Book of Common Prayer
1 यहोवा सासन करत ह, धरती क खुस रहइ द्या;
दूर क देसन क प्रसन्न होइ द्या।
2 यहोवा क करिया गहिर बादर घेरे भए अहइँ।
नेकी अउ निआउ ओकरे राज्ज क मजबूत किहे अहइँ।
3 यहोवा क समन्वा आगी चला करत ह,
अउर उ ओकरे आपन दुस्मनन क नास करत ह।
4 ओकर बिजुरी संसार क प्रकासित करत ह।
लोग ओका लखत हीं अउर डेरान रहत हीं।
5 यहोवा क समन्वा पहाड़ अइसे पिघल जात हीं, जइसे मोम पिघल जात ह।
उ समूचइ धरती क सुआमी अहइ।
6 अकास ओकरी नेकी क बखान करत हीं।
हर कउनो परमेस्सर क महिमा लखि लेइ।
7 सबइ लोग जउन मूरतियन क पूजा करत हीं
अउर ओकरे बियर्थ बातन बरे डींग हाँकत हीं,
लजाइ जाइहीं।
सबइ देवतन ओकरे समन्वा निहुरिहीं।
8 हे सिय्योन, सुना अउ खुस ह्वा।
हे यहूदा क सहरन, खुस ह्वा,
तोहार निआउ क कारण, हे यहोवा।
9 हे सर्वोच्च यहोवा, फुरइ तू ही धरती पइ सासन करत ह।
तू दूसर “देवतन” स जियादा उत्तिम अहा।
10 जउन लोग यहोवा स पिरेम रखत हीं, उ पचे पाप स घिना करत हीं।
एह बरे उ आपन लोगन क रच्छा करत ह।
उ ओन लोगन क दुट्ठ लोगन स बचावत ह जउन ओकरे बिस्सासी अहइँ।
11 धर्मी लोगन पइ जोति छितराएस ह
अउ इमानदार-जन बरे आनन्द फइलाएस ह।
12 हे धर्मी लोगो, परमेस्सर मँ खुस रहा।
ओकरे पवित्तर नाउँ क धन्यवाद द्या।
1 यहोवा सासन करत ह।
तउ हे रास्ट्रन, भय स काँप उठा।
उ करूब दूतन ऊँपर आपन सिंहासन पइ विराजमान अहा।
तउ हे संसार भय स काँपि उठा।
2 यहोवा सिय्योन मँ महान अहइ।
सारे रास्ट्रन क उहइ राजा अहइ।
3 सबहिं लोगन क तोहरे महान
अउर भय योग्य नाउँ क गुण गावइ द्या।
परमेस्सर पवित्तर बा।
4 सक्तिसाली राजा क निआउ भावत ह।
तू ही अहा जउन नेकी क स्थापना किहा ह।
तू ही अहा जउन इस्राएल बरे निआव अउर खरापन क स्थापना किहा ह।
5 यहोवा हमरे परमेस्सर क गुणगान करा।
अउर ओकरे चउकी[a] चरण निहुरिके दण्डवत करा।
उ पवित्तर अहइ।
6 मूसा अउ हारून यहोवा क याजकन रहेन।
समूएल ओन मँ स एक रहा जउन ओकरे नाउँ लेइवाला रहा।
उ सबइ ओकर पराथना किहेन।
अउर उ ओनका जवाब दिहस।
7 उ बादर क खम्भा मँ स बातन किहेस।
उ पचे ओकरे आदेसन क मानेन।
परमेस्सर ओनका कानूनन क हुकुमन दिहेस।
8 हे यहोवा हमार परमेस्सर, तू ओनकर पराथना क जवाब दिहा।
तू ओनका इ देखाया कि छमा करइवाला परमेस्सर अहा,
अउर तू लोगन क ओनकर बुरा कर्मन बरे सजा देत अहा।
9 हमार परमेस्सर यहोवा बरे एक ठु गीत गावा।
ओकरे पवित्तर पहाड़े कइँती निहुरिके ओकर उपासना करा।
फुरइ यहोवा हमार परमेस्सर पवित्तर अहइ।
धन्यवाद क एक ठु गीत।
1 हे धरती, तू यहोवा बरे गावा।
2 आनन्द स रहा जब तू यहोवा क सेवा करा।
खुसी क गीतन क संग यहोवा क समन्वा आवा।
3 तू जान ल्या कि यहोवा ही परमेस्सर अहइ।
उ हमका बनएस ह अउ हम ओकर भगत अही।
हम ओकर भेड़ अही।
4 धन्यवाद क गीत संग लिए यहोवा क नगर मँ आवा,
गुणगान क गीत संग लिए यहोवा क मन्दिर मँ आवा।
ओकर आदर करा अउर ओकर नाउँ क धन्य करा।
5 यहोवा उत्तिम अहइ।
ओकर पिरेम सदा सदा ही अहइ।
हम ओह पइ सदा सर्वदा बरे भरोसा कइ सकित ह।
1 यहोवा तू परमेस्सर अहा जउन कि निआव लिआवत ह।
निआव क परमेस्सर आपन क परगट करा।
2 उठा, हे धरती क निआउकर्त्ता।
तू घमण्डी लोगन क उचित सजा देत ह।
3 हे यहोवा, दुट्ठ जन कब तलक मजा मारत रइहीं?
