Book of Common Prayer
दाऊद क समर्पित।
1 हे यहोवा, मोर निआव करा, प्रमाणित करा कि मइँ पवित्तर जिन्नगी बिताएउँ ह।
मइँ यहोवा पइ कबहुँ बिस्सास करब नाहीं तजे रहेउँ।
2 हे यहोवा, मोका परखा अउर मोर जाँच करा,
मोर हिरदइ मँ अउर बुद्धि क निचके स लखा।
3 मइँ तोहरे पिरेम क सदा ही लखत हउँ,
मइँ तोहरे सत्य क सहारे जिअत रहत हउँ।
4 मइँ ओन बेकार लोगन मँ स नाहीं अहउँ।
5 मइँ बुरे लोगन क संगति स घिना करत हउँ।
मइँ दुस्ट लोगन मँ सामिल नाहीं होत हउँ।
6 हे यहोवा, मइँ निर्दोखी दिखाइ बरे आपन हथवा धोए हउँ,
एह बरे सायद मइँ तोहार वेदी पइ आइ सकत हउँ।
7 हे यहोवा, मइँ तोहरी प्रसंसा क गीत गावत हउँ,
अउर जउन अचम्भा स भरा करम तू किह्या ह, ओनके बारे मँ मइँ गीत गावत हउँ।
8 हे यहोवा, मइँ तोहार मनोहर मन्दिर स अउ उ तम्बू स
जहाँ तोहार महिमा[a] निवास करत ह पिरेम करत हउँ।
9 हे यहोवा, तू मोका ओन पापियन क दले मँ जिन मिलावा,
जब तू ओन हत्तियारन क प्राण लेब्या तब मोका जिन मार्या।
10 उ हमेसा दूसर लोगन क धोखा देइ बरे
अउर रिसवत लेइ बरे तइयार रहत ह।
11 लेकिन मइँ अटल हउँ, तउ हे परमेस्सर,
मोहे पइ दयालु ह्वा अउर मोर रच्छा करा।
12 मइँ नेक जिन्नगी जिअत रहेउँ।
मइँ तोहरी बड़कई गीत, हे यहोवा, जब भी तोहार भक्त मण्डली साथे मिलि गइ, गावत रहेउँ।
दाऊद क समपिर्त।
1 हे यहोवा, तू मोर चट्टान अहा,
मइँ तोहका मदद पावइ क गोहरावत हउँ।
मोरा पराथनन स आपन कान जिन मूँदा,
अगर तू मोर मदद क पुकार क जवाब नाहीं देब्या,
तउ लोग मोका कब्र मँ मरा भवा जइसा पइहीं।
2 हे यहोवा, आपन पवित्तर तम्बू कइँती बढ़्या, मइँ तोहार पराथना बरे आपन हाथ उठाए हउँ।
जब मइँ तोहका पुकारउँ, तू मोर सुना।
तू मोहे पइ आपन करुणा देखाँवा।
3 हे यहोवा, मोका ओन बुरे मनइयन क तरह जिन सोचा
जउन बुरा काम करत हीं।
जउन आपन पड़ोसियन स सान्ति करत हीं,
मुला आपन हिरदइ मँ आपन पड़ोसियन क बारे मँ कुचक्र रचत हीं।
4 हे यहोवा, उ सबइ मनइयन दूसर लोगन क बुरा करत हीं।
तउ तू ओनकी संग बुरी घटना क घटावा
ओन दुर्जनन क तू वइसेन ही दण्ड द्या जइसे ओनका देइ चाही।
5 दुर्जन ओन उत्तिम बातन क जउन यहोवा करत ओका नाहीं समुझतेन।
उ पचे परमेस्सर क उत्तिम कारजन क नाहीं लखतेन।
उ पचे ओकर भलाई क नाहीं समुझतेन।
उ पचे तउ सिरिफ कउनो क नास करइ क जतन करत हीं।
6 यहोवा क स्तुति करा!
