Book of Common Prayer
परमेसर के हुकूम
7 हे मयारू भाईमन हो, मेंह तुमन ला कोनो नवां हुकूम नइं लिखत हंव, पर ओहीच जुन्ना हुकूम, जऊन ह तुमन ला सुरू ले मिले हवय। ए जुन्ना हुकूम ओ संदेस अय, जऊन ला तुमन सुने हवव। 8 तभो ले मेंह तुमन ला एक नवां हुकूम लिखत हंव। एकर सच्चई ह ओम अऊ तुमन म दिखथे, काबरकि अंधियार ह छंटत जावथे, अऊ सच के अंजोर ह अब चमकत हवय।
9 जऊन ह ए कहिथे कि ओह अंजोर म हवय अऊ अपन भाई ले बईरता रखथे, त ओह अभी तक ले अंधियार म हवय। 10 जऊन ह अपन भाई ले मया करथे, ओह अंजोर म चलथे, अऊ ओम अइसने कुछू नइं ए, जऊन ह ओला ठोकर खवाही। 11 फेर जऊन ह अपन भाई ले बईरता रखथे, ओह अंधियार म हवय, अऊ अंधियार म रेंगथे अऊ ओह नइं जानय कि ओह कहां जावत हवय, काबरकि अंधियार ह ओकर आंखीमन ला अंधरा कर दे हवय।
12 हे मोर लइकामन हो, मेंह तुमन ला लिखत हंव,
काबरकि तुम्हर पाप ह मसीह के नांव खातिर छेमा हो गे हवय।
13 हे ददामन हो, मेंह तुमन ला लिखत हंव,
काबरकि तुमन ओला जानथव, जऊन ह सुरूच ले हवय।
हे जवानमन हो, मेंह तुमन ला लिखत हंव,
काबरकि तुमन ओ दुस्ट ऊपर जय पाय हवव।
हे मोर लइकामन हो, मेंह तुमन ला लिखत हंव,
काबरकि तुमन ददा परमेसर ला जानथव।
14 हे ददामन हो, मेंह तुमन ला लिखत हंव,
काबरकि तुमन ओला जानथव,
जऊन ह संसार के रचे के पहिली ले हवय।
हे जवानमन हो, मेंह तुमन ला लिखत हंव,
काबरकि तुमन मजबूत हवव,
अऊ परमेसर के बचन ह तुमन म बने रहिथे,
अऊ तुमन ओ दुस्ट ऊपर जय पाय हवव।
संसार ले मया झन करव
15 तुमन न तो संसार ले अऊ न संसार के कोनो चीज ले मया करव। कहूं कोनो संसार ले मया करथे, त ओह परमेसर ददा ले मया नइं करय। 16 काबरकि संसार के हर एक चीज जइसने कि – पापी मनखे के लालसा, आंखी के लालसा अऊ जिनगी के घमंड – ए जम्मो चीज परमेसर ददा के नो हय, पर एह संसार के अय। 17 संसार अऊ एकर लालसा ह खतम हो जाही, पर जऊन मनखे ह परमेसर के मनसा ला पूरा करथे, ओह सदाकाल तक परमेसर के संग रहिही।
यीसू ह मरियम मगदलिनी ला दरसन देथे
(मत्ती 28:9-10; यूहन्ना 20:11-18)
9 यीसू ह हप्ता के पहिली दिन बिहनियां होतेच ही जी उठिस, ओह पहिली मरियम मगदलिनी ला दिखिस, जऊन म ले ओह सात परेत आतमामन ला निकारे रिहिस। 10 ओह जाके यीसू के चेलामन ला ए खबर दीस, जऊन मन दुःखी होके रोवत रहंय। 11 जब ओमन ए सुनिन कि यीसू ह जी उठे हवय अऊ ओला दरसन दे हवय, त ओमन बिसवास नइं करिन।
12 एकर बाद, यीसू ह आने रूप म ओम के दू झन ला तब दरसन दीस, जब ओमन गांव कोति जावत रिहिन। 13 ओमन घलो जाके बाकि चेलामन ला बताईन, पर चेलामन ओमन के घलो बिसवास नइं करिन।
14 बाद म, यीसू ह गियारह चेलामन ला घलो, जब ओमन खाय बर बईठे रिहिन, दरसन दीस अऊ ओमन के कम बिसवास अऊ ओमन के ढीठपन ला देखके ओमन ला दबकारिस, काबरकि ओमन ओ मनखेमन के बात ला बिसवास नइं करिन, जऊन मन यीसू ला जी उठे बाद देखे रिहिन।
15 यीसू ह ओमन ला कहिस, “तुमन जम्मो संसार म जाके जम्मो मनखेमन ला सुघर संदेस सुनावव। 16 जऊन ह बिसवास करही अऊ बतिसमा लिही, ओह उद्धार पाही। पर जऊन ह बिसवास नइं करही, ओह दोसी ठहराय जाही। 17 अऊ बिसवास करइयामन म ए चिन्हां होही कि ओमन मोर नांव म परेत आतमामन ला निकारहीं, अऊ ओमन नवां-नवां भासा बोलहीं। 18 ओमन सांप ला अपन हांथ म उठा लिहीं, अऊ ओमन कहूं जहर घलो पी लिहीं, तभो ले ओमन ला कुछू नइं होवय। ओमन बेमार मनखे ऊपर हांथ रखहीं, त ओमन बने हो जाहीं।”
19 ए बात, ओमन ला कहे के पाछू, परभू यीसू ह स्वरग म उठा लिये गीस। अऊ ओह परमेसर के जेवनी हांथ कोति बईठ गीस। 20 तब चेलामन जाके जम्मो जगह परचार करिन अऊ परभू ह ओमन के संग काम करत रिहिस अऊ बचन के संग होवत अचरज के चिन्हांमन के दुवारा अपन बचन ला पक्का करिस। आमीन!
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