन्द मँ भरा होइँ।
    काहेकि तू लोगन क निआउ निस्पच्छ करत अहा।
    अउर हर रास्ट्र पइ तोहार सासन अहइ।
हे परमेस्सर, लोग तोहार गुण गावइँ।
    सबहिं लोग तोहार बड़कई करइँ।
हमार भुइयाँ हमका भरपूर फसल देइ।
    परमेस्सर, हे हमरे परमेस्सर हमका असीस द्या।
हे परमेस्सर, हमका असीस द्या
    धरती क सबहिं लोग परमेस्सर स डेराइँ, ओकर आदर करइँ।

भजन संहिता 19

संगीत निर्देसक बरे दाऊद क एक ठु पद।

अकास परमेस्सर क महिमा बखानत ह,
    अउ अकासमण्डल परमेस्सर क उत्तिम सबइ रचना क देखाँवत ह।
हर नवा दिन ओकर नई कथा कहत ह,
    अउ हर रात परमेस्सर क नई-नई सक्तियन क परगट करत ह।
हुवाँ न कउनो भासन या सब्दन होइ।
    न कउनो आवाज़ सुनाइ पड़त।
मुला ओकर “वाणी” भूमण्डल मँ बियापत ह
    अउर ओकर “सब्दन” धरती क छोर तलक पहोंचत हीं।

ओनमाँ उ सूरज बरे एक घर जइसा तय्यार किहस ह।
    सूरज नवखिल दुल्हा क नाई आपन सयन कच्छ स निकरत ह।
सूरज आपन राहे पइ अकास क पार करइ निकरि पड़त ह,
    जइसे कउनो खिलाड़ी आपन दउड़ पूरी करइ बरे तइयार होइ।
अकासे क एक छोर स सूरज चल पड़त ह अउर ओह पार पहोंचइ क, उ सारी राह दउड़त रहत ह।
    अइसी कउनो वस्तु नाहीं जउन आपन क ओकरी गर्मी स छुपाइ लेइ।
    यहोवा क उपदेस भी अइसेन ही होत हीं।

यहोवा क सिच्छन सम्पूर्ण होत हीं,
    इ सबइ भक्त जनन क सक्ती देत हीं।
यहोवा क करार पइ भरोसा कीन्ह जाइ सकत ह।
    जेनके लगे बुद्धि नाहीं अहइ इ ओनका सुबुद्धि देत ह।
यहोवा क नेम निआव स पूरा होत हीं,
    उ सबइ लोगन्क खुसी स भरि देत हीं।
यहोवा क आदेस उत्तिम अहइँ,
    उ सबइ मनइयन क जिअइ क नई राह देखाँवत हीं।

यहोवा क आराधना प्रकास जइसी होत ह,
    इ तउ सदा सर्वदा जोति स भरी रही।
यहोवा क निआव निस्पच्छ होत हीं,
    उ सबइ पूरी तरह निआव स पूरा होत हीं।
10 यहोवा क उपदेस उत्तिम सुबरन अउ कुन्दन स भी बढ़िके मनोहर अहइँ,
    उ सबइ उत्तिम सहद स भी जियादा मधुर अहइँ, जउन सोझ सहद क छत्ता स टपक आवत ह।
11 हे यहोवा, तोहार उपदेस तोहरे सेवक क आगाह करत हीं।
    अउर जउन ओनकइ पालन करत हीं ओनका तउ बरदान मिलत ह।

12 हे यहोवा, आपन सबहिं दोसन क कउनो नाहीं लख पावत।
    एह बरे तू मोका ओन पापन्स बचावा जउन एकान्त मँ छुपिके कीन्ह जात हीं।
13 हे यहोवा, मोका ओन पापन्क करइ स बचावा जेनका मइँ करइ चाहत हउँ।
    ओन पापन्क मोह पइ सासन न करइ द्या।
अगर तू मोका बचावत ह तउ मइँ इमानदारी स भरि भवा होइ सकत हउँ
    अउ बहोत सारा पापन्स मुक्त होइ सकत हउँ।
14 मोका आसा अहइ कि, मोर वचन अउ चिंतन तोहका प्रसन्न करिहीं।
    हे यहोवा, तू मोर चट्टान, अउर मोर बचावइवाला अहा।

