Book of Common Prayer
1 थिस्सलुनीके सहर के कलीसिया ला, जऊन ह परमेसर हमर ददा अऊ परभू यीसू मसीह म बिसवास करथे; में पौलुस ह ए चिट्ठी लिखत हवंव। सीलास अऊ तीमुथियुस मोर संग हवंय।
2 परमेसर ददा अऊ परभू यीसू मसीह कोति ले तुमन ला अनुग्रह अऊ सांति मिलत रहय।
धनबाद अऊ पराथना
3 हे भाईमन, तुम्हर बर हमन हमेसा परमेसर के धनबाद करथन अऊ अइसने करई उचित घलो अय, काबरकि तुम्हर बिसवास ह बहुंत बढ़त जावत हवय अऊ तुमन जम्मो झन के मया एक-दूसर बर बढ़त जावत हवय। 4 एकरसेति हमन परमेसर के कलीसियामन म तुम्हर बर घमंड करथन कि जम्मो सतावा अऊ तकलीफ ला सहत तुमन स्थिर रहिथव अऊ बिसवास म बने रहिथव।
5 ए जम्मो ह परमेसर के सही नियाय के सबूत ए अऊ एकर नतीजा के रूप म तुमन परमेसर के राज के लइक समझे जाहू, जेकरसेति तुमन दुःख भोगत हवव। 6 परमेसर ह नियायी ए; ओह ओमन ला तकलीफ दिही, जऊन मन तुमन ला तकलीफ देथें। 7 अऊ ओह तुमन ला, जऊन मन तकलीफ उठावत हवव, अराम दिही, अऊ संग म हमन ला घलो। एह तभे होही, जब परभू यीसू ह अपन सक्तिसाली स्वरगदूतमन संग धधकत आगी म स्वरग ले परगट होही। 8 ओह ओमन ला सजा दिही, जऊन मन परमेसर ला गरहन नइं करंय अऊ हमर परभू यीसू के सुघर संदेस ला नइं मानय। 9 ओमन सदाकाल के बिनास के सजा पाहीं अऊ ओमन परभू के आघू ले अऊ ओकर सामरथ के तेज ले दूरिहा करे जाहीं। 10 एह ओ दिन होही, जब ओह अपन पबितर मनखेमन म महिमा पाय बर अऊ जऊन मन बिसवास करे हवंय, ओ जम्मो के बीच म आदर पाय बर आही। एम तुमन घलो सामिल हवव, काबरकि तुमन हमर गवाही ला बिसवास करे हवव।
11 एकरे कारन, हमन हमेसा तुम्हर बर पराथना करथन कि हमर परमेसर ह तुमन ला अपन बुलाहट के काबिल समझय अऊ ओह तुम्हर हर बने ईछा ला अऊ बिसवास के काम ला, अपन सामरथ के दुवारा पूरा करय। 12 हमन ए पराथना करथन, ताकि हमर परमेसर अऊ परभू यीसू मसीह के अनुग्रह के मुताबिक, हमर परभू यीसू के नांव ह तुमन म महिमा पावय अऊ तुमन ओम महिमा पावव।
चिंता झन करव
(लूका 12:22-34)
25 “एकरसेति, मेंह तुमन ला कहत हंव कि तुमन अपन जिनगी के बारे म चिंता झन करव कि तुमन का खाहू या का पीहू, अऊ न अपन देहें के बारे म चिंता करव कि तुमन का पहिरहू। का जिनगी ह भोजन ले जादा महत्व के नो हय? अऊ देहें ह ओन्ढा ले बढ़ के नो हय? 26 अकास के चिरईमन ला देखव; ओमन ह न बोवंय, न लुवंय अऊ न कोठार म जमा करंय; तभो ले तुम्हर स्वरगीय ददा ह ओमन ला खवाथे। का तुमन चिरईमन ले जादा महत्व के नो हव? 27 तुम्हर म ले कोन ह चिंता करे के दुवारा अपन जिनगी म एको घरी घलो बढ़ा सकथे?
28 तुमन ओन्ढा बर काबर चिंता करथव? खेत के जंगली फूलमन ला देखव कि ओमन कइसने बढ़थें। ओमन न तो मिहनत करंय अऊ न ही ओन्ढा बिनंय। 29 तभो ले मेंह तुमन ला बतावत हंव कि राजा सुलेमान घलो अपन जम्मो सोभा म एमन ले एको झन सहीं नइं सजे-धजे रिहिस। 30 यदि परमेसर ह खेत के कांदी ला, जऊन ह आज इहां हवय अऊ कल आगी म झोंक दिये जाही, अइसने ओन्ढा पहिराथे, तब हे अल्प बिसवासी मनखेमन, ओह तुमन ला अऊ बने ओन्ढा काबर नइं पहिराही? 31 एकरसेति तुमन चिंता झन करव अऊ ए झन कहव कि हमन का खाबो? या का पीबो? या का पहिरबो? 32 आनजातमन ए जम्मो चीज के खोज म रहिथें। तुम्हर स्वरगीय ददा ह जानथे कि तुमन ला ए जम्मो चीज के जरूरत हवय। 33 परमेसर के राज अऊ ओकर धरमीपन के खोज करव, त ए जम्मो चीजमन घलो संग म तुमन ला दिये जाही। 34 एकरसेति, कल के चिंता झन करव, काबरकि कल के दिन ह अपन चिंता खुद कर लिही। आज के दुःख ह आज खातिर बहुंते हवय।”
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