Book of Common Prayer
निर्देसक बरे एक ठु भजन।
1 हे धरती क हर वस्तु, आनन्द क संग परमेस्सर क जय बोला।
2 ओकर महिमामय नाउँ क स्तुति करा।
ओकर आदर ओकर स्तुति गीतन स करा।
3 ओकर जियादा अद्भुत कामन स परमेस्सर क बखान करा।
हे परमेस्सर, तोहार सक्ति बहोतइ बड़ी अहइ।
तोहार दुस्मन निहुरि जात अउ तोहसे डेरात हीं।
4 जगत क सबहिं लोग तोहार उपासना करइँ
अउर तोहरे नाउँ क हर कउनो गुण गावइ।
5 तू ओनका लखा जउन अचरजे स भरा काम परमेस्सर किहस।
उ सबइ चिजियन हमका अचरजे स भरि देत हीं।
6 परमेस्सर लाल सागर क झुरान भुइँया मँ बदल दिहस।
अउर ओकर लोग पैदर यरदन नदी क
समूचइ रास्ता खुसी स पार किहेन।
7 परमेस्सर आपन महासक्ति स इ संसार क सासन करत ह।
परमेस्सर हर कहूँ लोगन पइ निगाह रखत ह।
कउनो भी मनई ओकरे खिलाफ नाहीं होइ सकत।
8 लोगो, हमरे परमेस्सर क गुणगान
तू पचे ऊँच स्वर मँ करा।
9 परमेस्सर हमका इ जिन्नगी दिहस ह।
उ हमार रच्छा करत ह।
10 परमेस्सर हमार परीच्छा लिहस ह।
परमेस्सर हमका वइसे ही परखेस, जइसे लोग चाँदी आगी मँ डाइके परखत हीं।
11 हे परमेस्सर, तू हमका फँदा मँ फँसइ दिहा।
तू हम पइ भारी बोझा लाद दिहा।
12 तू हमका दुस्मनन स गोड़े तरे रौंदवाया।
तू हमका आग्री अउ पानी मँ घसीट्या।
मुला तू फिन भी हमका सुरच्छित ठउर पइ लइ आया।
13-14 एह बरे मइँ तोहरे मन्दिर मँ बलियन चढ़ावइ आउब।
जब मइँ विपत्ति मँ रहेउँ, मइँ तोहार सरण माँगेउँ
अउर मइँ तोहार बहुतेरी मन्नत माँगेउँ।
अब ओन वस्तुअन क जेनकर मइँ मन्नत माँगेउँ, अर्पित करत हउँ।
15 मइँ तोहका सुद्धिकरण क भेंट अर्पित करत हउँ,
अउर भेड़न क संग सुगन्धि अर्पित करत हउँ।
तोहका बर्धन अउ बोकरन क बलि अर्पित करत हउँ।
16 ओ सबहि लोगो, परमेस्सर क आराधको!
आवा, मइँ तू पचन्क बताउब कि परमेस्सर मोरे बरे का किहस ह।
17-18 मइँ ओकर बिनती किहेउँ।
मइँ ओकर गुणगान किहेउँ।
मोर मनवा पवित्तर रहा,
मोर सुआमी मोर बात सुनेस।
19 परमेस्सर मोर सुनेस।
परमेस्सर मोर बिनती सुन लिहस।
20 परमेस्सर क गुण गावा।
परमेस्सर मोहसे मुँह नाहीं मोड़ेस।
उ मोर पराथना क सुन लिहस।
परमेस्सर निज करुणा मोह पइ देखाँएस।
संगीत निर्देसक बरे तारवालन बाजन क संग एक ठु भजन।
1 हे परमेस्सर, हम पइ करुणा करा, अउ हमका असीस द्या।
आपन मुस्कुरात भवा चेहरा हमका दिखावा।[a]
2 एह बरे समूचइ संसार तोहार रास्ता सीखइ सकी
अउर हर कउनो मनई तोहार इ जान सकइ कि तू कइसा आपन लोगन क रच्छा करत ह।
3 हे परमेस्सर, लोग तोहार गुण गावइँ।
सबहिं लोग तोहार बड़कई करइँ।
4 सबहिं रास्ट्र आनन्द मनावइँ अउ आनन्द मँ भरा होइँ।
काहेकि तू लोगन क निआउ निस्पच्छ करत अहा।
