Book of Common Prayer
मन्दिर क समर्पण बरे दाऊद क एक ठु पद।
1 हे यहोवा, तू मोरी बिपत्तियन स मोर उद्धार किहा ह।
तू मोरे दुस्मनन क मोका हरावइ अउर मोर खिल्ली उड़ावइ नाहीं दिहा।
तउ मइँ तोहरे बरे आदर परगट करब।
2 हे मोर परमेस्सर यहोवा, मइँ तोहसे पराथना किहेउँ।
तू मोका चँगा कइ दिहा।
3 कब्र स तू मोर उद्धार किहा, अउर मोका जिअइ दिहा।
मोका मुर्दन क संग मुर्दन क गड़हा मँ पड़े भए नाहीं रहइ पड़ा।
4 परमेस्सर क भगतन, यहोवा क स्तुति करा!
ओकरे सुभ नाउँ क प्रसंसा करा।
5 यहोवा कोहाइ गवा, तउ निर्णय भवा “मउत!”
मुला उ आपन पिरेम परगट किहस अउर मोका “जिन्नगी” दिहस।
मइँ राति क रोवत विलापत सोएउँ।
दूसर भिन्सारे मइँ गावत भवा खुस रहेउँ।
6 मइँ अब इ कहि सकत हउँ, अउर मइँ जानत हउँ इ निहचय फुरइ अहइ,
“मइँ कबहुँ नाहीं हारब!”
7 हे यहोवा, जब तू मोहे पइ दयालु भया
अउ तउ मइँ महसूस किहेउँ कि मइँ अइसा सुरच्छित अहउँ जइसा पहाड़े पइ एक किला।
मुला मइँ डर स काँपि गएउँ
जब तू मोका अस्वीकार कइ दिहा।
8 हे परमेस्सर, मइँ तोहरी कइँती लउटेउँ अउर बिनती किहेउँ।
मइँ आपन पइ दाया देखावइ क विनती किहेउँ।
9 मइँ कहेउँ, “परमेस्सर का इ नीक अहइ कि मइँ मरि जाउँ
अउर कब्र क भीतर खाले चला जाऊँ?
मरे भए मनई तउ माटी मँ ओलरा रहत हीं,
उ पचे तोहरे नेक क स्तुति
जउन सदा सदा बनी रहत ह नाहीं करतेन।
10 हे यहोवा, मोर पराथना सुना अउर मोह पइ करुणा करा!
हे यहोवा, मोर मदद करा!”
11 मइँ पराथना किहेउँ अउर तू मोर मदद किहा!
तू मोरे रोवइ क नाच मँ बदल दिहा मोरे सोक वस्त्र क तू उतारिके बहाइ दिहा,
अउर मोका आनन्द मँ सराबोर कइ दिहा।
12 हे यहोवा, मइँ तोर सदा जसगान करब।
मइँ अइसा करब जेहसे कबहुँ नीरवता न बियापइ।
तोहार प्रसंसा मँ हमेसा कउनो न कउनो गावत रही।
दाऊद क एक गीत।
1 धन्न अहइ उ जेकर पाप छमा भएन।
धन्न अहइ उ जन
जेकर पाप धुल गएन।
2 उ पचे कइसे धन्य अहइँ
जेका यहोवा दोखी नाहीं समुझत ह।
उ जन जउन आपन गुप्त पापन क छुपावइ क जतन न करइ आसीसित होइहीं।
3 हे परमेस्सर, मइँ तोहसे बार बार बिनती किहेउँ,
मुला आपन छुपा पाप तोहका नाहीं बताएउँ।
जेतनी दाई मइँ तोहार बिनती किहेउँ मइँ तउ अउर जियादा दुर्बल होत चला गएउँ।
4 हे परमेस्सर, तू मोर जिन्नगी दिन रात कठिन स जियादा कठिन बनाइ दिहा।
मोर ताकत अइसा झुराइ गवा अहइ जइसा गर्मी क मोसम क ताप झुलसाइ दिहे अहइ।
5 मुला फिर मइँ यहोवा क समच्छ आपन सबहिं पापन क मानइ क निहचय कइ लिहे हउँ।
हे यहोवा, मइँ तोहका आपन पाप बताइ दिहेउँ।
मइँ आपन कउनो अपराध तोहसे नाहीं छुपाएउँ।
अउर तू मोरे पापन क दोख छिमा कइ दिहा।
