Book of Common Prayer
सांति अऊ आनंद
5 एकरसेति, जब हमन बिसवास के दुवारा सही ठहिराय गे हवन, त हमर अपन परभू यीसू मसीह के जरिये परमेसर के संग सांति हवय। 2 मसीह के जरिये बिसवास के दुवारा हमन ए अनुग्रह ला पाय हवन, जऊन म हमन अब रहिथन। अऊ हमन ह ए आसा म आनंद मनाथन कि हमन परमेसर के महिमा के भागी होबो। 3 सिरिप एही भर नइं, पर हमन दुःख-पीरा म घलो आनंद मनाथन, काबरकि हमन जानथन कि दुःख-पीरा ले सहनसीलता, 4 सहनसीलता ले बने चाल-चलन अऊ बने चाल-चलन ले आसा पैदा होथे। 5 अऊ आसा ह हमन ला निरास नइं करय, काबरकि परमेसर ह हमन ला पबितर आतमा दे हवय, अऊ ए पबितर आतमा के जरिये ओह अपन मया ला हमर हिरदय म डारे हवय।
6 जब हमन निरबल ही रहेंन, तभे सही समय म मसीह ह भक्तिहीन मनखेमन बर मरिस। 7 एह मुसकुल अय कि एक धरमी मनखे बर कोनो मरय, सायद ए हो सकथे कि एक बने मनखे बर कोनो मरे के हिम्मत करय। 8 पर परमेसर ह हमर बर अपन मया ला ए किसम ले देखाथे: जब हमन पापी ही रहेंन, तभे मसीह ह हमर बर मरिस।
9 जब हमन मसीह के लहू के कारन सही ठहिराय गे हवन, त फेर ओकर दुवारा हमन परमेसर के कोरोध ले काबर नइं बांचबो? 10 काबरकि जब हमन परमेसर के बईरी रहेंन, त ओकर बेटा के मिरतू के दुवारा ओकर संग हमर मेल-मिलाप होईस, त फेर मेल-मिलाप होय के बाद, मसीह के जिनगी के दुवारा हमन उद्धार काबर नइं पाबो? 11 सिरिप एहीच नइं, पर हमन परमेसर म घलो, हमर परभू यीसू मसीह के जरिये आनंद मनाथन, जेकर दुवारा अब परमेसर के संग हमर मेल-मिलाप होय हवय।
यीसू ह फेर अपन मिरतू के अगमबानी करथे
(मरकुस 10:32-34; लूका 18:31-34)
17 यरूसलेम सहर ला जावत बेरा यीसू ह बारह चेलामन ला अलग ले गीस अऊ ओमन ला कहिस, 18 “देखव, हमन यरूसलेम सहर जावत हन। उहां मनखे के बेटा ह मुखिया पुरोहित अऊ कानून के गुरू मन के हांथ म सऊंपे जाही, अऊ ओमन ओला मिरतू दंड के दोसी ठहराहीं, 19 अऊ आनजातमन के हांथ म सऊंप दिहीं, जऊन मन ओकर मजाक उड़ाहीं, ओला कोर्रा म मारहीं अऊ कुरुस ऊपर चघाहीं। पर तीसरा दिन ओह जी उठही।”
एक दाई के बिनती
(मरकुस 10:35-45)
20 तब जबदी के बेटामन के दाई ह अपन बेटामन के संग यीसू करा आईस अऊ ओकर आघू म माड़ी टेकके कुछू मांगे लगिस।
21 यीसू ह ओला कहिस, “तेंह का चाहथस?” ओह कहिस, “तेंह हुकूम दे कि तोर राज म मोर ए दूनों बेटामन – एक झन तोर जेवनी कोति अऊ दूसर ह तोर डेरी कोति बईठे।”
22 यीसू ह ओमन ला कहिस, “तुमन नइं जानत हव कि तुमन का मांगत हवव। जऊन कटोरा म ले मेंह पीवइया हवंव, का तुमन ओला पी सकथव?” ओमन कहिन, “हमन पी सकथन।”
23 यीसू ह ओमन ला कहिस, “तुमन ह मोर कटोरा ले पी सकथव, पर कोनो ला मोर जेवनी या डेरी कोति बईठे के अनुमती देवई, मोर अधिकार म नइं अय। ए जगह ओमन बर अय, जेमन बर मोर ददा ह एला तियार करे हवय।”
24 जब आने दस चेलामन ए बात ला सुनिन, त ओमन ओ दूनों भाई ऊपर गुस्सा करिन। 25 यीसू ह ओमन ला एक संग अपन करा बलाईस अऊ कहिस, “तुमन जानथव कि आनजातमन के सासकमन ओमन ऊपर परभूता रखथंय अऊ ओमन के बड़े अधिकारीमन ओमन ऊपर अधिकार जताथंय। 26 तुमन के संग अइसने नइं होवय। पर जऊन ह तुमन म बड़े होय चाहथे, ओह तुम्हर सेवक बनय, 27 अऊ जऊन ह तुमन म पहिली होय चाहथे, ओह तुम्हर गुलाम बनय। 28 मनखे के बेटा ह अपन सेवा करवाय बर नइं आईस, पर एकर खातिर आईस कि ओह आने मन के सेवा करय अऊ बहुंत झन के छुड़ौती बर अपन परान ला देवय।”
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