अउर हर रास्ट्र पइ तोहार सासन अहइ।
5 हे परमेस्सर, लोग तोहार गुण गावइँ।
सबहिं लोग तोहार बड़कई करइँ।
6 हमार भुइयाँ हमका भरपूर फसल देइ।
परमेस्सर, हे हमरे परमेस्सर हमका असीस द्या।
7 हे परमेस्सर, हमका असीस द्या
धरती क सबहिं लोग परमेस्सर स डेराइँ, ओकर आदर करइँ।
संगीत निर्देसक बरे दाऊद क एक ठु पद।
1 अकास परमेस्सर क महिमा बखानत ह,
अउ अकासमण्डल परमेस्सर क उत्तिम सबइ रचना क देखाँवत ह।
2 हर नवा दिन ओकर नई कथा कहत ह,
अउ हर रात परमेस्सर क नई-नई सक्तियन क परगट करत ह।
3 हुवाँ न कउनो भासन या सब्दन होइ।
न कउनो आवाज़ सुनाइ पड़त।
4 मुला ओकर “वाणी” भूमण्डल मँ बियापत ह
अउर ओकर “सब्दन” धरती क छोर तलक पहोंचत हीं।
ओनमाँ उ सूरज बरे एक घर जइसा तय्यार किहस ह।
5 सूरज नवखिल दुल्हा क नाई आपन सयन कच्छ स निकरत ह।
सूरज आपन राहे पइ अकास क पार करइ निकरि पड़त ह,
जइसे कउनो खिलाड़ी आपन दउड़ पूरी करइ बरे तइयार होइ।
6 अकासे क एक छोर स सूरज चल पड़त ह अउर ओह पार पहोंचइ क, उ सारी राह दउड़त रहत ह।
अइसी कउनो वस्तु नाहीं जउन आपन क ओकरी गर्मी स छुपाइ लेइ।
यहोवा क उपदेस भी अइसेन ही होत हीं।
7 यहोवा क सिच्छन सम्पूर्ण होत हीं,
इ सबइ भक्त जनन क सक्ती देत हीं।
यहोवा क करार पइ भरोसा कीन्ह जाइ सकत ह।
जेनके लगे बुद्धि नाहीं अहइ इ ओनका सुबुद्धि देत ह।
8 यहोवा क नेम निआव स पूरा होत हीं,
उ सबइ लोगन्क खुसी स भरि देत हीं।
यहोवा क आदेस उत्तिम अहइँ,
उ सबइ मनइयन क जिअइ क नई राह देखाँवत हीं।
9 यहोवा क आराधना प्रकास जइसी होत ह,
इ तउ सदा सर्वदा जोति स भरी रही।
यहोवा क निआव निस्पच्छ होत हीं,
उ सबइ पूरी तरह निआव स पूरा होत हीं।
10 यहोवा क उपदेस उत्तिम सुबरन अउ कुन्दन स भी बढ़िके मनोहर अहइँ,
उ सबइ उत्तिम सहद स भी जियादा मधुर अहइँ, जउन सोझ सहद क छत्ता स टपक आवत ह।
11 हे यहोवा, तोहार उपदेस तोहरे सेवक क आगाह करत हीं।
अउर जउन ओनकइ पालन करत हीं ओनका तउ बरदान मिलत ह।
12 हे यहोवा, आपन सबहिं दोसन क कउनो नाहीं लख पावत।
एह बरे तू मोका ओन पापन्स बचावा जउन एकान्त मँ छुपिके कीन्ह जात हीं।
13 हे यहोवा, मोका ओन पापन्क करइ स बचावा जेनका मइँ करइ चाहत हउँ।
ओन पापन्क मोह पइ सासन न करइ द्या।
अगर तू मोका बचावत ह तउ मइँ इमानदारी स भरि भवा होइ सकत हउँ
अउ बहोत सारा पापन्स मुक्त होइ सकत हउँ।
14 मोका आसा अहइ कि, मोर वचन अउ चिंतन तोहका प्रसन्न करिहीं।
हे यहोवा, तू मोर चट्टान, अउर मोर बचावइवाला अहा।
अलामोथ क संगत पइ संगीत निर्देसक बरे कोरह परिवार क एक ठु पद।
1 परमेस्सर हमरे पराक्रम क भण्डार अहइ।
संकट क समइ उ हमेसा मदद बरे हुवाँ होइ।