केतॅना देरी तलक?
4 उ सबइ दुट्ठ-जन कब तलक आपन बुरे कामन क बारे मँ
डीगं हाँकत अउर सेखी बघारत रइहीं?
5 हे यहोवा, उ सबइ लोग तोहार लोगन क मुसीबत मँ डालेन ह।
उ पचे तोहरे आपन लोगन क सतावा करत हीं।
6 उ पचे राँड़ अउरतन अउर ओन मेहमानन क जउन ओनके देस मँ ठहरा अहइँ, मारत हीं।
उ पचे ओन अनाथ गदेलन क कतल करत हीं।
7 उ पचे कहत हीं, यहोवा ओनकर बुरा करम करत भए नाहीं लखि सकत।
अउर कहत हीं, ‘इस्राएल क परमेस्सर ओन बातन क नाहीं समुझत जउन घटति अहइँ।’
8 ओ बुद्धिहीन लोग,
तू कब आपन पाठ सिखब्या?
अरे मूरख लोगो,
जतन करा अउर समुझ्या।
9 परमेस्सर हमार कान बनाएस ह,
तउ निहचय ही उ सुन सकिहीं।
परमेस्सर हमार आँखिन बनाएस ह,
तउ निहचय ही देख सकत हीं।
10 उ रास्ट्रन क सम्मान करत हीं, तउ निहचय ही उ तोहार निआव कइ सकत ह।
उ ओन लोगन क ओन सबहिं बातन क सिच्छा देइ जउन ओनका करइ चाही।
11 तउ जउन बातन क लोग सोचत अहइँ यहोवा जानत अहइ।
उ इ जानत अहइ कि ओकर जोजनन हवा क झोंका अहइँ।
12 तू लोग धन्न अहा जेका तू सम्मान देत ह, हे यहोवा।
तू ओन लोगन क आपन कानून सिखावत ह।
13 तू ओनका ओकरे विपत्तियन मँ सांत होइके सहायक करत ह,
जब तलक दुट्ठ लोग कब्र मँ नाहीं दफनाइ दीन्ह जइहीं।
14 यहोवा आपन लोगन क कबहुँ नाहीं तजी।
उ बिना सहारे ओका रहइ नाहीं देइ।
15 निआउ लउटब अउर इमानदारी लिआइ।
फुन लोग खरा बनिहीं।
16 मोका दुट्ठन क खिलाफ जुद्ध करइ मँ कउनो मनई सहारा नाहीं दिहस।
कुकर्मियन क खिलाफ जुद्ध करइ मँ कउनो मोर संग नाहीं दिहस।
17 यहोवा मोर सहायक नाहीं होत,
तउ मोर जिन्नगी मउत क दुआरा सांत होइ जाइतेन।
18 जब मइँ गिरइ क रहेउँ,
तोहार पिरेम मोका उठाएस, हे यहोवा।
19 जब मइँ बहोतइ चिंतित अउ बियाकुल रहेउँ,
तोहार सुख मोका आनन्दित किहस।
20 हे परमेस्सर, तू कुटिल निआउ क मदद नाहीं करत्या,
जउन परीसानी पइदा करइ बरे नेमन क घेर लेत ह।
21 उ पचे नीक लोगन पइ हमला करत ह
अउर निर्दोख व्यक्ति क कसूरवार कहत ह।
22 मुला यहोवा मोर सुरच्छा क ठउर बाटइ।
परमेस्सर मोर चट्टान अउर मोर सरण क ठउर अहइ।
23 परमेस्सर ओनका ओकरे बुरा करमन बरे सजा देइ।
उ ओका ओकरे पाप क कारण खतम कइ देइ।
हमार परमेस्सर यहोवा ओनका नस्ट कइ देइ।
1 आवा हम यहोवा क गुण गाई।
आवा हम पचे उ चट्टान क जय जयकार करी जउन हमार रच्छा करत ह।
2 आवा हम यहोवा क धन्यवाद बरे गीत गाई।
आवा हम ओकर बड़कई क गीत आनन्द क संग गाई।
3 काहेकि यहोवा महान परमेस्सर अहइ।
