Book of Common Prayer
1 यहोवा सासन करत ह!
उ महिमा अउर सक्ति क पहिर लिहस
ताकि धरती स्थिर रहइ
अउर गिरे नाहीं।
2 हे परमेस्सर, तोहार साम्राज्य अनादि काल स टिका भवा अहइ।
तू सदा जिअत अहा।
3 हे यहोवा, नदियन क गर्जन बहोत तीव्र बा।
ओनकर लहरन क
नस्ट करइया अहइ।
4 समुद्र क पछारा खात भइ लहरन गरजत हीं, अउर उ सबइ सक्तिसाली अहइँ।
मुला ऊपर वाला यहोवा जियादा सक्तिसाली अहइ।
5 हे यहोवा, तोहार कानून बहोत स्थिर अहइ।
तोहार पवित्तर मन्दिर लम्बी समई तलक खड़ा रही।
1 यहोवा बरे एक ठु गीत गावा।
हे समस्त ब्रह्माण्ड यहोवा बरे गीत गावा।
2 यहोवा बरे गावा, ओकरे नाउँ क धन्न कहा।
हर दिन इ ओकरे उद्धार क बारे मँ सुसमाचार क सुनावा।
3 दूसर रास्ट्रन क बतावा कि यहोवा फुरइ अद्भुत बाटइ।
सब कतहूँ क लोगन मँ ओन अद्भुत बातन क जेनका उ करत ह बखान करा।
4 यहोवा महान बा अउर बड़कई क जोग बा।
उ कउनो “देवतन” स जियादा स्रद्धालु बा।
5 दूसर रास्ट्रन क सबहिं “देवतन” सिरिफ मूर्तियन अहइँ,
मुला यहोवा अकासन क रचेस।
6 ओकरे समन्वा सुन्दर महिमा दमकत बा।
परमेस्सर क पवित्तर मन्दिर सामरथ अउ सुरन्दरता अहइँ।
7 हे वंसो, अउर रास्ट्रो,
यहोवा बरे महिमा अउर बड़कई क गीत गावा।
8 यहोवा क नाउँ क गुणगान करा।
आपन भेंटन उठावा अउ मन्दिर मँ जा।
9 यहोवा क ओकर भव्य, मन्दिर मँ उपासना करा।
अरे ओ धरती क मनइयो, यहोवा क उपासना करा।
10 रास्ट्रन क जानइ द्या कि यहोवा राजा अहइ।
निहचय ही उ उहइ अहइ जउन जगत क स्थिर अउर अखण्ड बनाएस ह।
यहोवा मनइयन पइ निआउ स सासन करी।
11 अरे अकास, खुस ह्वा, हे धरती, आनन्द मनावा।
हे सागर, अउर ओहमाँ क सबइ चिजियन क आनन्द स ललकारा।
12 अरे ओ खेतो अउर ओहमाँ उगइवाली हर वस्तु आनन्द स भरपूर होइ जा।
हे जंगल क बृच्छो गावा अउर आनन्द मनावा।
13 आनन्द स भरपूर होइ जा
काहेकि यहोवा आवत अहइ।
यहोवा जगत क सासन करइ आवत अहइ,
उ खरेपन स निआउ करी।
जब दाऊद अबीमेलेक क समन्वा पागल होइ क देखाँवा किहस। जेहसे अबीमेलेक ओका भगाइ देइ, इ प्रकार दाऊद ओका तजिके चला गवा। उहइ अवसर पइ दाऊद क एक ठु पद।
1 मइँ यहोवा क सदा धन्न कहब।
मोरे ओंठन पइ सदा ओकर स्तुति अहइ।
2 हे नम्र लोगो! सुना अउ खुस होइ जा।
मोर सेखी यहोवा क बारे मँ अहइ।
3 मोरे संग यहोवा क गरिमा क गुणगान करा।
आवा, हम एक साथ घोसना करी कि उ केतॅना अच्छा अहइ।
4 मइँ परमेस्सर क लगे मदद माँगइ गएउँ, उ मोर सुनेस।
उ मोका ओन सबहिं बातन स बचाएस जेनसे मइँ डेरात हउँ।
5 गरीब लोग ओकरे कइँती मदद बरे लखत हीं।