उ मोहे पइ करुणा करइ क बिनती सुनेस।
7 यहोवा मोर सक्ति अहइ, उ मोर ढार अहइ।
मोका ओकर भरोसा रहा।
उ मोर मदद किहेस।
मइँ बहोतइ खुस हउँ, अउ ओकर खुसी क गीत गावत हउँ।
8 यहोवा आपन चुना राजा क रच्छा करत ह।
उ ओका हर पल बचावत ह।
यहोवा ही ओकर सक्ती अहइ।
9 हे परमेस्सर, आपन लोगन क रच्छा करा।
जउन तोहार अहइँ ओनका आसीस द्या।
ओनका धियान रखा अउर हमेसा ओनका लइके चला।
संगीत निर्देसक बरे यहोवा क दास दाऊद क एक पद।
1 बुरा मनई बहोत बुराई करत ह जब उ खुद स कहत ह,
“मइँ परमेस्सर क आदर नाहीं करत हउँ अउ न ही डेरात हउँ।”
2 उ मनई खुद स झूठ बोलत ह।
उ मनई खुद क आपन खोट नाहीं लखत।
एह बरे उ छिमा नाहीं माँगत।
3 ओकर वचन सिरिफ बियर्थ अउ झूठा होत हीं।
उ विवेकवाला नाहीं होत अउर न ही अच्छा काम सीखत ह।
4 राति क उ बिछउना मँ कुचक्र रचत ह।
उ जागिके कउनो भी नीक काम नाहीं करत।
उ कुकरम क तजई नाहीं चाहत।
5 हे यहोवा, तोहार बिस्ससनीय पिरेम अकासे स भी ऊँच बाटइ।
हे यहोवा, तोहार सच्चाई बादर स भी ऊँच बाटइ।
6 हे यहोवा, तोहार धर्मी भावना सबन त ऊँची पर्वते स भी ऊँची बाटइ।
तोहार सोभा गहिर सागर स भी गहिर अहइ।
हे यहोवा, तू मनइयन अउ गोरूअन क रच्छक अहा।
7 तोहरी करुणा स जियादा मूल्यवान कछू भी नाहीं अहइ।
मनई अउ दूत तोहरे सरण मँ आवा अहइँ।
8 हे यहोवा, तोहरे मन्दिर क उत्तिम बातन स उ सबइ नई सक्ती पावत हीं।
तू ओनका आपन अद्भुत नदी क पानी क पिअइ देत अहा।
9 हे यहोवा, तोहसे जिन्नगी क झरना फूटत ह!
तोहार जोति ही हमका प्रकास देखाँवत ह।
10 हे यहोवा, जउन तोहका सच्चाई स जानत हीं, ओनसे पिरेम करत रहा।
ओन लोगन पइ तू आपन खुद क नेकी बरसावा जउन तोहरे बरे सच्चा अहइँ।
11 हे यहोवा, तू मोका घमण्डियन क जाल मँ जिन फँसइ द्या।
दुट्ठ लोग मोका कबहुँ धइ न पावइँ।
12 ओनकर कब्रन क पाथरन पइ इ लिखि द्या:
“दुट्ठ लोग हिआँ पइ गिरेन ह।
उ सबइ कुचर दीन्ह गएन।
उ पचे फिन कबहुँ खड़ा नाहीं होइ पइहीं।”
संगीत निर्देसक क यदूतून बरे दाऊद क एक ठु पद।
1 मइँ कहेउँ, “जब तलक इ सबइ दुट्ठ मोरे समन्वा रइहीं,
तब तलक मइँ आपन कहनी बरे सचेत रहब।
मइँ आपन वाणी क पाप स दूर रखब।
अउर मइँ आपन मुँह क बंद कइ लेबउँ।”
2 तउ एह बरे मइँ कछू नाहीं कहेउँ।
मइँ भला भी नाहीं कहेउँ।
मुला मइँ बहोत परेसान भएउँ।
3 मइँ बहोत गुस्सान रहेउँ।
इ बारे मँ मइँ जेतना सोचत चला गएउँ, ओॅतना ही मोर किरोध बाढ़त चला गवा।
तउ मइँ आपन मुँह तनिकउ नाहीं खोलेउँ।
4 हे यहोवा, मोका बतावा कि मोरे संग का कछू घटित होइवाला अहइ?