उ महान राजा सबहिं दूसर “देवतन” पइ सासन करत ह।
4 गहिर सबइ गुफा अउ ऊँच पहाड़ यहोवा क अहइँ।
5 सागर ओकर बा, उ ओका बनाएस ह।
परमेस्सर खुद आपन हाथन स झुरान धरती क बनाएस ह।
6 आवा, हम ओका पइलगी करी अउर ओकर उपासना करी।
आवा हम परमेस्सर क गुण गाई जउन हमका बनाएस ह।
7 उ हमार परमेस्सर
अउर हम पचन ओकर बगल मँ भेड़ अही।
कम स कम जदि तू आजु ओकर आवाज़ क पालन करब्या।
8 यहोवा कहत ह, “तू मोका सुनई स वइसा इनकार जिन करा जइसा मरीबा मँ तोहार पुरखन किहे रहेन,
अउ वइसा जिन करा जइसा उ पचे मस्सा मँ रहइ क दिन मँ किहे रहेन।
9 तोहार पुरखन मोका परखे रहेन।
उ पचे मोका परखेन, पर तब उ पचे लखेन कि मइँ का कइ सकत हउँ।
10 मइँ ओन लोगन क चालीस बरिस तलक सहन किहे रहेउँ।
मइँ इ अच्छी तरह जानत रहेउँ कि उ पीढ़ी इमान्दार नाहीं अहइ।
ओन लोगन मोर सिच्छा क नाही सीखेन।
11 तउ मइँ कोहाइ गएउँ अउर मइँ प्रण किहेउँ कि
उ पचे मोर भुइँया मँ आइववाले समई मँ प्रवेस नाहीं कइ पइहीं।”
10 “दण्ड क उ समइ आइ गवा। का तू सीटी सुनत अहा? परमेस्सर संकेत दिहस ह। दण्ड आरम्भ होत अहइ। डारी अकुंरित होइ लाग अहइ। घमण्डी राजा (नवूकदनेस्सर) पहिले स ही जियादा सक्तिसाली होत जात रहा। 11 उ हिंसक मनई ओन बुरे लोगन क दण्ड देइ बरे तैयार अहइ। इस्राएल मँ लोगन क गिनती बहोत अहइ, किन्तु उ ओनमाँ स नाहीं अहइ। उ उ भीड़ क मनई नाहीं अहइ। उ ओन लोगन मँ स कउनो महत्वपूर्ण प्रमुख नाहीं अहइ।
12 “उ दण्ड क समइ आइ ग अहइ। उ दिन आइ पहोंचा। जउन लोग चिजियन खरीदन हीं, प्रसन्न नाहीं होइहीं अउर जउन लोग चिजियन बेचत हीं, उ पचे ओनका बेचइ मँ बुरा नाहीं मानिहीं। काहेकि उ भयंकर दण्ड हर एक मनई बरे होइ। 13 जउन लोग आपन स्थायी सम्पत्ति बेचिहीं उ पचे ओका कबहुँ नाहीं पइहीं। जदि कउनो मनई जिअत नाहीं भी बचा रही तउ भी उ आपन स्थायी सम्पत्ति वापस नाहीं पाइ सकत। काहेकि इ दर्सन लोगन क पूरे समूह क बरे अहइ। कउनो भी मनई अन्याय कइके आपन क बलवान नाहीं कइ पाइहीं।
14 “उ सबइ लोगन क चितउनी देइ बरे तुरही बजइहीं। लोग जुद्ध बरे तइयार होइहीं। किन्तु उ पचे जुद्ध करइ क बरे नाहीं निकरिहीं। काहेकि मइँ पूरे जन-समूह क देखाउब कि मइँ केतना कोहान हउँ। 15 तरवार लिए भए दुस्मन नगर क बाहेर अहइँ। रोग अउर भूख नगर क भीतर अहइँ। जदि कउनो जुद्ध क मइदान मँ जाइ तउ सत्रु क फउजी ओका मारि डइहीं। जदि उ नगर मँ रहत ह तउ भूख अउर रोग ओका नस्ट करिहीं।
