Book of Common Prayer
12 ओ जम्मो झन जऊन मन मूसा के कानून ला बिगर जाने पाप करिन, ओमन बिगर कानून के नास होहीं, अऊ ओ जम्मो झन जऊन मन मूसा के कानून ला जानके पाप करिन, ओमन के नियाय, कानून के मुताबिक होही[a]। 13 काबरकि परमेसर के आघू म, मूसा के कानून के सुनइयामन धरमी नइं ठहिरंय, पर मूसा के कानून म चलइयामन धरमी ठहिराय जाहीं। 14 आनजातमन, जेमन करा मूसा के कानून नइं ए, जब ओमन सुभाव ले मूसा के कानून के मुताबिक चलथें, त ओमन करा कानून नइं होवत घलो, ओमन खुदे अपन बर एक कानून अंय। 15 ओमन मूसा के कानून ला अपन चाल-चलन के दुवारा परगट करथें; ओमन के बिवेक ह घलो गवाही देथे, अऊ ओमन के सोच-बिचार ह कभू ओमन ला दोसी ठहिराथे, त कभू ओमन के बचाव करथे। 16 मोर सुघर संदेस के मुताबिक ए बात ह ओ दिन परगट होही, जब परमेसर ह मनखेमन के गुपत बात के नियाय यीसू मसीह के जरिये करही।
यहूदी अऊ मूसा के कानून
17 यदि तेंह अपन-आप ला यहूदी कहिथस अऊ मूसा के कानून ऊपर भरोसा रखथस अऊ तेंह परमेसर के बारे म घमंड करथस, 18 यदि तेंह परमेसर के ईछा ला जानथस अऊ सही बात के पहिचान रखथस, काबरकि तोला मूसा के कानून के सिकछा मिले हवय; 19 यदि तोला भरोसा हवय कि तेंह अंधरामन बर डहार दिखइया, अंधियार म परे मनखेमन बर अंजोर, 20 मुरुखमन के सिखोइया अऊ लइकामन के गुरू अस, काबरकि तोला मूसा के कानून के पूरा गियान अऊ सत मिले हवय – 21 तब, जब तेंह आने मन ला सिखोथस, त का अपन-आप ला नइं सीखोवस? तेंह उपदेस देथस कि चोरी झन करव, त का तेंह खुदे चोरी करथस? 22 तेंह कहिथस कि छिनारी झन करव अऊ का तेंह खुदे छिनारी करथस? तेंह मूरतीमन ले घिन करथस अऊ का तेंह खुदे मंदिरमन ला लूटथस? 23 तेंह मूसा के कानून के बारे म घमंड करथस अऊ का तेंहीच ह कानून ला टोरके परमेसर के अनादर करथस? 24 जइसने परमेसर के बचन म लिखे हवय: “तुम्हर कारन आनजात म परमेसर के निन्दा होवत हवय।”[b]
गंवाय भेड़ के पटंतर
(लूका 15:3-7)
10 “देखव! तुमन ए छोटे मन ले कोनो ला घलो तुछ झन समझव। काबरकि मेंह तुमन ला कहत हंव कि एमन के दूतमन स्वरग म मोर ददा के आघू म हमेसा रहिथें। 11 (काबरकि मनखे के बेटा ह गंवायमन ला बंचाय बर आईस)।
12 तुमन का सोचथव? यदि कोनो मनखे करा सौ ठन भेड़ हवय, अऊ ओम के एक ठन भेड़ ह भटक जाथे, त का ओह निनान्बे भेड़मन ला पहाड़ी ऊपर छोंड़के ओ एक ठन भटके भेड़ ला खोजे बर नइं जावय? 13 अऊ यदि ओ भेड़ ह ओला मिल जावय, त मेंह तुमन ला सच कहत हंव; ओह ओ भेड़ खातिर जादा आनंद मनाही, एकर बनिसपत कि ओ निनान्बे भेड़ जऊन मन भटके नइं रिहिन। 14 अइसनेच स्वरग म तुम्हर ददा ह नइं चाहत हवय कि ए छोटे मन ले एको झन घलो नास होवंय।”
अपराधी भाई के संग बरताव
15 “यदि तोर भाई ह तोर बिरोध म पाप करथे, त जा अऊ ओकर गलती ला बता, अऊ ए बात ह सिरिप तुमन दूनों के बीच म होवय। यदि ओह तोर बात ला मान लेथे, त तेंह अपन भाई ला वापिस पा लेय। 16 यदि ओह तोर बात ला नइं मानय, त अपन संग म एक या दू झन मनखे ला ले, ताकि दू या तीन झन के गवाही ले हर एक बात साबित हो जावय। 17 यदि ओह ओमन के बात ला घलो नइं सुनय, त ए बात कलीसिया ला बता दे, अऊ यदि ओह कलीसिया के बात ला घलो नइं सुनय, त तेंह ओला एक आनजात या एक लगान लेवइया के सहीं समझ।
18 मेंह तुमन ला सच कहत हंव कि जऊन कुछू तुमन धरती ऊपर बांधहू, ओह स्वरग म बंधाही, अऊ जऊन कुछू तुमन धरती ऊपर खोलहू, ओह स्वरग म खोले जाही।
19 मेंह तुम्हर ले फेर कहत हंव, यदि तुमन म ले दू झन मनखे एक मन होके धरती ऊपर कोनो बात बर पराथना करहू, त मोर ददा जऊन ह स्वरग म हवय, ओ काम ला तुम्हर बर कर दिही। 20 काबरकि जिहां दू या तीन मनखे मोर नांव म जुरथें, उहां मेंह ओमन के बीच म रहिथंव।”[a]
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