ओनकर फीका चेहरन खुसी स गाइ उठेन
काहेकि उ ओनका उत्तर दिहस।
6 इ दीन जन यहोवा क मदद बरे पुकारेस,
अउर यहोवा मोर सुनि लिहस।
अउर उ सब विपत्तियन स मोर रच्छा किहस।
7 यहोवा क दूत ओकरे भगत जनन क चारिहुँ कइँती डेरा डाए रहत ह।
अउर यहोवा क दूत ओन लोगन क रच्छा करत ह।
8 चखा अउर समझा कि यहोवा केतॅना भला बाटइ।
उ मनई जउन यहोवा क भरोसे अहइ फुरइ खुस रही।
9 यहोवा क पवित्तर जन क ओकर आराधना करइ चाही।
यहोवा क भगतन बरे कउनो दूसर सुरच्छित ठउर नाहीं बा।
10 आजु जउन बरिआर अहइँ दुर्बल अउ भूखा होइ जइहीं।
मुला जउन परमेस्सर क सरण आवत हीं उ सबइ लोग हर उत्तिम वस्तु पइहीं।
11 हे बालको, मोर सुना,
अउर मइँ तू पचन्क सिखाउब कि यहोवा क सेवा कइसे करइँ।
12 अगर कउनो मनई जिन्नगी स पिरेम करत ह,
अउर बढ़िया अउ बड़की जिन्नगी क जिअइ चाहत ह
13 तउ उ मनई क बुरा नाहीं बोलइ चाही,
उ मनई क झूठ नाहीं बोलइ चाही।
14 बुरा काम जिन करा, नेक काम करत रहा।
सान्ति क कारज करा, सान्ति क प्रयास मँ जुटा रहा जब तलक ओका पाइ न ल्या।
15 यहोवा सज्जन लोगन क रच्छा करत ह।
ओनकर पराथनन पइ उ कान देत ह।
16 मुला यहोवा, जउन बुरा करम करत हीं, अइसे मनइयन क खिलाफ होत ह।
एह बरे उ लोग मरइ क पाछे बिसरि दीन्ह जाइहीं।
17 यहोवा स बिनती करा, उ तोहार सुनी।
उ तू पचन्क तोहरी सबहिं मुसीबतन स बचाइ लेइ।
18 लोगन पइ मुसीबत आइ सकत हीं अउर उ पचे अभिमानी होब तजि देत हीं।
यहोवा ओन लोगन क निअरे रहत ह।
जेनकर टूटा मन अहइँ ओनका उ बचाइ लेइ।
19 होइ सकत ह सज्जन भी बिपदन मँ घिर जाइँ।
मुला यहोवा ओन सज्जन लोगन क ओनकर हर समस्या स रच्छा करी।
20 यहोवा ओनकइ सब हाड़न क रच्छा करी।
ओनकर एक भी हाड़ नाहीं टूटी।
21 दुट्ठता दुटठ लोगन बरे मउत लावत ह।
सज्जन क विरोधी नस्ट होइ जइहीं।
22 यहोवा आपन हर दास क आतिमा बचावत ह।
जउन लोग ओह पइ भरोसा रखत हीं, उ ओन लोगन क नस्ट नाहीं होइ देइ।
भुइयाँ बरे आराम क समइ
25 यहोवा मूसा स सिनाई पहाड़े प कहेस। यहोवा कहेस, 2 “इस्राएल क लोगन स कहा: तू लोग उ भुइँया प जाब्या जेका मइँ तू पचन्क देत अहउँ। उ समइ तू पचन्क भुइँया क आराम क समइ जरूर देइ चाही। इ यहोवा क सम्मान देइ बरे भुइँया क आराम क खास समइ होइ। 3 तू पचे छ: बरिस तलक आपने खेतन मँ बिआ बोउब्या। तू पचे आपन अंगूर क बागन मँ छ: बरिस तलक कटनी करब्या अउ ओकर फल स खूब आनन्द लेउब्या। 4 मुला सतएँ बरिस तू पचे उ भुइँया क आराम करइ देब्या। इ यहोवा क सम्मान देइ बरे आराम क खास समइ होइ। तोहका पचन्क आपन खेतन मँ बिआ नाहीं बोवइ चाही अउ अंगूर क बागन मँ बेलन क कटनी नाहीं करइ चाही। 5 तू पचन्क ओन फसलन क कटनी नाहीं करइ चाही जउन फसल कटइ क पाछे अपने आप उगत ह। तू पचन्क आपन ओन अंगूर क बेलन स अंगूर नाहीं उतारइ चाही जेनकइ तू पचे कटनी नाहीं किहे अहा। इ भुइँया क आराम क खास समइ होइ।
