Book of Common Prayer
23 मेंह परमेसर ला अपन गवाह मानके कहत हंव कि तुमन ला दुःख ले बचाय खातिर, मेंह कुरिन्थुस सहर ला लहुंटके नइं आयेंव। 24 ए बात नो हय कि हमन तुम्हर बिसवास ऊपर परभूता करे चाहथन, पर तुम्हर आनंद के खातिर हमन तुम्हर संग काम करथन, काबरकि बिसवास के दुवारा ही तुमन मजबूत बने रहिथव।
2 एकरसेति, मेंह अपन मन म ठान ले हंव कि मेंह फेर तुमन ला दुःखी करे बर नइं आवंव। 2 काबरकि यदि मेंह तुमन ला दुःखी करथंव, त फेर मोला खुसी देवइया कोन होही? सिरिप तुमन जऊन मन ला मेंह दुःखी करेंव। 3 एकरसेति मेंह ओ चिट्ठी लिखेंव ताकि जब मेंह आवंव, त ओमन के दुवारा मोला दुःख झन मिलय, जऊन मन के दुवारा मोला आनंद मिलना चाही। मोला तुमन जम्मो झन ऊपर भरोसा हवय कि तुमन मोर आनंद म भागीदार होहू। 4 मेंह तुमन ला बड़े दुःखी अऊ पीरा भरे मन ले अऊ आंसू बोहा-बोहाके लिखे रहेंव; मेंह तुमन ला दुःखी करे बर नइं लिखेंव, पर तुमन ला ए बताय बर कि मेंह तुमन ला कतेक जादा मया करथंव।
पापीमन बर छेमा
5 यदि कोनो मनखे ह दुःख दे हवय, त ओह मोला नइं, पर तुमन जम्मो झन ला दुःख दे हवय। मेंह ओकर संग जादा कठोर बरताव नइं करे चाहथंव। 6 जऊन सजा बहुंते झन के दुवारा ओला मिले हवय, ओह ओकर बर बहुंत ए। 7 अब एकर बदले, तुमन ओला छेमा करव अऊ ढाढ़स बंधावव, ताकि ओह जादा दुःख म झन डुब जावय। 8 एकरसेति, मेंह तुम्हर ले बिनती करथंव कि ओला अपन मया के सबूत देवव। 9 मेंह एकरसेति घलो लिखे रहेंव कि तुमन ला परखंव अऊ जान लेवंव कि तुमन जम्मो बात म हुकूम मानथव कि नइं। 10 यदि तुमन कोनो ला छेमा करथव, त मेंह घलो ओला छेमा करथंव। अऊ जऊन कुछू ला मेंह छेमा करे हवंव – त मेंह मसीह ला हाजिर जानके तुम्हर हित म छेमा करे हवंव – यदि छेमा के लइक कोनो बात रिहिस त, 11 ताकि सैतान के कोनो चाल हमर ऊपर सफल झन होवय। काबरकि हमन ओकर योजनामन ला जानथन।
अंगूर के बारी के किरायादारमन के पटंतर
(मत्ती 21:33-46; लूका 20:9-19)
12 तब यीसू ह ओमन ले पटंतर म गोठियाय लगिस अऊ कहिस, “एक मनखे ह अंगूर के बारी लगाईस अऊ बारी के चारों खूंट बाड़ा बांधिस अऊ रस बनाय के खातिर एक ठन खंचवा कोड़िस, अऊ एक ठन मचान घलो बनाईस। अऊ ओ अंगूर के बारी ला, ओह किसानमन ला रेगहा म देके परदेस चल दीस। 2 जब फर के समय आईस, त ओह अपन एक सेवक ला किसानमन करा पठोईस कि ओह अंगूर के बारी ले ओकर बांटा के फर लानय। 3 पर किसानमन ओला धरके मारिन-पीटिन अऊ ओला जुछा हांथ लहुंटा दीन। 4 तब बारी के मालिक ह एक आने सेवक ला ओमन करा पठोईस, पर ओमन ओकर मुड़ी ला फोर दीन अऊ ओकर बेजत्ती करिन। 5 बारी के मालिक ह अऊ एक झन ला पठोईस, पर ओमन ओला मार डारिन। ओह अऊ बहुंत झन ला पठोईस, पर ओमन कतको झन ला पीटिन अऊ कतको झन ला मार डारिन। 6 अब ओकर करा सिरिप एक झन बांचिस, ओकर एके मयारू बेटा! आखिर म ओह ए सोचके ओला पठोईस कि ओमन मोर बेटा के आदर करहीं। 7 पर जब ओ किसानमन ओला आवत देखिन, त एक-दूसर ला कहिन, ‘एह वारिस ए। आवव, एला मार डारी, तब अंगूर के बारी ह हमर हो जाही।’ 8 अऊ ओमन ओला धरके मार डारिन अऊ अंगूर के बारी के बाहिर फटिक दीन।
9 तब अंगूर के बारी के मालिक ह का करही? ओह आके ओ किसानमन ला मार डारही अऊ अंगूर के बारी ला आने मन ला दे दिही। 10 का तुमन परमेसर के ए बचन ला नइं पढ़े हवव:
जऊन पथरा ला राज मिस्त्रीमन बेकार ठहराय रिहिन, ओहीच ह कोना के मुख पथरा हो गीस। 11 एह परभू के दुवारा होईस अऊ एह हमर नजर म अद्भूत ए।[a]”
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