मोका बतावा, मइँ कब तलक जिअत रहब?
मोका जानइ द्या फुरइ मोर जिन्नगी केतनी छोट अहइ।
5 तू मोका जिअइ बरे बहोत कम समइ दिहा ह।
तोहार तुलना मँ मोर जिन्नगी बहोत अल्प अहइ।
एक मनई क जिन्नगी सिरिफ एक साँस अहइ।
कउनो भी सदा नाहीं जिअत।
6 उ जिन्नगी जेका हम लोग जिअत ह, उ झूठी छाया भइ होत ह।
जिन्नगी क सारी भाग दौड़ निस्प्रयोजन होत ह।
हम पचे तउ बेकार ही चिन्ता पालित ह।
धन दौलत वस्तुअन क हम जोरिके धरित ह, मुला हम नाहीं जानित ओनका कउन भोगी।
7 तउ, मोरे यहोवा, मइँ का आसा रखउँ?
तू ही बस मोर आसा अहा!
8 हे यहोवा, जउन कुकरम मइँ किहेउँ ह, ओनसे तू ही मोका बचउब्या।
तू मोरे संग कउनो क भी कउनो विवेकी न होइवाला जन क संग क नाई बेउहार नाहीं करइ देब्या।
9 मइँ आपन मुँह नाहीं खोलब।
मइँ कछू भी नाहीं कहब।
यहोवा तू वइसे किह्या जइसे करइ चाही रहा।
10 मुला परमेस्सर, मोका सजा देब तजि देइ।
अगर तू मोका सजा देब नाहीं तज्या, तउ तू मोर नास करब्या।
11 हे यहोवा, तू लोगन क ओनकर कुकरमन क सजा देत अहा, अउर इ तरह जिन्नगी क खरी राह लोगन क सिखावत ह।
हमार काया पुरान अउ दुबराइ जात ह।
अइसे उ ओढ़ना क नाईं जेहमाँ कीरा लाग होइ।
हमार जिन्नगी एक ठु नान्ह बादर जइसे लखत बिलाइ जात ह।
12 हे यहोवा, मोर विनती सुना।
मोरे ओन सब्दन क सुना जउन मइँ तोहसे गोहराइके कहत हउँ।
मोरे आँसुअन क लखा।
मइँ बस राहगीर हउँ, तोहका संग लिए इ जिन्नगी क राहे स गुजरत हउँ।
इ जिन्नगी क राहे पइ मइँ आपन पुरखन क तरह कछू समइ मात्र पइ टिका भवा हउँ।
13 हे यहोवा, मोका अकेल्ले रहइ द्या।
मरइ स अउ चलि जाइ स पहिले मोका फुन स आनन्दित होइ द्या।
28 इ सबहिं बातन राजा नबूकदनेस्सर क संग घटिन। 29 इ सपना क बारह महीना बाद जब राजा नबूकदनेस्सर बाबुल मँ आपन महल क छत पइ घूमत समइ, 30 तउ उ आपन आप स किहा, “उ मइँ हउँ जउन कि इ महान बाबुल क निर्माण किहेउँ ह। इ महल मोर अहइ। मइँ आपन सक्ति स इ बिसाल नगर क निर्माण किहेउँ ह। इ ठउर क निर्माण मइँ इ देखाइ बरे किहेउँ ह कि मइँ केतना खुस हउँ।”
31 इ सबइ सब्द अबहिं ओकरे मुँह मँ ही रहेन कि एक अकासवाणी भई। अकासवाणी कहेस, “राजा नबूकदनेस्सर, तोहरे संग इ सबइ बातन घटिहीं। राजा क रूप मँ तोहसे तोहार सक्ति छोर लीन्ह गइ अहइ। 32 तोहका आपन लोगन स दूर जाब होइ। जंगली पसुअन क संग तोहार निवास होइ। तू ढोरन क तरह घास खाब्या। एहसे पहिले कि तू सबक सीखा कि मनई क राज्जन पइ सर्वोच्च परमेस्सर सासन करत ह अउर सर्वोच्च उ जेका चाहत ह, ओका राज्ज दइ देत ह सात ऋतु-चक्र बीत जइहीं।”
