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Book of Common Prayer

Daily Old and New Testament readings based on the Book of Common Prayer.
Duration: 861 days
Saral Hindi Bible (SHB)
Version
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1 कोरिन्थॉस 12:27-13:3

27 तुम मसीह के शरीर हो और तुममें से हर एक इस शरीर का अंग है. 28 कलीसिया में परमेश्वर ने सबसे पहिले प्रेरितों, दूसरा भविष्यद्वक्ताओं तथा तीसरा शिक्षकों को नियुक्त किया है. इसके बाद उनको, जिन्हें अद्भुत काम, चंगा करने का, भलाई करनेवाले, प्रशासन-प्रबन्ध करने वाले तथा अन्य भाषा बोलने की क्षमता प्रदान की गई है. 29 इसलिए क्या सभी प्रेरित हैं? सभी भविष्यद्वक्ता हैं? सभी शिक्षक हैं? सभी अद्भुत काम करते हैं? 30 क्या सभी को चंगाई करने की क्षमता दी गई है? क्या सभी को अन्य भाषाओं में बात करने की क्षमता दी गई है? क्या सभी को अनुवाद की क्षमता दी गई है? नहीं!

पवित्रात्मा द्वारा दी गई क्षमताओं में महत्ता का क्रम

31 सही तो यह होगा कि तुम ऊँची क्षमताओं की इच्छा करो.

अब मैं तुम्हें सबसे उत्तम स्वभाव के विषय में बताना चाहूँगा.

प्रेम

13 यदि मैं मनुष्यों और स्वर्गदूतों की भाषाओं में बातें करूँ मगर यदि मैं प्रेम न रखूँ, तो मैं घनघनाता घड़ियाल या झनझनाती झाँझ हूँ. यदि मुझे भविष्यवाणी करने की क्षमता प्राप्त है, मैं भेद जानने वाला तथा ज्ञानी हूँ और मेरा विश्वास ऐसा मजबूत हो कि मेरे वचन मात्र से पर्वत अपने स्थान से हट जाएँ किन्तु मैं प्रेम न रखूँ तो मैं कुछ भी नहीं. यदि मैं अपनी सारी सम्पत्ति कंगालों में बांट दूँ और अपना शरीर भस्म होने के लिए बलिदान कर दूँ किन्तु यदि मैं प्रेम न रखूँ तो क्या लाभ?

मारक 9:2-13

मसीह येशु का रूपान्तरण

(मत्ति 17:1-13; लूकॉ 9:28-36)

छः दिन बाद मसीह येशु केवल पेतरॉस, याक़ोब तथा योहन को एक ऊँचे पर्वत पर ले गए कि उन्हें वहाँ एकान्त मिल सके. वहाँ उन्हीं के सामने मसीह येशु का रूपान्तरण हुआ. उनके वस्त्र उज्ज्वल तथा इतने अधिक सफ़ेद हो गए कि पृथ्वी पर कोई भी किसी भी रीति से इतनी उज्ज्वल सफेदी नहीं ला सकता. उन्हें वहाँ मोशेह के साथ एलियाह दिखाई दिए. वे मसीह येशु के साथ बातें कर रहे थे.

यह देख पेतरॉस बोल उठे, “रब्बी! हमारा यहाँ होना कितना सुखद है! हम यहाँ तीन मण्डप बनाएँ—एक आपके लिए, एक मोशेह के लिए तथा एक एलियाह के लिए.” पेतरॉस को यह मालूम ही न था कि वह क्या कहे जा रहे हैं—इतने अत्यधिक भयभीत हो गए थे शिष्य!

तभी एक बादल ने वहाँ अचानक प्रकट हो कर उन्हें ढ़क लिया और उसमें से निकला एक शब्द सुनाई दिया, “यह मेरा पुत्र है—मेरा परमप्रिय—जो वह कहता है, उस पर ध्यान दो!”

तभी उन्होंने देखा कि मसीह येशु के अतिरिक्त वहाँ कोई भी न था.

पर्वत से नीचे उतरते हुए मसीह येशु ने शिष्यों को सावधान किया कि जब तक मनुष्य का पुत्र मरे हुओं में से जीवित न हो जाए, तब तक जो उन्होंने देखा है उसकी चर्चा किसी से न करें. 10 इस घटना को उन्होंने अपने तक ही सीमित रखा. हाँ, वे इस विषय पर विचार-विमर्श अवश्य करते रहे कि मरे हुओं में से जीवित होने का मतलब क्या हो सकता है.

11 शिष्यों ने मसीह येशु से प्रश्न किया, “क्या कारण है कि शास्त्री कहते हैं कि पहले एलियाह का आना अवश्य है?”

12 मसीह येशु ने उन्हें उत्तर दिया, “सच है. एलियाह ही पहले आएगा तथा सब कुछ व्यवस्थित करेगा. अब यह बताओ: पवित्रशास्त्र में मनुष्य के पुत्र के विषय में यह वर्णन क्यों है कि उसे अनेक यातनाएँ दी जाएँगी तथा उसे तुच्छ समझा जाएगा? 13 सुनो! वास्तव में एलियाह आ चुके और उन्होंने उनके साथ मनमाना व्यवहार किया—ठीक जैसा कि वर्णन किया गया था.”

Saral Hindi Bible (SHB)

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