भजन संहिता 46

अलामोथ क संगत पइ संगीत निर्देसक बरे कोरह परिवार क एक ठु पद।

परमेस्सर हमरे पराक्रम क भण्डार अहइ।
    संकट क समइ उ हमेसा मदद बरे हुवाँ होइ।
एह बरे जब धरती काँपत ह अउर जब पर्वत समुद्र मँ भहराइ लागत ह,
    हमका डर नाहीं लागत।
हम नाहीं डेराइत जब सागर उफनत अउ मटमैला होइ जात ह,
    अउर धरती अउ पहाड़ काँपइ लागत हीं।

हुआँ एक ठु नदी अहइ, जउन परम परमेस्सर क नगरी क
    आपन धारा स खुसी स भरि देत ह।
उ सहर मँ परमेस्सर अहइ, इहइ स ओकर कबहुँ पतन नाहीं होइ।
    परमेस्सर ओकर मदद भोर स पहिले ही करी।
यहोवा क गरजत ही, रास्ट्र डर स काँपि जइहीं।
    ओनकर राजधानियन क पतन होइ जात ह अउ धरती पिघल उठत ह।
सर्वसक्तिमान यहोवा हमरे संग अहइ।
    याकूब क परमेस्सर हमार सरणस्थल अहइ।

आवा ओन सक्ती स भरा कामे क लखा जेनका यहोवा करत ह।
    उ सबइ काम ही धरती पइ यहोवा क मसहूर करत हीं।
यहोवा धरती पइ होत भए कहूँ भी जुद्ध क रोक सकत ह।
    उ सबइ फउजी क धनुसन क तोड़ सकत हीं, अउ ओनके भालन क चकनाचूर कइ सकत ह, रथन क उ बारिके भसम कइ सकत ह।

10 परमेस्सर कहत ह, “सांत बना अउ जाना कि मइँ ही परमेस्सर अहउँ!
    रास्ट्रन क बीच मोर बड़कई होइ।
    धरती पइ मोर महिमा फइलि जाइ!”

11 यहोवा सर्वसक्तिमान हम पचन्क संग बा।
    याकूब क परमेस्सर हमार ढाल अहइ।

होसे 2:2-14

इस्राएल क जाति स यहोवा क कहब

“आपन महतारी क खिलाफ एक सिकायत करा, काहेकि उ मोर पत्नी नाहीं अहइ अउर न ही मइँ ओकर भतार अहउँ। ओका अदालत मँ लइ जा, तउ उ रण्डी जइसा बेउहार करइ छोड़ देइ अउर ओकरे प्रेमियन क ओकरे छातियन क बीच स दूर हटाइ देइ। अगर उ आपन इ रण्डीबाजी क छोड़इ स इन्कार करी, तउ मइँ ओका एकदम्मइ नंगा कइ देब। मइँ ओका वइसा ही प्रदर्सित करब जइसा उ पइदा भए का दिना रहेन। मइँ ओका सूखा रेगिस्तान क जइसा बनाब अउर मइँ ओका पिआसा मार देब। मइँ ओकरी संतानन पइ कउनो दाया नाहीं देखाउब काहेकि उ पचे रण्डीबाजी क संतान होइहीं। ओनकर महतारी रण्डी क नाई आचरण किहस ह। उ जउन ओनका गरभधारन किहेस ह मोर बरे लज्जा लिआएस, काहेकि उ कहेस, ‘मइँ आपन प्रेमियन क संग चलब जउन मोका उ सबइ चिजियन देब जेकर मोका जरूर अहइँ। उ पचे मोका रोटी, पानी, ऊन, अउर सन, तेल अउ दाखरस देत हीं।’

“एह बरे, मइँ तोहार रास्ता काँटन स बन्द करब! मइँ ओकरे रास्ता क रोकइ बरे एक ठु देवार खड़ी करब, जेहसे उ आपन रस्ता ही नाहीं पाइ सकिहीं। जदपि उ आपन प्रेमियन क पाछे भागिहीं, लेकिन उ ओन तक नाहीं पहोंच सकिहीं। जदपि उ ओनका हेरिहीं, लेकिन उ ओनका नाहीं पाइ सकिहीं। फुन उ कहिहीं, ‘मइँ आपन पहिले क भतार क लगे लौटि जाब काहेकि मोर पहिले क जिन्नगी मोजूदा जिन्नगी स बहोत अच्छा रहेन।’