6 “इ (जउन चीज सतएँ बरिस मँ अपने आप उगत ह) तोहरे बरे भोजन होइ। तोहार मनसेधू अउ मेहरारू दास लोगन बरे मजदूरी प रखा गएन तोहरे मजदूर अउ तोहरे देस मँ रहइवाले बिदेसियन बरे प्रयाप्त भोजन होइ। भोजन रही। 7 तोहरे गोरुअन अउ दूसर जनावरन क खाइ बरे ढेर चारा होइ।
जुबली मुक्ति बरिस
8 “तू पचे सात बरिस तलक सात समूहन क गनब्या। इ सबइ उन्नचास बरिस होइहीं। इ समइ क भितरे भुइँया बरे सात बरिस आराम क होइहीं। 9 प्रायस्चित क दिन तू सबन्क भेड़ा क सींग बजावइ चाही। उ सतएँ महीना क दसवाँ दिन होइ। तू सबन्क पूरा देस मँ भेड़ा क सींग बजावइ चाही। 10 तू पचे पचासवें बरिस क बिसेस त्यौहार मनउब्या। तू पचे आपन देस मँ रहइवाले सबहिं लोगन क स्वतंत्र घोषित करब्या। इ समइ क ‘जुबली’ कहा जाइ। तू पचन मँ स हर एक आपन भुइँया मँ लउटि जाइ। अउर तू पचन मँ स हर एक आपन परिवार मँ लउटि जाइ। 11 पचासवाँ बरिस तोहरे पचन्क बरे खास उत्सव क बरिस होइ। उ बरिस तू पचे बिआ जिन बोआ। अपने आप उगी भइ फसल क जिन काटा। अंगूरे क ओन बेलन स अंगूर जिन ल्या। 12 उ जुबली बरिस अहइ। इ तोहरे पचन बरे पवित्तर बरिस होइ। तू पचे उ पैदावार क खाब्या जउन तोहरे खेतन स आवति अहइ। 13 जुबली बरिस मँ हर एक मनई क ओकर धरती वापस होइ जाइ।
14 “दूसर मनई क आपन भुइँया बेंचइ या खरीदइ मँ जिन ठगा। 15 अगर तू पचे कउनो क भुइँया बेसहइ चाह्या तउ पिछले जुबली स काल क गिना करा अउ उ गणना क प्रयोग धरती क ठीक दाम तय करइ बरे करा। अगर तू पचे भुइँया क बेंचत ह, तउ फसलन क कटनी क सबइ बरिस क गना अउ बरिसन क गणना क उपयोग ठीक दाम तय करे बरे करा। 16 अगर जियादा बरिस अहइँ तउ दाम ऊँच होइ। अगर थोड़ा बरिस अहइँ तउ दाम कमती करा। काहेकि उ मनई तू पचन्क सचमुच कुछ बरिस क फसल बेंचत अहइ। अगली जुबली पइ भुइँया ओकरे परिवार क होइ जाइ। 17 तू सबन्क एक दूसर क ठगइ नाहीं चाही। तू सबन्क आपन परमेस्सर क सम्मान करइ चाही। मइँ यहोवा तोहार परमेस्सर अहउँ।
बिसवास अउर विवेक