33 फुन फउरन ही इ सबइ बातन घट गइन। नबूकदनेस्सर क लोगन स दूर जाइ बरे मज़बूर कीन्ह गवा। उ गाइयन क तरह घास खाब सुरू कइ दिहस। उ ओस मँ भीगा। कउनो उकाब क पंखन क तरह ओकर बार बढ़ गएन अउर ओकर नाखून अइसे बढ़ गएन जइसे कउनो पंछी क पंजन क नाखून होत हीं।
34 फुन उ समइ क अंत मँ मइँ, नबूकदनेस्सर ऊपर सरग क कइँती लेखा अउर मोर सोचइ समुझइ क बुद्धि फिर स ठीक होइ गवा। तउ मइँ सर्वोच्च परमेस्सर क स्तुति किहेउँ, जउन सदा अमर अहइ, मइँ ओका आदर प्रदान किहेउँ अउर ओका गुनगान किहेउँ।
परमेस्सर सासन हमेसा करत ह।
ओकर राज्ज पीढ़ी दर पीढ़ी बना रहत ह।
35 इ धरती क सबइ लोग
महत्वपूर्ण नाहीं अहइँ।
परमेस्सर सरग क सक्तियन
अउर धरती क लोगन क संग
जउन चाहत ह उहइ करत ह।
उ जउन करइ चाहत ह ओका उ करइ स कउनो भी नाहीं रोक सकत ह।
ओकर ससक्त हाथ जउन कछू उ करत ह ओह पइ कउनो नाहीं सवाल करत ह।
36 तउ, उ औसर पइ परमेस्सर मोका मोर बुद्धि फुन दइ दिहेस अउर उ एक राजा क रूप मँ मोर बड़ा मान, सम्मान अउ सक्ति भी वापस लउटाइ दिहस। मोर मंत्री अउर मोर राजकीय लोग फुन मोरे लगे आवइ लागेन। मइँ फुन स राजा बन गएउँ। मइँ पहिले स भी जियादा महान अउ सक्तिसाली होइ गवा रहेउँ। 37 लखा, अब मइँ, नबूकदनेस्सर सरग क राजा क स्तुति करत हउँ तथा ओकर उपासना करत हउँ, ओका आदर देत हउँ अउर ओकरे गुनगान करत हउँ। उ जउन कछू करत ह, ठीक करत ह। उ हमेसा निआव स पूर्ण अहइ। ओहमाँ अहंकारी लोगन क विनम्र बनाइ देइ क छमता अहइ।
पिरेम परमेस्सर स मिलत ह
7 पिआरे बन्धुओ, हमका सबका एक दूसरे स पिरेम करइ चाही। काहेकि पिरेम परमेस्सर स मिलत ह अउर जउन मनई पिरेम करत ह, उ परमेस्सर क सन्तान बन जात ह अउर परमेस्सर क जानत ह। 8 जउन मनई पिरेम नाहीं करत परमेस्सर क नाहीं जान पावत, काहेकि परमेस्सर पिरेम अहइ। 9 परमेस्सर आपन पिरेम इ तरह स देखावत ह: उ अपने एकलौते बेटवा क इ दुनिया मँ भेजेस जइसेन कि हम सब ओकरे द्वारा जिन्दगी पाइ सकी। 10 सच्चा पिरेम एहमाँ नाहीं अहइ कि हम परमेस्सर स पिरेम करी, उ तउ एहमाँ अहइ कि एक अइसेन बलिदान क रूप मँ जउन हमरे पापन क धारण कइ लेत ह, उ अपने बेटवा क भेजके हमरी कइँती आपन पिरेम देखाए अहइ।
11 पिआरे बन्धुओं, जदि परमेस्सर इ तरह स हमरे ऊपर आपन पिरेम देखाएस तउ हमहूँ क एक दूसरे स पिरेम करइ चाही। 12 परमेस्सर क कबहुँ कउनो नाहीं देखेस अहइ, मुला जदि हम एक दुसरे स पिरेम करित ह तउ परमेस्सर हमरे मँ निवास करत ह अउर हमरे सबन क भीतर ओकर पिरेम सम्पूर्ण होइ जात ह।