“किन्तु उ नाहीं जानत रही कि उ मइँ ही रहा जउन ओका अन्न, दाखरस अउ तेल देत रहेउँ। मइँ ओका बहोत सारा चाँदी अउ सोना देत रहत रहेउँ, किन्तु ओकर प्रयोग बाल क मूर्तियन बनावइ मँ किहन। एह बरे मइँ वापस आउब अउर आपन अनाज क उ समइ लइ लेब जब उ काटइ बरे तइयार होइ अउर मइँ आपन दाखरस क काटइ क मोसम मँ लेब। अउर मइँ आपन ऊन अउ सन क ओढ़ना क भी वापस लइ लेब जेका मइँ ओकरे नंगेपन क ढकि बरे दिहे रहेन। 10 अब मइँ ओका बेवस्त्र कइके नंगा कइ देब ताकि ओकर सबहिं पिरेमी ओका देखि सकइँ। कउनो भी मनई ओका मोर सक्ति स बचाइ नाहीं पाई। 11 मइँ ओहसे ओकर सारी हँसी खुसी छीन लेब। मइँ ओकर सालाना उत्सवन, नवा चाँद क दावतन अउ हफ्ता क साबित क उत्सवन क खतम मँ लइ आउब। मइँ ओकर सबहिं खास दावतन क रोक देब। 12 मइँ ओकर सबइ अंगूर क बेल अउर अंजीर क बृच्छन क भी नस्ट कइ देब। उ कहे रहेस, ‘इ सबइ चिजियन मोर पिरेमी लोगन मोका दिहे रहेन।’ मुला अब मइँ ओकरे बगियन क रेगिस्तान बदल देब। ओन बृच्छन स जंगली जानवर आइके आपन भूख मिटावा करिहीं।

13 “उ बाल क सेवा किया करत रही, एह बरे मइँ ओका दण्ड देब। उ बाल देवतन क अगवा धूप बारत रही। उ गहनन स सजत अउर नथुनी पहिरा करत रही। फिन उ आपन पिरेमियन क लगे जात रही अउ मोका बिसर जात रही।” इ उ अहइ जउन यहोवा कहे रहा।

14 “एह बरे, मइँ ओका लुभावइ बरे जात हउँ। मइँ ओका रेगिस्तान मँ लइ जाब अउर मइँ खुद ओह पइ जीतब।

याकूब 3:1-13

बानी क संयम

मोर भाइयो तथा बहिनियो, तोहमाँ स बहुतन क सिच्छक बनइ क इच्छा न करइ चाही। तू जनतइ अहा कि हम सिच्छकन क अउर जियादा कड़ाइ क साथे निआव कीन्ह जाई।

काहेकि मइँ सब कइयउ बातन मँ चूक जाइत ह। सभन स बहुत स भूल होतइ रहत हीं। अगर केउ बोलइ मँ कउनउ चूक न करइ तउ उ एक सिद्ध मनई अहइ तउ फिन अउर उ पूरी देह प नियन्त्रण कइ सकत ह? हम घोड़न क मुँह मँ एह बरे लगाम लगावत अही कि उ हमरे बस मँ रहइ। अउर एह तरह ओनके पूरे सरीर क हम बस मँ कई सकित ह। अउर जल-यानन क बारे मँ भी इ बात सत्य अहइ। देखा, चाहे उ जहानन केतनउ बड़ा होत हीं अउर सक्तिसाली हवा क द्वारा चलावा जात हीं, परन्तु एक छोटी स पतवार स ओनका नाविक ओन्हे जहाँ कहूँ लइ जाइ चाहत ह। ओह प काबू पाइ क ओन्हे लइ जात ह। इही तरह जीभ, जउन सरीर क एव्क छोटी स अंग अहइ, तबहुँ बड़ी बड़ी बात कहि डावइ क डींग मारत रहत ह।