2 एह बरे जब धरती काँपत ह अउर जब पर्वत समुद्र मँ भहराइ लागत ह,
हमका डर नाहीं लागत।
3 हम नाहीं डेराइत जब सागर उफनत अउ मटमैला होइ जात ह,
अउर धरती अउ पहाड़ काँपइ लागत हीं।
4 हुआँ एक ठु नदी अहइ, जउन परम परमेस्सर क नगरी क
आपन धारा स खुसी स भरि देत ह।
5 उ सहर मँ परमेस्सर अहइ, इहइ स ओकर कबहुँ पतन नाहीं होइ।
परमेस्सर ओकर मदद भोर स पहिले ही करी।
6 यहोवा क गरजत ही, रास्ट्र डर स काँपि जइहीं।
ओनकर राजधानियन क पतन होइ जात ह अउ धरती पिघल उठत ह।
7 सर्वसक्तिमान यहोवा हमरे संग अहइ।
याकूब क परमेस्सर हमार सरणस्थल अहइ।
8 आवा ओन सक्ती स भरा कामे क लखा जेनका यहोवा करत ह।
उ सबइ काम ही धरती पइ यहोवा क मसहूर करत हीं।
9 यहोवा धरती पइ होत भए कहूँ भी जुद्ध क रोक सकत ह।
उ सबइ फउजी क धनुसन क तोड़ सकत हीं, अउ ओनके भालन क चकनाचूर कइ सकत ह, रथन क उ बारिके भसम कइ सकत ह।
10 परमेस्सर कहत ह, “सांत बना अउ जाना कि मइँ ही परमेस्सर अहउँ!
रास्ट्रन क बीच मोर बड़कई होइ।
धरती पइ मोर महिमा फइलि जाइ!”
11 यहोवा सर्वसक्तिमान हम पचन्क संग बा।
याकूब क परमेस्सर हमार ढाल अहइ।
सूखा पड़ब अउर लबार नबी
14 इ यिर्मयाह क सूखा क बारे मँ यहोवा क सँदेस अहइ:
2 “यहूदा रास्ट्र ओन लोगन बरे रोवत अहइ जउन मरि गवा अहइँ।
यहूदा नगर क लोग दुर्बल, अउर दुर्बल होत जात अहइँ।
उ सबइ लोग भुइँया पइ लोटिके सोक मनावत हीं।
यरूसलेम नगर स एक चीख परमेस्सर क लगे पहोंचत अहइ।
3 लोगन क प्रमुख आपन सेवकन क पानी लिआवइ बरे पठवत हीं।
सेवक कुंडन पइ जात हीं।
किन्तु उ पचे कछू भी पानी नाहीं पउतेन।
सेवक खाली बर्तन लइके लउटत हीं।
एह बरे उ पचे लज्जित अउर परेसान अहइँ।
उ पचे अपने मूँड़ क लज्जा स ढाँकि लेत हीं।
4 कउनो भी फसल बरे भूँइया तइयार नाहीं करत।
भूइँया पइ बर्खा नाहीं होत,
किसान हतास अहइँ।
एह बरे उ पचे आपन सिर लज्जा स ढाँपि लेत हीं।
5 हिआँ तलक कि हिरनी भी आपन नवा जन्मत बच्चा क खेत मँ अकेल्ला छोड़ देत ह।
उ वइसा करत ह काहेकि हुआँ घास नाहीं अहइ।
6 जंगली गदहन नंगी पहाड़ी पइ खड़ा होत हीं।
उ पचे सियार क तरह हवा सूँघत हीं।
किन्तु ओनकर आँखिन क कउनो चरइ की चीज नाहीं देखाइ पड़त।
काहेकि चरइ जोग्ग हुवाँ कउनो पौधन नाहीं अहइँ।
7 “हम जानित ह कि इ सब कछू हमरे अपराध क कारण अहइ।
अउर हम पचे एकर अधिकारी अहइ किन्तु हे यहोवा,
आपन अच्छे नाउँ बरे हमार मदद करा।
हम अंगीकार करित ह कि हम लोग तोहका कइउ दाई तजा ह।
हम लोग तोहरे खिलाफ पाप किहा ह।
8 परमेस्सर, तू इस्राएल क आसा अहा।
विपत्ति क दिनन मँ तू इस्राएल क बचाया।
किन्तु अब अइसा लागत ह कि तू इ देस मँ अजनबी अहा।