6 एह बरे, परमेस्सर, तोहरे भगतन क तोहार बिनती करइ चाही।
हिआँ तलक कि जब विपत्ति जल प्रलय स उमड़इ तब भी तोहरे भगतन क तोहार बिनती करइ चाही।
7 हे परमेस्सर, तू मोर रच्छा क ढाल अहा तू मोका मोरी बिपत्तियन स उबारत अहा।
तू मोका सुरच्छा क गीत स घेरि लिहा ह।
तउ एह बरे मइँ, जइसे तू रच्छा किहा ह,
ओनही बातन क गीत गावा करत हउँ।
8 यहोवा कहत ह, “मइँ तोहका जइसे चलइ चाही सिखाउब
अउर तोहका उ राह देखाउब।
मइँ तोहार रच्छा करब अउर मइँ तोहार अगुआ बनब।
9 तउ तू घोड़न या गदहन स बुद्धिहीन जिन बना।
ओन पसुअन क तउ मुखरी अउ लगाम स चलावा जात ह।
अगर तू ओनका लगाम या रास नाहीं लगउब्या, तउ उ सबइ पसु निअरे नाहीं अइहीं।”
10 दुर्जनन क बहोत स पीड़ा घेरिहीं।
मुला ओन लोगन क जेनका यहोवा पइ भरोसा अहइ, यहोवा क सच्चा पिरेम ढाक लेइ।
11 सज्जन तउ यहोवा मँ सदा मगन अउ आनन्दित रहत हीं।
अरे ओ लोगो, तू सब पवित्तर मन क साथ आनन्द मनउब्या।
दूसर भाग
(भजन 42–72)
संगीत निर्देसक बरे कोरह परिवार क एक ठु मस्किल।
1 एक ठु पिआसा हिरन क नाईं जउन धार क पानी पिअइ क इच्छुक अहइ,
वइसे ही, हे परमेस्सर, मोर प्राण तोहरे इच्छा रखत हीं।
2 मोर प्राण जिअत परमेस्सर क पिआसा अहइ।
मइँ ओहसे मिलइ बरे कब आइ सकत हउँ?
3 राति अउ दिन मोर हर दिन क भोजन सिरिफ आँसू बाटइ।
मोर दुस्मन कहत हीं, “तोहार परमेस्सर कहाँ बा?”
4 तउ मोका इ सबइ बातन क सुमिरइ द्या।
मोका आपन हिरदइ बाहेर उड़ेरइ द्या।
मोका सुमिरन अहइ मइँ परमेस्सर क मन्दिर मँ चलेउँ अउ भिड़िया क अगुआई करत रहेउँ।
मोका सुमिरन अहइ उ लोगन क संग आनन्द स भरा बड़कई क गीत गाउब अउर उ उत्सव मनाउब।
5-6 मइँ ऍतना दुःखी काहे हउँ?
मइँ ऍतना बियाकुल काहे हउँ?
“मोका परमेस्सर क सहारे क बाट जोहइ चाही।
मोका अबहुँ ओकर स्तुति क अवसर मिली।
उ मोका बचाई।
हे मोरे परमेस्सर, मइँ बहोतइ दुःखी हउँ।
एह बरे मइँ यरदन नदी क स्रोत मँ, हर्मोन पहाड़ क आधार पइ छोटा पहाड़ी[a] मँ तोहार आराधना किहेउँ ह।”
7 जइसे नदी क लहरन आवत अउ गरजत ह मइँ झरना क कोलाहल करत भए सब्द सुनत हउँ।
वइसे ही मोका विपत्तियन बारम्बार घेरी रहिन।
हे यहोवा, तोहार लहरन एक क बाद दूसरा आवत ह,
मोर चारिहुँ कइँती घेरिके मोका दहबोच रखेन ह।
8 अगर हर दिन यहोवा बिस्ससनीय पिरेम देखाइ।
फुन तउ राति मँ मइँ ओकर गीत गाइ पाउब।
मइँ आपन सजीव परमेस्सर क पराथना कइ सकब।
9 मइँ आपन परमेस्सर, आपन चट्टान स बातन करत हउँ।
मइँ कहा करत हउँ, “हे यहोवा, तू मोका काहे बिसराइ दिहा?
ये यहोवा, तू मोका इ काहे नाहीं देखाँया कि मइँ आपन दुस्मनन स बचिके कइसे निकरउँ?”
