Book of Common Prayer
26 ओही किसम ले, पबितर आतमा ह हमर दुरबलता म हमर मदद करथे। हमन नइं जानन कि हमन ला कइसने पराथना करना चाही, पर पबितर आतमा ह खुद अइसने कल्हर-कल्हर के बिनती करथे, जेकर बयान नइं करे जा सकय। 27 अऊ जऊन ह (परमेसर) मनखेमन के हिरदय ला जांचथे, ओह जानथे कि पबितर आतमा के का मनसा हवय, काबरकि पबितर आतमा ह परमेसर के मनसा के मुताबिक पबितर मनखेमन बर बिनती करथे।
28 हमन जानथन कि जऊन मन परमेसर ले मया करथें अऊ ओकर ईछा के मुताबिक बलाय गे हवंय, ओमन बर परमेसर ह जम्मो बात म भलई पैदा करथे। 29 काबरकि जऊन मन ला परमेसर ह पहिली ले जानत हवय, ओमन ला ओह चुने घलो हवय कि ओमन ओकर बेटा के सरूप म होवंय अऊ ओकर बेटा ह बहुंते भाईमन म पहिलांत ठहिरय। 30 अऊ जऊन मन ला ओह चुन लीस, ओमन ला ओह बलाईस घलो; अऊ जऊन मन ला ओह बलाईस, ओमन ला धरमी घलो ठहराईस; अऊ जऊन मन ला ओह धरमी ठहराईस, ओमन के महिमा घलो करिस।
सात ठन दुःख
(मरकुस 12:38-39; लूका 11:43, 46; 20:45-46)
23 तब यीसू ह भीड़ के मनखे अऊ अपन चेलामन ला कहिस, 2 “मूसा के कानून के गुरू अऊ फरीसी मन मूसा के कानून ला सिखोथें। 3 एकरसेति, ओमन जऊन कुछू कहिथें ओला मानव अऊ करव। पर ओमन सहीं काम झन करव, काबरकि ओमन जइसने कहिथें वइसने नइं करंय। 4 ओमन कानून के भारी बोझा ला बनाथें अऊ ओला मनखेमन के खांधा ऊपर लदक देथें, पर ओमन ह खुदे ओला टारे बर अपन अंगरी घलो उठाय नइं चाहंय।
5 ओमन अपन जम्मो काम मनखेमन ला देखाय बर करथें। ओमन देखाय बर चाकर-चाकर ताबीज बनाके अपन बाहां अऊ माथा म पहिरथें अऊ अपन कपड़ा म लम्बा झालर लगवाथें[a]।
6 भोज मन म आदर के ठऊर अऊ सभा घरमन म खास जगह म बईठना ओमन ला बने लगथे। 7 बजार म जोहार झोंकना अऊ मनखेमन के दुवारा गुरूजी कहवई ओमन ला बने लगथे।
8 पर तुमन अपन ला गुरू झन कहावव, काबरकि तुम्हर सिरिप एक गुरू हवय, अऊ तुमन जम्मो झन भाई-भाई अव। 9 धरती म कोनो ला अपन ददा झन कहव, काबरकि तुम्हर एके ददा हवय, जऊन ह स्वरग म हवय। 10 तुमन अपन ला मालिक घलो झन कहावव, काबरकि तुम्हर एके मालिक हवय याने कि ‘मसीह’। 11 जऊन ह तुमन जम्मो म बड़े अय, ओह तुम्हर सेवक बनय। 12 जऊन ह अपन-आप ला बड़े बनाही, ओला छोटे करे जाही, अऊ जऊन ह अपन-आप ला छोटे बनाही, ओला बड़े करे जाही।
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