अब तनिक सोचा एक जरा स लपट पूरा जंगल क जराइ सकत ह। हाँ, जीभ: एक एक आग क साथ अहइ। इ बुराइ क एक पूरा संसार अहइ। इ जीभ हमरे सरीर क अंग मँ एक अइसेन अंग अहइ, जउन पूरा सरीर क नियन्त्रण मँ रखीके भ्रस्ट कइ डावइत ह अउर हमार पूरा जीवन चक्र मँ ही आग लगाइ देत ह। इ जीभ नरक क आग स धधकत रहत ह।

देखा, हर तरह क हिंसक पसु, पंछी, रेंगइवाला जीव जंतु अउर मछरी प्राणी मनई द्वारा बस मँ कीन्ह जाइ सकत ह अउर कीन्ह भी गवा अहइँ। परन्तु जीभ क केउ भी मनई बस मँ नाहीं कइ सकत। इ घातक बिस स भरा एक अइसेन बुराइ अहइ जउन कभउँ चैन स नाहीं रहत। हम इही जीभ स अपने पर्भू अउर परमेस्सर क स्तुति करत अही अउर इही जीभ स लोगन क जउन परमेस्सर क समानता मँ पैदा कीन्ह गवा अहइँ, मनइयन क कोसत अही। 10 एक्कइ मुँहे स स्तुति अउर अभिसाप दुन्नऊ निकरत हीं! मोर भाइयो तथा बहिनियो, अइसेन तउ न होइ चाही। 11 सोतन क एक्कइ मुहाने स भला का मीठ अउर खारा दुन्नऊ तरह क जल निकर सकत ह। 12 मोर भाइयो तथा बहिनियो, का अंजीर क पेड़े पे जइतून क लता प कभउँ अंजीर लगत ह? निस्चय ही नाहीं। अउर न तउ खारा स्रोत स कभउँ मीठ जल निकर पावत ह।

सच्चा विवेक

13 भला तोहमाँ, गियानी अउर समझदार कउन हयेन? जउन हयेन, ओका अपने करमन अपने अच्छे चाल चलन स उ नम्रता स प्रकट करम जउ गियान स उत्पन्न होत ह।

मत्ती 13:44-52

धने क भण्डार अउर मोती क दिस्टान्त

44 “सरग क राज्य खेत मँ गड़ा भवा खजाना क नाईं अहइ, जेका कउनो मनई पाएस अउर फिन ओका हुवँई गाड़ दिहेस। उ ऍतना खुस भवा कि ओकरे लगे जउन कछू रहा उ ओका बेंच दिहस अउर उ खेत बेसहि लिहस।

45 “सरग क राज्य एक अइसे बेवपारी क नाईं अहइ कि जउन बढ़िया मोती क खोज मँ होइ। 46 जइसेन ओका एक अनमोल मोती मिला तउ जाइके जउन कछू ओकरे पास रहा, उ बेंच डाएस अउर मोती वेसहि लिहस।

मछरी पकड़इ क जाल

47 “सरगे क राज्य मछरी पकड़इ बरे झीले मँ फेंक गवा जाल क नाईं भी अहइ। जेहमाँ किसिम किसिम क मछरी पकड़ लीन्ह गइन। 48 जब उ जाले मँ मछरी मुचामुच भरि गइन तउ किनारे ओका हींच लीन्ह गवा अउर हुवाँ बैठिके नीक मछरी छाँटिके टोकरिन मँ भरि लीन्ह गइन मुला बेकार मछरी फेंकि दीन्ह गइन। 49 सृस्टि क अंत मँ अइसे ही होई। सरगदूतन अइहीं अउर धर्मियन मँ स दुस्ट मनइयन क छाँटिके 50 धधकत भट्ठी मँ झोकि देइहीं। हुवाँ बस रोउब अउर दाँत पीसब होई।”

51 ईसू आपन चेलन स पूछेस, “का तू सबइ इ बातन क समझत ह”

उ पचे जबाव दिहन, “हाँ।”

52 फिन उ ओनसे कहेस, “देखा, एह बरे हर धरम सास्तरी जउन सरग क राज्य क जानत ह, एक अइसे ग्रिहस्त क नाई अहइ, जउन आपन बखरी स नई पुरानी चीजन्क बाहेर निकारत ह।”

Awadhi Bible: Easy-to-Read Version (ERV-AWA)

Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.