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Book of Common Prayer

Daily Old and New Testament readings based on the Book of Common Prayer.
Duration: 861 days
Saral Hindi Bible (SHB)
Version
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1 कोरिन्थॉस 13

प्रेम

13 यदि मैं मनुष्यों और स्वर्गदूतों की भाषाओं में बातें करूँ मगर यदि मैं प्रेम न रखूँ, तो मैं घनघनाता घड़ियाल या झनझनाती झाँझ हूँ. यदि मुझे भविष्यवाणी करने की क्षमता प्राप्त है, मैं भेद जानने वाला तथा ज्ञानी हूँ और मेरा विश्वास ऐसा मजबूत हो कि मेरे वचन मात्र से पर्वत अपने स्थान से हट जाएँ किन्तु मैं प्रेम न रखूँ तो मैं कुछ भी नहीं. यदि मैं अपनी सारी सम्पत्ति कंगालों में बांट दूँ और अपना शरीर भस्म होने के लिए बलिदान कर दूँ किन्तु यदि मैं प्रेम न रखूँ तो क्या लाभ?

प्रेम धीरजवन्त है, प्रेम कृपालु है. प्रेम जलन नहीं करता, अपनी बड़ाई नहीं करता, घमण्ड़ नहीं करता, अशोभनीय नहीं, स्वार्थी नहीं, झुंझलाता भी नहीं और क्रोधी भी नहीं है. उसका आनन्द दुराचार में नहीं, सच्चाई में है. प्रेम हमेशा ही संरक्षण प्रदान करता है, सन्देह नहीं करता, हमेशा आशावान और हमेशा धीरज बनाए रहता है.

प्रेम अनन्त काल का है. जहाँ तक भविष्यद्वाणियों का सवाल है, वे थोड़े समय के लिए हैं. भाषाएँ निःशब्द हो जाएँगी तथा ज्ञान मिट जाएगा क्योंकि अधूरा है हमारा ज्ञान और अधूरी है हमारी भविष्यवाणी करने की क्षमता; 10 किन्तु जब हम सिद्धता तक पहुँच जाएँगे, वह सब, जो अधूरा है, मिट जाएगा. 11 जब मैं बालक था, मैं बालक के समान बातें करता था, बालक के समान विचार करता था तथा बालक के समान ही वाद-विवाद करता था किन्तु सयाना होने पर मैंने बालकों का सा व्यवहार छोड़ दिया. 12 इस समय तो हमें आयने में धुंधला दिखाई देता है किन्तु उस समय हम आमने-सामने देखेंगे. मेरा ज्ञान इस समय अधूरा है किन्तु उस समय मेरा ज्ञान वैसा ही होगा जैसा इस समय मेरे विषय में परमेश्वर का है.

13 पर अब ये तीन: विश्वास, आशा और प्रेम ये तीनों स्थाई है किन्तु इनमें सबसे ऊपर है प्रेम.

मत्तियाह 10:5-15

येशु ने इन बारहों को इन निर्देशों के साथ विदा किया: “अन्यजातियों के मध्य न जाओ और शोमरोन प्रदेश के किसी भी नगर में प्रवेश न करना. परन्तु इस्राएल घराने की खोई हुई भेड़ों के पास जाओ. जाते हुए यह घोषणा करते जाओ, ‘स्वर्ग-राज्य समीप आ पहुँचा है.’ रोगियों को स्वस्थ, मरे हुओ को जिलाओ, कोढ़ रोगियों[a] को शुद्ध तथा प्रेतों को निकालते जाओ. तुमने बिना दाम के प्राप्त किया है, बिना दाम लिए देते जाओ. यात्रा में अपने लिए सोना, चांदी तथा ताँबे के सिक्कों को जमा न करना. 10 यात्रा के लिए न थैला, न वस्त्रों के दूसरे जोड़े, न जूते और न ही लाठी साथ ले जाना क्योंकि भरण पोषण. हर एक मज़दूर का अधिकार है.

11 “किसी भी गाँव या नगर में प्रवेश करने पर योग्य व्यक्ति की खोज करना और वहाँ से विदा होने तक उसी के अतिथि हो कर रहना. 12 उस घर में प्रवेश करते समय उनके लिए मंगलकामना करना. 13 यदि वह घर इस योग्य लगे तो उसके लिए शान्ति की कामना करना; यदि वह इसके योग्य न लगे तो अपनी शान्ति की कामना अपने पास लौट आने देना. 14 जो कोई तुम्हारा स्वागत न करे या तुम्हारी न सुने उस घर से या उस नगर से बाहर आते हुए अपने चरणों की धूल तक वहीं झाड़ देना. 15 सच तो यह है कि न्याय के दिन पर उस नगर की तुलना में सदोम और अमोराह का दण्ड कहीं अधिक सहनीय होगा.

Saral Hindi Bible (SHB)

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