अइसा प्रतीत होत ह कि तू उ यात्री अहा जउन एक रात हिआँ ठहरा होइ।
9 तू उ मनई क समान लगत अहा जेह पइ अचानक हमला कीन्ह गवा होइ।
तू उ फउजी सा लगत अहा जेकरे लगे कउनो क बचावइ क ताकत न होइ।
किन्तु हे यहोवा, तू हमरे संग अहा।
हम तोहरे नाउँ स गोहरावा जात अही, एह बरे हमका बेसहारा जिन तजा।”
17 “यिर्मयाह, इ सँदेसा यहूदा क लोगन क द्या:
‘मोर आँखिन आँसुअन स भरी अहइँ।
मइँ बिना रूके दिन-रात रोउब।
मइँ आपन कुँमारी बिटिया बरे रोउब।
मइँ आपन लोगन बरे रोउब।
काहेकि कउनो ओन पइ प्रहार किहस अउर ओनका कुचर डाएस।
उ पचे बुरी तरह घायल कीन्ह गवा अहइँ।
18 जदि मइँ खेत मँ जात हउँ
तउ मइँ ओन लोगन क लखत हउँ जउन तरवार क घाट उतारि गवा अहइँ।
जदि मइँ नगर मँ जात हउँ
मइँ बहोत स बीमारियन लखत हउँ, काहेकि लोगन क लगे भोजन नाहीं अहइ।
याजक अउ नबी दुइनउँ ही आपन सेवन क बेचत हीं,
किन्तु उ ना समझ अहइ।’”
19 हे यहोवा, का तू पूरी तरह यहूदा रास्ट्र क तजि दिहा ह यहोवा,
का तू सिय्योन स घिना करत ह
तू एका बुरी तरह स चोट किहा ह कि हम फुन स नीक नाहीं बनाइ जाइ सकित।
तू वइसा काहे किहा?
हम सान्ति क आसा रखत रहे,
किन्तु कछू भी नीक नाहीं भवा।
हम लोग घाव भरइ क समइ क प्रतीच्छा करत रहे,
किन्तु सिरिफ त्रास आवा।
20 हे यहोवा, हम जानित ह कि हम बहोत बुरा लोग अही,
हम जानित ह कि हमरे पुरखन बुरे करम किहेन।
हाँ, तोहरे खिलाफ पाप किहा।
21 हे यहोवा, आपन नाउँ क अच्छाई बरे तू हमका धक्का दइके दूर न करा।
आपन सम्माननीय सिंहासने क गौरव क न हटावा।
हमरे संग कीन्ह गइ करार क याद राखा
अउर एका जिन तोड़ा।
22 विदेसी देवमूरतियन मँ बर्खा लिआवइ क सक्ति नाहीं अहइ,
अकासे मँ पानी बरसावइ क सक्ति नाहीं अहइ।
सिरिफ तू ही हमार आसा अहा,
एक मात्र तू ही अहा जउन इ सब कछू बनाया ह।
सारा अउर हाजिरा क उदाहरण
21 मूसा क व्यवस्था क आधीन रहइ चाहइवालन स मइँ पूछत हउँ का तू पचे व्यवस्था क इ कहब नाहीं सुन्या? 22 पवित्तर सास्तरन कहत हीं कि इब्राहीम क दुइ बेटवा रहेन। एक क जन्म एक दासी स भवा रहा अउर दुसरे क स्वतन्त्र स्त्री स। 23 दासी स पइदा भवा बेटवा सहज नियमन मँ पैदा भवा रहा, मुला स्वतन्त्र स्त्री स पइदा बच्चा परमेस्सर क जरिये दीन्ह गयि प्रतिज्ञा क परिणाम अहइ।
24 इन बातन क प्रतीकात्मक मतलब अहइ-इऩ दुन्नउ स्त्री दुई करारन क चिन्ह अहइँ। एक करार सीनै पर्वत स मिला रहा जे ओन सभन क जनम दिहेस जउन दासता क बरे रहेन। इ करार हाजिरा स सम्बधित बा। 25 हाजिरा अरब मँ स्थित सीनै पर्वत क चिन्ह अहइ, उ वर्तमान धरती क यरूसलेम क समान अहइ, काहके उ अपने बेटवन क साथे दासता भोगत रही, 26 मुला सरग मँ स्थित यरूसलेम स्वतन्त्र अहइ। अउर उहइ हमार माता अहइ। 27 पवित्तर सास्तर कहत हः
