Book of Common Prayer
7 तब स्वरग म लड़ई होय लगिस। मीकाएल अऊ ओकर दूतमन सांप सहीं पसु के संग लड़िन, अऊ सांप सहीं पसु अऊ ओकर दूतमन एमन के संग लड़िन[a]। 8 पर सांप सहीं पसु ह हार गीस, अऊ ओला अऊ ओकर दूतमन ला स्वरग म अपन जगह ला छोड़ना पड़िस। 9 ओ सांप सहीं पसु ला फटिक दिये गीस। ए सांप सहीं पसु ह ओ पुराना सांप ए, जऊन ला इबलीस या सैतान कहे जाथे अऊ जऊन ह संसार के जम्मो मनखेमन ला धोखा देथे। ओला अऊ ओकर दूतमन ला धरती म फटिक दिये गीस।
10 तब मेंह स्वरग ले एक ऊंचहा अवाज आवत सुनेंव, जऊन ह ए कहत रहय:
“अब हमर परमेसर ले उद्धार ह आ गे हवय!
परमेसर ह राजा के रूप म अपन सामरथ ला देखाय हवय,
अऊ ओकर मसीह ह अपन अधिकार ला देखाय हवय।
काबरकि हमर भाईमन ऊपर दोस लगइया ला स्वरग ले फटिक दे गे हवय,
जऊन ह दिन रात हमर परमेसर के आघू म ओमन ऊपर दोस लगावत रिहिस।
11 हमर भाईमन मेढ़ा-पीला के लहू
अऊ अपन गवाही के बचन के दुवारा ओ सैतान ऊपर जय पाईन;
ओमन अपन जिनगी ला देके मरे बर तियार रिहिन।
12 एकरसेति, हे स्वरग अऊ ओम रहइयामन,
आनंद मनावव! पर हे धरती अऊ समुंदर तुमन ला धिक्कार ए,
काबरकि सैतान ह उतरके तुम्हर करा आय हवय!
ओह कोरोध ले भरे हवय, काबरकि ओह जानथे
कि ओकर करा अऊ थोरकन समय बचे हवय।”
13 जब ओ सांप सहीं पसु ह देखिस कि ओला धरती ऊपर फटिक दिये गे हवय, त ओह ओ माईलोगन के पाछू पड़ गीस, जऊन ह एक बेटा ला जनमे रिहिस। 14 ओ माईलोगन ला एक बड़े गिधवा के दू ठन डेना दिये गीस, ताकि ओह सुनसान जगह म ओ ठऊर ला उड़ के जा सकय, जिहां सांप के पहुंच ले बाहिर, ओकर साढ़े तीन साल तक देख-भाल करे जावय। 15 तब सांप ह अपन मुहूं ले ओ माईलोगन कोति नदिया सहीं पानी के धार छोंड़िस, ताकि माईलोगन ह पानी के धार म बोहा जावय। 16 पर धरती ह ओ माईलोगन के मदद करिस। धरती ह अपन मुहूं ला खोलके ओ पानी ला पी गीस, जऊन ह ओ सांप सहीं पसु के मुहूं ले निकरत रिहिस। 17 तब ओ सांप सहीं पसु ह ओ माईलोगन ऊपर गुस्सा करिस अऊ ओह माईलोगन के बांचे संतानमन ले लड़ई करे बर निकरिस – याने कि ओ मनखेमन ले, जऊन मन परमेसर के हुकूम ला मानथें अऊ यीसू के ऊपर बिसवास म अटल रहिथें।
53 तब यीसू ह ओ जगह ले चल दीस। ओही बेरा ले फरीसी अऊ कानून के गुरू मन ओकर पाछू पड़के बहुंत बिरोध करे लगिन अऊ ओकर ले बहुंते चीज के बारे म सवाल करे लगिन। 54 असल म ओमन ए ताक म रहंय कि यीसू के मुहूं ले कोनो गलत बात निकरे अऊ ओमन ओला पकड़ लें।
चेतउनी अऊ उत्साह
(मत्ती 10:26-27)
12 इही दौरान हजारों मनखेमन के भीड़ लग गीस अऊ ओमन एक-दूसर ऊपर गिरे पड़त रिहिन, त यीसू ह पहिली अपन चेलामन ला कहे के सुरू करिस, “फरीसीमन के खमीर ले सचेत रहव, मतलब कि ओमन के ढोंगीपन ले सचेत रहव। 2 कुछू घलो बात ढंके नइं ए, जऊन ला खोले नइं जाही या कुछू भी बात छिपे नइं ए, जऊन ला बताय नइं जाही। 3 एकरसेति, जऊन बात तुमन अंधियार म कहे हवव, ओह दिन के अंजोर म सुने जाही, अऊ जऊन बात तुमन बंद कोठरी म मनखेमन के कान म चुपेचाप कहे हवय, ओला घर के छानी ऊपर ले खुले-आम बताय जाही।
4 मोर संगवारीमन, मेंह तुमन ला कहत हंव कि ओमन ले झन डरव, जऊन मन देहें ला घात करथें अऊ ओकर बाद ओमन अऊ कुछू नइं कर सकंय। 5 पर मेंह तुमन ला बतावत हंव कि तुमन ला काकर ले डरना चाही। ओकर ले डरव, जेकर करा तुमन ला मारे के बाद नरक म डारे के सामरथ हवय। हव, मेंह तुमन ला कहत हंव, ओकरेच ले डरव। 6 पांच ठन गौरइया चिरई कतेक म बिकथे? दू पईसा ले जादा म नइं बिकय। तभो ले परमेसर ह ओम ले एको ठन ला नइं भूलय। 7 अऊ त अऊ तुम्हर मुड़ के जम्मो चुंदीमन गने गे हवंय। झन डरव; तुमन गौरइया चिरईमन ले जादा कीमत के अव।
8 मेंह तुमन ला कहत हंव कि जऊन ह मोला मनखेमन के आघू म मान लेथे, ओला मनखे के बेटा घलो परमेसर के स्वरगदूतमन के आघू म मान लिही। 9 पर जऊन ह मोला मनखेमन के आघू म इनकार करथे, ओला मनखे के बेटा घलो परमेसर के स्वरगदूतमन के आघू म इनकार करही। 10 अऊ जऊन ह मनखे के बेटा के बिरोध म कोनो बात कहिथे, त ओला माफ करे जाही, पर जऊन ह पबितर आतमा के बिरोध म निन्दा करथे, ओला माफ करे नइं जावय।
11 जब मनखेमन तुमन ला सभा घर, सासन करइया अऊ अधिकारीमन के आघू म लानथें, त ए बात के चिंता झन करव कि तुमन अपन बचाव कइसने करहू या ओमन के आघू म का कहिहू, 12 काबरकि पबितर आतमा ह ओहीच बेरा तुमन ला ए बात ला सीखा दिही कि तुमन ला का कहना चाही।”
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