23 “बन्दियन खातिर जंजीर बनावा। काहेकि बहोत स लोग दूसर लोगन क मारइ क कारण दण्डित होइहीं। नगर क हर ठउरन पइ हिंसा भड़की। 24 मइँ दूसर रास्ट्रन स बुरे लोगन क लिआउब अउर उ सबइ लोग इस्राएल क लोगन क सबहिं घरन क लइ लेइहीं। मइँ तू बरिआर लोगन क गर्बीला होइ स रोक देब। दूसर रास्ट्रन क उ सबइ लोग तोहरे पूजा ठउरन क अपवित्तर कइ देइहीं।
25 “तू लोग भय स थर्राइ उठब्या। तू लोग सान्ति चहब्या, किन्तु सान्ति नाहीं मिली। 26 तू पचे एक क पाछे दूसर दुःख कथा क सुनब्या। तू पचे बुरी खबरियन क अलावा कछू नाहीं सुनब्या। तू नबी क खोज करब्या अउर ओहसे दर्सन पुछब्या। किन्तु कउनो मिली नाहीं। याजक क लगे तू पचन्क सिच्छा देइ क कछू भी नाहीं होइ अउर अग्रजन क लगे तू पचन्क कउनो नीक सलाह नाहीं होइ। 27 तोहार पचन्क राजा ओन लोगन बरे रोइ अउर मरि गएन। प्रमुख सोक-वस्त्र पहिरहीं। साधारण लोग बहोत डेराइ जइहीं। काहेकि मइँ ओकर बदल देब जउन उ पचे किहन। मइँ ओनकर दण्ड निहचित करब। अउर मइँ ओनका दण्ड देब। तब उ सबइ समुझिहीं कि मइँ यहोवा हउँ।”
13 जब परमेस्सर इब्राहीम स प्रतिज्ञा किहे रहा, तब काहेकि खुद ओसे बड़का कउनो अउर नाहीं रहा, जेकर सपथ लीन्ह जाइ सकइ, इही बरे आपन सपथ लेत भवा। 14 उ कहइ लाग, “निस्चित ही मइँ तोहका आसीर्वाद देबइ अउर मइँ तोहका कइयउ बंसज भी देबइ।”(A) 15 अउर एह तरह इब्राहीम धीरज क साथे बाटे जोहइके बाद उ इ पाएस जेकर उ प्रतिज्ञा कीन्ह गइ रही।
16 लोग ओकर सपथ लेतहीं जउन कउनो ओसे महान होत ह अउर उ सपथ सबहिं तर्क-बितर्कत क अन्त कइके जउन कछू कहा जात ह, ओका पक्का कइ देत ह। 17 परमेस्सर एका ओन्ह पचन क बरे, कुल तरह स्पस्ट कइ देइ चाहत रहा, जेका ओन्हे पावइ क रहा, जेका देइ क उ प्रतिज्ञा किहे रहा कि उ अपने प्रयोजन क कबहुँ न बदलइ। इही बरे अपने बचन क साथे उ आपन सपथ क जोड़ दिहेस। 18 तउ फिन हियाँ दुइ बात-हइन ओकर प्रतिज्ञा अउर ओकर सपथ-जउन कबहुँ नाहीं बदल सकतिन अउर जेकरे बारे मँ परमेस्सर कबहुँ झूठ नाहीं कहि सकत।
इही बरे हम जउन परमेस्सर क लगे सुरच्छा पावइ क आइ अहइ अउर जउन आसा उ हमका दिहे अहइ, ओका थामे भए हई, अउर जियादा उत्साहित अही। 19 इ आसा क हम आतिमा क सुदृढ़ अउर सुनिस्चित लंगर क रूप मँ धरे अही। इ परदा क पीछे भित्तर स भित्तर अन्तरतम तलक पहुँचत ह। 20 जहाँ ईसू तउ हमरे कइँती स हमसे पहिले प्रवेस किहेस। उ मलिकिसिदक क परम्परा मँ सदा हमेसा क बरे महा याजक बनि गवा।
