Book of Common Prayer
1 में, पौलुस, जऊन ह परमेसर के ईछा ले मसीह यीसू के एक प्रेरित अंव, हमर भाई तीमुथियुस के संग मेंह कुरिन्थुस सहर के परमेसर के कलीसिया अऊ अखया (यूनान) के जम्मो संतमन ला, ए चिट्ठी लिखत हवंव।
2 तुमन ला, परमेसर हमर ददा अऊ परभू यीसू मसीह कोति ले अनुग्रह अऊ सांति मिलत रहय।
सांति देवइया परमेसर
3 परमेसर जऊन ह हमर परभू यीसू मसीह के ददा ए, दयालु ददा अऊ जम्मो किसम के सांति के परमेसर ए, ओकर महिमा होवय। 4 ओह हमन ला हर दुःख-तकलीफ म सांति देथे, ताकि ए सांति के कारन हमन ओमन ला सांति दे सकन, जऊन मन तकलीफ म हवंय। 5 काबरकि जइसने हमन मसीह के दुःख म पूरा-पूरी भागीदार होथन, वइसने हमन मसीह के संग सांति म घलो पूरा-पूरी भागीदार होथन। 6 यदि हमन दुःख सहथन, त एह तुम्हर सांति अऊ उद्धार खातिर ए; यदि हमन ला सांति मिलथे, त एह तुम्हर सांति खातिर ए, ताकि तुमन ओ दुःख ला धीर धरके सह सकव, जऊन ला हमन घलो सहथन। 7 हमर आसा ह तुम्हर बारे म मजबूत हवय, काबरकि हमन जानथन कि जइसने तुमन हमर दुःख म भागीदार हवव, वइसने तुमन हमर सांति म घलो भागीदार हवव।
यीसू ह अंजीर के रूख ला सराप देथे
(मत्ती 21:18-19)
12 ओकर दूसर दिन जब ओमन बैतनियाह ले जावत रिहिन, त यीसू ला भूख लगिस। 13 थोरकन दूरिहा म, एक ठन हरिहर अंजीर के रूख ला देखके, यीसू ह ए सोचके उहां गीस कि ओ रूख म कुछू फर होही, पर ओह जब उहां गीस, त ओला उहां पान के छोंड़ कुछू नइं मिलिस, काबरकि ओह फर के मौसम नइं रिहिस। 14 तब ओह रूख ला कहिस, “अब ले फेर तोर म फर कभू झन लगय।” अऊ ओकर चेलामन ए गोठ ला सुनत रिहिन।
15 ओमन यरूसलेम सहर म आईन। अऊ यीसू ह मंदिर म गीस, अऊ जऊन मन उहां बेचे अऊ बिसोय के काम करत रहंय, ओमन ला बाहिर निकारे के सुरू करिस। अऊ रूपिया के अदला-बदली करइया अऊ पंड़की बेचइया मन के मेजमन ला उलट-पुलट दीस। 16 अऊ मंदिर के सीमना म कोनो ला लेन-देन करे के सामान लेके आवन-जावन नइं दीस। 17 ओह ओमन ला उपदेस देके कहिस, “का परमेसर के बचन म ए नइं लिखे हवय:
‘मोर घर ह जम्मो देस के मनखेमन बर पराथना के घर होही? पर तुमन एला डाकूमन के खोड़रा बना दे हवव।’[a]”
18 एला सुनके, मुखिया पुरोहित अऊ कानून के गुरू मन ओला मार डारे के मऊका खोजन लगिन, पर ओमन ओकर ले डर्रावत रिहिन। काबरकि भीड़ के जम्मो मनखेमन ओकर उपदेस ला सुनके चकित होवत रिहिन।
19 जब सांझ होईस, त यीसू अऊ ओकर चेलामन सहर ले बाहिर चल दीन।
सूखा अंजीर रूख
(मत्ती 21:20-22)
20 बिहनियां, जब ओमन जावत रिहिन, त देखिन कि ओ अंजीर के रूख ह जरमूर ले सूखा गे रहय। 21 तब पतरस ह ओ गोठ ला सुरता करके यीसू ला कहिस, “हे गुरू! देख, ए अंजीर के रूख जऊन ला तेंह सराप दे रहय, सूखा गे हवय।”
22 यीसू ह ओमन ला कहिस, “परमेसर ऊपर बिसवास रखव। 23 मेंह तुमन ला सच कहत हंव, कहूं कोनो ए पहाड़ ले कहय कि जा अऊ समुंदर म गिर जा, अऊ ओह अपन मन म संदेह झन करय, पर परमेसर के ऊपर बिसवास करय कि जऊन बात ओह कहत हवय, ओह हो जाही, त ओकर बर वइसनेच करे जाही। 24 एकरसेति, मेंह तुमन ला कहत हंव, जऊन कुछू तुमन पराथना म मांगथव, बिसवास करव कि ओह तुमन ला मिलही अऊ ओह तुम्हर बर हो जाही। 25 जब तुमन ठाढ़ होके पराथना करव, त कहूं तुम्हर मन म काकरो बर कुछू बिरोध हवय, त ओला माफ करव, ए खातिर कि तुम्हर ददा जऊन ह स्वरग म हवय, तुम्हर अपराध ला माफ करही।
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