Book of Common Prayer
एक देहें अऊ बहुंते अंग
12 जइसने कि देहें ह एक अय अऊ एकर बहुंते अंग हवंय, अऊ ए जम्मो अंग मिलके एकेच देहें बनथे। वइसनेच बात, मसीह के संग घलो अय। 13 काबरकि हमन जम्मो झन ला एकेच पबितर आतमा के दुवारा, एकेच देहें होय बर बतिसमा मिलिस – चाहे ओमन यहूदी होवंय या यूनानी, चाहे गुलाम होवंय या सुतंतर मनखे; हमन जम्मो झन ला ओहीच पबितर आतमा दिये गे हवय।
14 देहें ह एक अंग ले नइं, फेर बहुंते अंग ले मिलके बने हवय। 15 कहूं गोड़ ह कहय, “मेंह हांथ नो हंव, एकरसेति मेंह देहें के नो हंव,” त एकर मतलब ए नइं होवय कि गोड़ ह देहें ले अलग हो जाथे। 16 अऊ कहूं कान ह कहय, “मेंह आंखी नो हंव, एकरसेति मेंह देहें के नो हंव,” त एकर मतलब ए नइं होवय कि कान ह देहें ले अलग हो जाथे। 17 कहूं जम्मो देहें ह एक ठन आंखी होतिस, त सुने के काम कइसने होतिस? यदि जम्मो देहें ह एक ठन कान होतिस, त फेर सुंघे के काम कइसने होतिस? 18 पर परमेसर ह जइसने उचित समझिस, वइसने हर अलग-अलग अंग ला देहें म रखिस। 19 कहूं ए जम्मो ह एके ठन अंग होतिन, त फेर देहें ह कहां होतिस? 20 पर जइसने कि अंग तो बहुंते हवंय, पर देहें ह एक अय।
21 आंखी ह हांथ ला नइं कहे सकय, “मोला तोर जरूरत नइं ए।” अऊ मुड़ ह गोड़ ला नइं कहे सकय, “मोला तोर जरूरत नइं ए।” 22 एकर उल्टा, देहें के जऊन अंगमन आने ले कमजोर दिखथें, ओमन ह बहुंत जरूरी अंय, 23 अऊ जऊन अंगमन ला हमन कम महत्व के समझथन, ओमन ला हमन जादा महत्व देथन। अऊ देहें के जऊन अंगमन जादा बने नइं दिखंय, हमन ओमन ला जादा धियान देथन, 24 जबकि हमर देहें के सुघर अंगमन ला जादा धियान देके जरूरत नइं ए। पर परमेसर ह देहें के अंगमन ला एक संग जोड़े हवय, अऊ जऊन अंगमन कम महत्व के रिहिन, ओमन ला ओह जादा महत्व दे हवय, 25 ताकि देहें के अंगमन म फूट झन पड़य, पर एकर अंगमन एक-दूसर बर बरोबर चिंता करंय। 26 कहूं एक अंग ह दुःख पाथे, त ओकर संग जम्मो अंगमन दुःख पाथें; अऊ कहूं एक अंग के बड़ई होथे, त जम्मो अंगमन ओकर संग खुसी मनाथें।
पतरस ह मसीह ला स्वीकार करथे
(मत्ती 16:13-20; लूका 9:18-21)
27 यीसू अऊ ओकर चेलामन कैसरिया फिलिप्पी के गांवमन म गीन। डहार म ओह अपन चेलामन ले पुछिस, “मनखेमन मोला कोन ए कहिथें?”
28 ओमन कहिन, “कुछू मन कहिथें – यूहन्ना बतिसमा देवइया, कोनो-कोनो एलियाह ए कहिथें अऊ कुछू मन तोला अगमजानीमन ले एक झन ए कहिथें।”
29 ओह ओमन ले पुछिस, “पर तुमन मोला का कहिथव?”
पतरस ह कहिस, “तेंह मसीह अस।”
30 पर यीसू ह ओमन ला चेताके कहिस कि ओकर बारे म कोनो ला झन बतावंय।
यीसू ह अपन मिरतू अऊ फेर जी उठे के अगमबानी करथे
(मत्ती 16:21-23; लूका 9:22)
31 तब ओह ओमन ला सिखोय के सुरू करिस कि मनखे के बेटा के खातिर ए जरूरी अय कि ओह बहुंत दुःख उठावय, अऊ ओला अगुवा, मुखिया पुरोहित अऊ कानून के गुरू मन तिरस्कार करंय अऊ ओह मार डारे जावय, पर तीन दिन के पाछू ओह फेर जी उठय। 32 ओह ए बात ला साफ-साफ कहिस। एकर खातिर पतरस ह ओला अलग ले जाके डांटे लगिस।
33 यीसू ह लहुंटके अपन चेलामन कोति देखिस अऊ पतरस ला दबकारके कहिस, “मोर नजर ले दूर हट, सैतान! काबरकि तोर मन ह परमेसर के बात ऊपर नइं, पर मनखेमन के बात म हवय।”
34 तब ओह भीड़ ला अपन चेलामन संग लकठा बलाके कहिस, “जऊन कोनो मोर पाछू आय चाहथे, ओह अपन खुद के ईछा के तियाग करय अऊ मोर खातिर दुःख उठाय बर तियार रहय। अऊ तब मोर पाछू हो लेवय। 35 काबरकि जऊन कोनो अपन परान ला बंचाय चाहथे, ओह सदाकाल के जिनगी ला गंवाही, पर जऊन कोनो मोर अऊ सुघर संदेस के खातिर अपन परान ला गंवाथे, ओह सदाकाल के जिनगी ला बचाही। 36 यदि मनखे ह जम्मो संसार ला पा जावय, पर अपन परान ला गंवा दे, त ओला का फायदा? 37 का कोनो चीज मनखे के परान ले जादा कीमती अय? 38 जऊन कोनो ए छिनारी अऊ पापी पीढ़ी के मनखेमन के आघू म मोर अऊ मोर संदेस ले लजाथे, त मनखे के बेटा ह घलो ओकर ले लजाही, जब ओह अपन ददा के महिमा म पबितर स्वरगदूतमन संग आही।”
9 यीसू ह ओमन ला ए घलो कहिस, “मेंह तुमन ला सच कहत हंव कि कुछू झन जऊन मन इहां ठाढ़े हवंय, तब तक नइं मरंय जब तक कि ओमन परमेसर के राज ला सामरथ के संग आवत नइं देख लिहीं।”
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