2 मोर भाइयो तथा बहिनियो, जब कबहुँ तू तरह तरह क परीच्छा मँ पड़ा तउ एका बड़ा आनन्द क बात समझा। 3 काहेकि तू इ जानत अहा कि तोहार बिसवास जब परीच्छा मँ सफल होत ह तउ ओसे धीरजपूर्ण सहन सक्ती पैदा होत ह। 4 अउर उ धीरजपूर्ण सहन सक्ती एक अइसेन पूर्णता क जनम देत ह जेहसे तू अइसेन सिद्ध अउर पूर्ण बन सकत ह जेहमाँ कउनउ कबहुँ नाहीं रहि जात।
5 तउन अगर तोहमाँ कछू विवेक क कमी अहइ तउ ओका परमेस्सर स मांग सकत ह। उ सबहिं क उदारता क साथे देत ह। उ सबहिं क उदार होइ क देइ मँ खुस होत ह। 6 बस बिसवास क साथे माँगा जाइ। तनिकउ भी संदेह न होइ चाही काहेकि जेका संदेह होत ह, उ सागर क ओह लहर क समान बा जउन हवा स उठत ह अउर थरथरात ह। 7-8 अइसेन मनई क इ नाहीं सोचइ चाही कि ओका पर्भू स कछू भी मिल पाई। अइसेन मनई क मन तउ दुविधा स ग्रस्त बा। उ अपने सभन करमन मँ अस्थिर रहत ह।
16 तऊन मोर पिआर भाइयो तथा बहिनियो, धोखा न खा। 17 हर एक उत्तिम दान अउर परिपूर्ण उपहार उप्पर स मिलत ह। अउर उ सबइ ओह परमपिता क जरिये जे सरगीय प्रकास (सूरज चाँद अउर तारन) क जनम दिहे अहइ, नीचे लइ आवत ह। उ जउन सभन प्रकासन का पिता अहइ। जो न कभउ बदलत ह अउर न छाया स प्रभावित होत ह। 18 परमेस्सर अपने इच्छा स सत्य क बचन दुआरा हमे जनम दिहेस जेहसे हम ओकरे द्वारा रचे गएन प्रानियन मँ सबसे महत्वपूर्ण सिद्ध होइ सकी।
सुआरथ क खिलाफ चिताउनी
13 फिन भीड़ मँ स ओसे कउनो कहेस, “गुरु, मोरे भइया स मोरे बाप क धन दौलत क हींसा बाँटइ बरे कहि द्या।”
14 ऍह प ईसू ओसे कहेस, “अरे भले मनई, मोका तोहरे बरे निआववाला या पंच कउन बनएस ह” 15 तउ ईसू ओनसे कहेस, “होसियारी क संग आपन क लालच स दूर राखा। काहेकि जरूरत स जिआदा धन-दौलत होइ प जिन्नगी क आधार ओकर संग्रह नाहीं होत।”
16 फिन उ ओनका एक दिस्टान्त कथा सुनाएस: “कउनो धनी मनई क धरती प खूब पैदावार भइ। 17 उ आपन मनवा मँ सोचत भवा कहइ लाग, ‘मइँ का करुँ, मोरे लगे फसिल क रखइ बरे ठउर तउ अहइ नाहीं।’
18 “फिन उ बोला, ‘ठीक अहइ मइँ इ करब कि आपन अनाज क कोठिला गिराइके बड़का कोठा बनवाउब अउर आपन समूचा अनाज क अउर सामान हुवाँ रखब। 19 फिन आपन आतिमा स कहब, अरे मोर आतिमा अब बहोत स उत्तिम बस्तु, बहोत स बरिस बरे तोहरे लगे ऍकट्ठी अहइँ। घबरा जिन, खावा, पिआ अउर मउज उड़ावा!’
20 “मुला परमेस्सर ओसे बोला, ‘अरे मूर्ख! इहइ राति मँ तोहार आतिमा तोहसे लइ लीन्ह जाइ। जउन कछू तू तइयार किहे अहा, ओका कउन लेइ?’
21 “लखा, उ मनई क संग भी कछू अइसा ही भवा ह, उ अपने बरे बटोरत ह मुला परमेस्सर क निगाह मँ उ धनी नाहीं।”
Awadhi Bible: Easy-to-Read Version. Copyright © 2005 Bible League International.