10 मोर दुस्मनन मोका मारइ क जतन किहेन।
उ पचे मोहे पइ आपन घिना देखाँवत हीं जब उ पचे कहत हीं, “तोहार परमेस्सर कहाँ अहइ?”
11 मइँ ऍतना दुःखी काहे हउँ?
मइँ काहे ऍतना बियाकुल हउँ?
“मोका परमेस्सर क सहारे क बाट जोहइ चाही?
मोका अब भी ओकर स्तुति करइ क अवसर मिली।
उ मोका बचाइ।”
1 हे परमेस्सर, एक मनई अहइ जउन तोहार अनुसरण नाहीं करत।
उ मनई दुट्ठ अहइ अउ झूठ बोलत ह।
हे परमेस्सर, मोर मोकदमा लड़ा अउर इ निर्णय करा कि कउन सत्य बाटइ।
मोका उ मनई स बचाइ ल्या।
2 हे परमेस्सर, तू ही मोर सरणस्थल अहा!
मोका तू काहे बिसराइ दिहा?
तू मोका इ काहे नाहीं देखाँया
कि मइँ आपन दुस्मनन स कइसे बचिके निकरउँ?
3 हे परमेस्सर, तोहार जोति अउ सच्चाई क मोह पइ चमकइ द्या।
उ मोका तोहार पवित्तर पर्वत पइ तोहार आपन वास-स्थान जाइ मँ अगुवाइ करइ।
4 मइँ तउ परमेस्सर क वेदी क लगे जाब।
परमेस्सर मइँ तोहरे पास आउब।
उ मोका आनन्दित करत ह।
हे परमेस्सर, हे मेरे परमेस्सर, मइँ वीणा पइ तोहार स्तुति करब।
5 मइँ ऍतना दुःखी काहे हउँ?
मइँ काहे ऍतना बियाकुल हउँ?
“मोका परमेस्सर क सहारे क बाट जोहइ चाही।
मोका अब भी ओकर स्तुति क अवसर मिली।
उ मोका बचाई।”
दाऊद क अलग-अलग ठउर प जाब
22 दाऊद गथ क तजि दिहस। दाऊद अदुल्लाम क गुफा मँ पराइ गवा। दाऊद क भइयन अउ रिस्तेदारन सुनेन कि दाऊद अदुल्लाम मँ रहा। उ पचे दाऊद क मिलइ हुआँ गएन। 2 बहोत स मनई दाऊद क लगे होइ गएन। उ सबइ, जउन कउनो विपत्ति मँ रहेन या कर्जा मँ रहेन या संतुट्ठ नाहीं रहेन। दाऊद क संग होइ गएन। दाऊद क लगे चार सौ मनसेधू रहेन।
3 दाऊद अदुल्लाम क तजि दिहस अउर उ मोआब मँ बसा मिस्पा चला गवा। दाऊद मोआब क राजा स कहेस, “कृपा कइके मोरे महतारी बाप क आवइ द्या अउर आपन लगे तब तलक रहइ द्या जब ताई मइँ इ न समुझ सकउँ कि परमेस्सर मोरे संग का करइ जात अहइ।” 4 दाऊद आपन महतारी-बाप क मोआब क राजा क लगे तजि दिहस। दाऊद क महतारी बाप मोआब क राजा क लगे तब तलक ठहरेन जब तलक दाऊद किला मँ रहा।
5 मुला नबी गाद दाऊद स कहेस, “किला मँ जिन ठहरा। यहूदा पहँटा मँ जा।” ऍह बरे दाऊद हुआँ स चल पड़ा अउ हरथ क जंगल मँ गवा।
साऊल अहीमेलेक क परिवार क नसावत
6 साऊल जानि लिहेस कि दाऊद अउ ओकरे मनइयन क बारे मँ पता चल गवा अहइँ। साऊल गीबा मँ पहाड़ी प एक पेड़ क नीचे बइठा रहा। साऊल क हाथ मँ ओकर भाला रहा। साऊल क सबहिं अफसरन ओकरे चारिहुँ कइँती खड़ा रहेन। 7 साऊल आपन उ अफसरन स कहेस, जउन ओकरे चारिहुँ कइँती खडा रहेन, “बिन्यामीन क मनइयो, सुना। का तू पचे समुझत ह कि यिसै क पूत तोहका खेत अउ अंगूरे क बगिया देइ? का तू पचे समुझत ह कि उ तोहका तरक्की देइ अउर तू पचन्क हजार मनई अउ सौ मनइयन क ऊपर अफसर बनइ। 