“बाँझ! मनावा आनन्द,
जना तू न कउनो क प्रसव वेदना भइ न तोहका,
हर्स नाद कइके
अउर खिलखिला हंसी खुसी मँ
काहके अनगिनत संतान अहइँ
छोड़ी भइ मुला नाहीं ना ओकर ओतनी, जउन सुहागिन।” (A)
28 तउन भाइयो! अब तू इसहाक क जइसी परमेस्सर क बचन स संतान होवा। 29 मुला जइसे ओह समझ प्राकृतिक परिस्थितियन क अधीन पैदा भइ आतिमा क सक्ति स उत्पन्न भए क सतावत रहा, वइसेन ही स्थति आज बा। 30 मुला देखा पवित्तर सास्तर क कहत ह? “इ दासी अउर ओकर बेटवा क निकाल क बाहर करा, काहेकि इ दासी क बेटवा तउ स्वतन्त्र स्त्री क बेटवा क साथे उत्तराधिकारी न होई।”(B) 31 ऍह बरे भाइयन! हम ओह दासी क सन्दान नाहीं हई, बल्कि हम तउ स्वतन्त्र स्त्री क सन्तान हई।
स्वतन्त्र बना रहअ
5 मसीह तउ हमका स्वतन्त्र किहे अहइ ताकि हमउँ स्वतंत्र होइ क आनन्द लइ सकी। इही बरे अपने बिसवास क दृढ़ बनाए रखा। अउर फिन स व्यवस्था क जुआ क बोझ न उठावा।
फरीसी ईसू क परिच्छा लेइ क कोसिस किहेन
(मत्ती 16:1-4; लूका 11:16,29)
11 फिन फरीसियन आएन अउर ओसे सवाल करइ लागेन। उ सब ओसे एक ठु अद्भुत कारज बरे कहेन। उ पचे ओका परखइ बरे अइसा किहन। 12 आपन मनवा मँ गहरी सांस भरत ईसू कहेस, “काहे ई पीढ़ी क मनई अद्भुत चीन्ह चाहत हीं? मइँ तोहका सच सच कहत हउँ। कउनो अद्भुत चीन्ह क पीढ़ी क न दीन्ह जाई।” 13 तबहिं उ ओनका छोड़ि दिहस। फिन नाउ मँ बइठ गवा, अउर झील क उ पार गवा।
यहूदी नेतन क खिलाफ ईसू क चितावनी
(मत्ती 16:5-12)
14 ईसू क चेलन खइया क जिआदा लइ आउब बिसर गएन। ओनके लगे एक ठु रोटी क बजाय कछू नाहीं रहा। 15 ईसू ओनका चितावनी देत कहेस, “हुसियार! फरीसियन अउर हेरोदेस क खमीर[a] स बचा रहा।”
16 “हमरे लगे एक ठु रोटी नाहीं इस प उ पचे आपुस मँ छानबीन करइ लागेन।”
17 उ सबइ का कहत अहइँ इ जानत भवा ईसू ओनसे कहेस, “रोटी नाहीं होइ क कारण तू सबइ काहे सोचत बिचारत अहा? का तू अबहुँ समझत बुझत नाहीं बाट्या? का तोहार बुद्धि जड़ अहइ? 18 तोहरे आँखिन अहइँ, का तू देखि सकत्या नाहीं? तोहरे कान अहइँ, का तू सुन सकत्या नाहीं? का तोहका याद नाहीं? 19 जबहिं मइँ पाँच रोटिन्क पाँच हजार मनइयन मँ तोड़िउँ। केतना झउआ रोटी क टुकड़न स भरा भवा तू बटोर्या?”
उ पचे कहेन, “बारह।”
20 “अउर जबहिं मइँ सात रोटिन्क क चार हजार बरे तोड़यों। कइ झउआ रोटिन्क टुकड़न क तू बटोर्या?”
उ सबई कहेन, “सात।”
21 तबहिं उ ओनसे पूछेस, “का तू पचे अबहुँ नाहीं बूझया?”
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.