ईसू बहत्तर चेलन क पठएस
10 इ सबइ घटि जाइके पाछे पर्भू बहत्तर[a] अउर मनइयन क तैनात किहस अउर फिन जउन जउन सहरन अउर ठिकानन प ओका खुद जाइके रहा, दुइ दुइ कइके उ ओनका उ आपन स अगवा पठएस। 2 उ ओनसे बोला, “फसल खूब जिआदा बा, मुला काम क करइया मजूर कम अहइँ। एह बरे फसल क पर्भू स बिनती करा कि उ आपन फसल मँ मजूर पठवइ।
3 “जा अउर सुमिरत रहा, मइँ तोहका बिगवन क बीच भेड़ क मेमनन क नाईं पठवत अहउँ। 4 कउनो बटुआ आपन संग जिन ल्या, न थैला अउर न ही पनही। राहे मँ कउनो स पैलगी तलक जिन करा। 5 जउनो घरवा मँ जा, सब ते पहिले कहा, ‘इ घरवा क सान्ति मिलइ।’ 6 जदि हुवाँ कउनो सान्ति क मनई होई तउ तोहार सान्ति ओका मिली। मुला जदि उ मनई सान्ति क न होई तउ तोहार सान्ति लौटि आई। 7 जउन कछू उ पचे तोहका देइँ। ओका खात पिअत उहइ घरवा मँ ठहरा। काहेकि मजूरी प मजूर क हक अहइ। घर घर जिन फिरा।
8 “अउर जब कबहूँ तू कउनो सहर मँ जा अउर उ सहर क मनई तोहार सुआगत करइँ तउ जउन कछू तोहका परसई, बस उहइ खा। 9 उ सहर क बेरमियन क बीमार स जरटुट करा अउर ओनसे कहा, ‘परमेस्सर क राज्य तोहरे नगिचे आइ पहुँचा बा!’
10 “अउर जब कबहूँ तू कउनो अइसे सहर मँ जा जहाँ क मनई तोहार मानसम्मान न करइँ, तउ हुवाँ क गलियन मँ जाइके कहा, 11 ‘इ सहर क उ धूरि तलक जउन हमरे गोड़े मँ चिपकी रही, हम तोहरे खिलाफ हिआँ झार देत अही। फिन भी इ धियान रहइ कि परमेस्सर क राज्य नगिचे आइ गवा बा।’ 12 मइँ तोहसे कहत हउँ कि उ दिन उ सहर क लोगन स सदोम क लोगन क दसा कहूँ नीक होइ।
बिसवास न करइवालन क चिताउनी
(मत्ती 11:20-24)
13 “अरे खुराजीन, अरे बैतसैदा, तोहका धिक्कार अहइ काहेकि जउन अद्भुत कारजन तोहमाँ कीन्ह गएन, जदि ओनका सूर अउर सैदा मँ कीन्ह जात तउ न जानी कबहूँ उ टाट क कपरा पहिरि के राखि प बइठिके मनफिराव कइ लेतेन। 14 कछू भी होइ निआव क दिन सूर अउर सैदा क हालत तोहसे कहूँ नीक होई। 15 अरे कफरनहूम का तू सर्ग क ऊँचाई क तरह ऊँचा उठब्या? तू तउ तरखाले नरक मँ जाब्या।
16 “चेलो! जउन कउनो तोहका सुनत ह, मोका सुनत ह, अउर जउन कउनो तोहका दुरियावत ह, उ मोका दुरियावत ह जउन मोका पठएस ह। अउर जउन मोका नकारत ह उ उसे नकारत ह जउन मोका पठएस ह।”
सइतान गिरत ह
17 फिन उ सबइ बहत्तर आनन्दित होइके वापस लउटेन अउर बोलेन, “हे पर्भू, दुस्ट आतिमन तलक तोहरे नाउँ मँ हमार हुकुम मानत हीं!”
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.