8 तू पचे मोरे खिलाफ जाल रचत बाट्या। तू पचे छिपी भइ चाल चल्या ह। तू पचन मँ स कउनो भी मोर पूत योनातान क बारे मँ नाहीं बताएस ह। तोहमाँ स कउनो भी इ नाहीं बताएस ह कि उ यिसै क पूत क संग क समझौता किहेस ह। तोहमाँ स कउनो भी मोर परवाह नाहीं करत। तोहमाँ स कउनो भी इ नाहीं बताएस कि मोर पूत योनातान दाऊद क हुस्काएस ह। योनातान मोर नउकर दाऊद स कहेस कि उ लुकाइ जाइ अउर मोहे प हमला करइ। अउर इ उहइ अहइ कि जउन दाऊद अब करत बाटइ।”
9 एदोमीत दोएग साऊल क अफसरन क संग खड़ा रहा। दोएग कहेस, “मइँ यिसै क पूत दाऊद क नोब मँ लखेउँ ह। दाऊद अहीतूब क पूत अहीमेलेक स भेंटइ आवा। 10 अहीमेलेक यहोवा स दाऊद बरे बिनती किहस। अहीमेलेक दाऊद क भोजन भी दिहस। अउर अहीमेलेक दाऊद क पलिस्ती गोलियत क तरवार भी दिहस।”
11 ऍह बरे राजा याजक अहीतूब क पूत अउर ओकर सारा परिवार, याजकन जे नोब मँ रहत भवा, ओका अपन लगे अवइ बरे संदेस भेजेस, अउर उ पचे सबहिं राजा लगे आएन। 12 साऊल अहीमेलेक स कहेस, “अहीतूब क पूत, अब सुनि ल्या।”
अहीमेलेक जवाब दिहस, “हाँ, महाराज।”
13 साऊल अहीमेलेक स कहेस, “तू अउर यिसै क पूत दाऊद मोरे खिलाफ छिपी योजना काहे बनाया? तू दाऊद क रोटी अउ तरवार दिहा। तू परमेस्सर स ओकरे बरे बिनती किह्या। अउर अब सोझइ, दाऊद मोह पइ हमला करइ क जोहत अहइ।”
14 अहीमेलेक जवाब दिहस, “दाऊद आप क बड़का पतियाइ क काबिल अहइ। तोहरे अफसरन मँ स कउनो ओतॅना पतियाइ क काबिल नाहीं जेतेना दाऊद बा। दाऊद तोहार आपन जमाई अहइ। अउर दाऊद अंगरच्छक क नायक अहइ। तोहार आपन परिवार दाऊद क सम्मान करत ह। 15 उ पहली दाई नाहीं रहा, कि मइँ दाऊद बरे परमेस्सर स बिनती कीन्ह। अइसी बात नाहीं। मोका या मोरे कउनो नातेदार प दोख जिन लगावा। हम पचे तोहार नउकर अही। मोका कछू भी पता नाहीं कि इ सब का होत बाटइ।”
16 मुला राजा कहेस, “अहीमेलेक, तू पचन क अउ तोहरे सबहिं नातेदारन क मरब अहइ।” 17 तब राजा आपन बगल मँ खड़ा भवा रच्छकन स कहेस, “जा अउ यहोवा क याजकन क मारि डावा। ऍह बरे इ करा काहेकि उ पचे दाऊद क पच्छ मँ अहइँ। उ पचे जानत रहेन कि दाऊद परान बाटइ, मुला उ पचे मोका बताएन नाहीं।”
मुला राजा क अफसरन यहोवा क याजकन क मारइ स इन्कार कइ दिहन। 18 ऍह बरे राजा दोएग क हुकुम दिहस। साऊल कहेस, “दोएग तू जा अउ याजकन क मारि डावा।” ऍह बरे एदोमीत दोएग गवा अउ उ याजकन क मारि डाएस। उ दिना दोएग सन क एपोद पहिरइवालन पचासी मनसेधू याजकन क मारि डाएस। 19 नोब याजकन क सहर रहा। दोएग सहर क सबहिं मनइयन क मारि डाएस। दोएग आपन तरवार क भाँजेस उ सबहिं मनसेधुअन, मेहररुअन, लरिकन अउ गदेलन क जपि दिहस। दोएग ओनकइ गइयन, खच्चरन अउ भेड़ी तलक क जपि दिहस।