13 इ तरह स हम जान सकित ह कि हम परमेस्सर मँ निवास करित ह अउर उ हमरे भीतर रहत ह। उ अपनी आतिमा क कछू भाग हमका दिहे अहइ। 14 एका हम देखे अही अउर हम एकर साच्छी अही, परमपिता अपने बेटवा क दुनिया क बचाव करइ क वास्ते भेजे अहइ। 15 जदि कउनो इ मानत लेत ह, “ईसू परमेस्सर क पूत अहइ” तउ परमेस्सर ओहमाँ रहइ लागत ह। अउर उ मनई परमेस्सर मँ रहत ह। 16 इ जउ पिरेम परमेस्सर हमसे रखत ह, ओका हम जान गएउँ अउर हमरे उपर बिसवास किहे अहइ, जउन पिरेम परमेस्सर हमरे बरे रखत ह।
परमेस्सर पिरेम अहइ अउर जउन मनई पिरेम मँ बना रहत ह, उ परमेस्सर मँ बना रहत ह अउर परमेस्सर ओहमाँ बना रहत ह। 17 हमरे बावत पिरेम इही तरह स पूर्ण अहइ जइसेन कि निआव क दिन हमरे अन्दर बिसवास बना रहइ। हमार इ बिसवास इ बरे बना रहत ह, काहेकि हम जउन जीवन जिअत अही, उ मसीह क जिन्दगी जइसेन अहइ। 18 पिरेम मँ कउनो भय नाहीं रहत, हिआँ तलक कि भरपूर पिरेम सब डर भगाय देत ह। भय क ताल्लुक दंड स अहइ। इ बरे जेहमाँ भय अहइ, ओकरे पिरेम क पूर्णता नाहीं मिलत।
19 हम पिरेम करित अही काहेकि पहले परमेस्सर हमसे पहिले पिरेम करे अहइ। 20 जउ कउनो मन मनई कहत ह, “मइँ परमेस्सर क पिरेम करित हउँ।” अउर अपने भाई स नफरत करत हउँ, तउ उ झूठा अहइ। काहेकि सच मँ जदि उ अपने उ भाई स पिरेम नाहीं करत जेका कि उ देखे अहइ, तउ उ परमेस्सर स कइसे पिरेम कइ सकत ह, जेका उ देखे नाहीं अहइ। 21 इ आदेस मसीह हमका दिहे अहइ। उ मनई जउन परमेस्सर क पिरेम करत ह, ओका अपने भाई स पिरेम करइ चाही।
ईसू का एक मनई क दुस्ट आतिमा स छुटकारा
(मरकुस 1:21-28)
31 फिन उ गलील क एक सहर कफरनहूम गवा अउर सबित क दिन मनइयन क उपदेस देइ लाग। 32 मनई ओकरे उपदेस स अचरज मँ पड़ि गएन काहेकि ओकर संदेस मुड्ढ विद्वान क तरह रहा।
33 हुवँई एक ठु मनई आराधनालय मँ रहा जेहमाँ एक दुस्ट आतिमा क सवारी रही। उ जोर स चिल्लान, 34 “हे नासरत क ईसू! तु हमसे का चाहत बाट्या? का तू हमार नास करइ आइ अहा? मइँ जानत हउँ तू कउन अहा तू परमेस्सर क पवित्तर मनई अहा!” 35 ईसू झिड़कत भवा ओसे कहेस, “चुप रहा। एहमाँ स बाहेर निकरि आवा!” एह पइ दुस्ट आतिमा उ मनई क लोगन्क समन्वा दइ मारेस अउर ओका बे नसकान किए ओसे बाहेर निकरि गइ।
36 सबइ कोउ अचरजे मँ पड़ि गएन। उ सबइ एक दूसर स बतियात कहेन, “इ कइसा सन्देस बा? हक अउर सक्ती क संग इ दुस्ट आतिमन क हुकुम देत ह अउर उ सबइ बाहेर निकरि जात हीं।” 37 उ पहँटा मँ लगे हर ठउरे प ओकरे बारे मँ खबर सँचर गइ।
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