20 मुला एब्यातार हुआँ स बचि निकरा। एब्यातार अहीमेलेक क पूत रहा। अहीमेलेक अहीतूब क पूत रहा। एब्यातार बचिके निकरा अउ दाऊद स मिलि गवा। 21 एब्यातार दाऊद स कहेस कि साऊल यहोवा क याजकन क मारि डाएस ह। 22 तब दाऊद एब्यातार स कहेस, “मइँ एदोमी दोएग क उ दिना नोब मँ लखेउँ रहे। अउर मइँ जानत हउँ कि उ साऊल स कही। मइँ तोहरे बाप क परिवारे क मउत बरे जिम्मेदार हउँ। 23 जउन मनई साऊल तोहका मारइ चाहत ह उ मोका भी मारइ चाहत ह। मोरे संग ठहरा। जिन डेराअ। तू मोरे संग बचा रहब्या।”
26 “भाइयो, इब्राहीम क सन्तानो अउर सच्चे परमेस्सर क आराधक गैर यहूदियो, उद्धार क इ सुसमाचार हमरे बरे ही पठवा ग अहइ। 27 यरुसलेम मँ बसइयन अउर ओनकइ राजा लोगन ईसू क नाहीं पहिचानेन। अउर ओका दोखा ठहराइ दिहेन। इ तरह उ पचे नबी लोगन क उ बचन क पूरा किहन जेनकइ सबित क दिन पाठ कीन्ह जात ह। 28 अउर जदि अपि ओनका ओकरे मउत क राजा क कउनो सबूत नाहीं मिला, तउ भी उ पचे पलातुस स ओका मरवाइ डावइ क माँग किहेन।
29 “ओकरे बारे मँ जउन कछू लिखा रहा, जब उ पचे सब कछू क पूरा कइ चुकेन ओका क्रूस प स खाले उतारेन अउर एक कब्र मँ धइ दिहन। 30 मुला परमेस्सर ओका मरइ क पाछे फिन जीवित कइ दिहस। 31 अउर फिन जउन लोग गलील स यरूसलेम तलक ओकरे संग गएन, उ ओनकइ अगवा कइउ दिना ताईं परगट होत रहा। इ सबइ अब मनइयन बरे ओकर साच्छी अहइँ।
32 “हम तोहका उ प्रण क बारे मँ सुसमाचार सुनावत अही जउन हमरे पूर्वजन क संग कीन्ह गइ रही। 33 ईसू क, मरि जाए क पाछे फिन जीवित कइके, ओनकइ संताने क बरे परमेस्सर उहइ सपथ क हमरे बरे पूरा किहेस ह। जइसा कि दूसर भजन संहिता मँ लिखा भी अहइ:
‘तु मोर पूत अहा,
मइँ तोहका आजु ही जनम दिहेउँ ह।’ (A)
34 अउर उ ओका मरे भएऩ मँ जिआइ के उठाएस जेहॅसे नास होइ स पहिले ओका फिन स लौटब न होइ। उ इ तरह कहे रहा:
‘मइँ तोहका उ सबइ पवित्तर अउर न टरइ क असीस देब
जेनका देइ क बचन मइँ दाऊद क दिहेउँ।’ (B)
35 इ तरह एक दूसर भजन मँ उ कहत ह:
‘तू आपन पवित्तर जने क नास क अनुभव नाहीं होइ दिहा।’ (C)
36 “फिन दाऊद आपन जुग मँ परमेस्सर क प्रयोजन क मुताबिक आपन सेवा-काम पूरा कइके मर गवा, ओका ओकरे पूर्वजन क संग दफनाइ दीन्ह गवा अउर ओकर छय भवा। 37 मुला जेका परमेस्सर मरे भएऩ क बीच क जीवित कइके उठाएस, ओकर छय नाहीं भवा। 38-39 तउ भाइयो, तू सबन्क जान जाइ चाही कि ईसू क जरिए ही पाप क छमा क उपदेस तोहका दीन्ह गवा ह। अउर इहइ क जरिए हर कउनो जउन बिसवासी अहइ, ओन पापन्स छुटकारा पाइ सकत ह, जेनसे मूसा क व्यवस्था छुटकारा नाहीं दियाइ सकत रही। 40 तउ होसियार रहा, कहूँ नबियन जउन कछू कहे बाटेन, तू सबन प न घटइ:
41 ‘निन्दा करइया लोगो,
लखा, होइके भउचक्का मरि जाब्या,
काहेकि तोहरे जुग मँ
एक कारज अइसा करत हउँ,
जेकर चर्चा तलक प तोहका कबहुँ ह
बिसवास होई।’” (D)
42 पौलुस अउर बरनावास जब हुवाँ स जात रहेन मनइयन ओनसे अगले सबित क दिन अइसी ही अउर बातन बतावइ बरे पराथना किहेन। 43 जब सभा खतम भइ तउ बहोत स यहूदियन अउर बहुत गैर यहूदी भक्तन पौलुस अउर बरनाबास क पाछा किहेन। पौलुस अउर बरनाबास ओनसे बातचीत करत भए बिनती किहेन कि उ सबइ परमेस्सर क अनुग्रह मँ बन रहइँ।
19 अउर यहूदा इस्करियोती (जउन पाछे ओका धोखा दिहेस)।
यहूदियन कहेन कि ईसू मँ सइतान बाटइ
(मत्ती 12:22-32; लूका 11:14-23; 12:10)
20 तब ईसू घरे गवा। एक दाईं फिन एक भारी भीर घेर लिहस। अइसा भवा कि ईसू अउर ओकर चेलन खइया के नाहीं खाए पाएन। 21 जबहिं ओकरे परिवारे क निअम्बर ऍकरे बारे मँ सुनि लिहन तबहिं उ सब ओका लेवॉवइ चलेन। इ सोचिके सब मनइयन कहत बाटेन कि ओकर मन ठेकाने नाहीं।
22 यरूसलेम स आइ भएन धरम सास्तिरियन कहेन, “ओहमाँ बालजबूल (सइतान) घुसि ग अहइ। दुस्ट आतिमन क सरदार क ताकत स उ दुस्ट आतिमन क मनई स भगावत अहइ।”
23 ईसू ओन पचे क एकट्ठइ बोलाएस अउर दिस्टान्त दइ के कहइ लाग, “कइसे सइतान मनई स सइतान क भगाइ देई? 24 जदि एक ठु राज्य मँ आपन खिलाफ फूट परि जाइ तउन उ राज्य टिक सकत नाहीं। 25 जदि एक परिवार आपस मँ बँटि जाइ तउ उ बचि सकत नाहीं। 26 जदि सइतान खुद आपन खिलाफ होइ जाइ अउर फूट डारी तउ उ बचि पावत नाहीं। आखिर मँ उ बरिबाद होइ जाई।
27 “जदि कउनो बरिआर मनई क घरे मँ घुसिके लइके सब असबाब ढोइ सकत नाहीं; जब तलक पहिले सब ते बरिआर मनई बाँध न देइ। तब इ उ घरवा क लूटि लेइ।
28 “मइँ तोसे सच सच कहत अहउँ। लोगन्क हर किसिम क पापन अउ कच्ची पक्की बात जउन उ सब एक दूसर क बोलेन ह, उ सबन्क छमा कीन्ह जाइ सकत ह। 29 मुला जउन पवित्तर आतिमा क बेज्जती करी ओका छमा कबहुँ न होई। एकरे बजाय न खतम होइवाला पाप क उ भागी होई।”
30 एह बरे ईसू कहत रहा कि धरम सास्तिरियन कहत रहेन कि ओहमाँ दुस्ट आतिमा सवार अहइ।
ईसू क चेलन ओकर सच्चा परिवार
(मत्ती 12:46-50; लूका 8:19-21)
31 तबहिं ईसू क महतारी अउर ओकर भाइयन आएन। उ सब बाहेर खरा भएन अउर कउनो एक क ओकरे निअरे बाहेर आइ क पठएन। 32 ओकरे चारिहुँ कइँती भी बइठी रही। उ ओसे कहेस, “देखा! तोहार महतारी भाइयन तोहका पूछत अहइँ।”
33 जवाबे मँ ईसू ओनसे कहेस, “कउन मोर महतारी अउ कउन मोर भाइयन अहइँ?” 34 ईसू आपन क चारिहुँ कइँती बइठे मनइयन प देखिके कहेस, “ई अबहिं मोर महतारी अउर मोर भाइयन। 35 जउन परमेस्सर क इच्छा पूरी करी उ मोर भाई, बहिन अउर महतारी अहइँ।”
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.