Book of Common Prayer
14 हालाकि मेंह तोर करा जल्दी आय के आसा करत हंव, तभो ले तोला ए बात लिखत हवंव, 15 ताकि कहूं मोर आय म देरी होवय, त तोला जानकारी होना चाही कि मनखेमन परमेसर के परिवार म कइसने बरताव करंय अऊ ए परिवार ह जीयत परमेसर के कलीसिया ए, जऊन ह परमेसर के सच के आधार ए अऊ एह सच ला थामे रहिथे। 16 ए बात म कोनो संका नइं ए कि परमेसर के भक्ति के भेद ह महान ए:
ओह (मसीह) मनखे के रूप म परगट होईस,
पबितर आतमा के दुवारा साबित करे गीस,
स्वरगदूतमन ला दिखाई दीस,
जाति-जाति म ओकर परचार होईस,
जम्मो संसार म मनखेमन ओकर ऊपर बिसवास करिन,
अऊ ओह महिमा म स्वरग ऊपर उठा लिये गीस।
तीमुथियुस ला निरदेस
4 परमेसर के आतमा ह साफ-साफ कहिथे कि अवइया समय म कुछू मनखेमन बिसवास ला छोंड़ दिहीं अऊ धोखा देवइया आतमा अऊ परेत आतमामन के सिखोय बात ला मानहीं। 2 ए बातमन धोखा देवइया मनखेमन ले आथे, जऊन मन लबारी मारथें अऊ जेमन के बिवेक ह मर गे हवय, मानो ओह गरम लोहा ले दागे गे हवय। 3 ओमन मनखेमन ला बिहाव करे बर मना करथें अऊ कुछू खाय के चीजमन ला खाय बर मना करथें जऊन ला परमेसर ह एकरसेति बनाईस कि सत ला जाननेवाला बिसवासीमन, ए भोजन-वस्तु बर धनबाद के पराथना करंय अऊ ओला खावंय। 4 परमेसर के बनाय हर चीज ह बने ए, अऊ कोनो घलो चीज अस्वीकार करे के लइक नो हय, यदि ओला परमेसर ला धनबाद देके खाय जाथे। 5 काबरकि ओह परमेसर के बचन अऊ पराथना के दुवारा सुध हो जाथे।
6 कहूं तेंह बिसवासी भाईमन ला ए बातमन के सुरता कराथस, त तेंह मसीह यीसू के बने सेवक बनबे, जइसने कि तेंह परमेसर के बचन के बिसवास म पले-बढ़े अऊ सही सिकछा म चले हवस। 7 अपन-आप ला अधरमी अऊ डोकरी मन के कथा-कहानी ले दूरिहा रख अऊ अपन-आप ला आतमिक बात म बढ़ा।
8 सारीरिक कसरत करे ले कुछू फायदा होथे, पर भक्ति के साधना ले जम्मो बात म फायदा होथे, काबरकि एह ए जिनगी अऊ अवइया जिनगी दूनों के वायदा करथे।
9 ए बात सच ए अऊ हर किसम ले माने अऊ बिसवास करे के लइक ए 10 (अऊ एकरसेति, हमन मिहनत अऊ संघर्स करथन), काबरकि हमर आसा ओ जीयत परमेसर ऊपर हवय, जऊन ह जम्मो मनखेमन के, अऊ बिसेस करके बिसवासीमन के उद्धार करइया अय।
23 यीसू ह चारों कोति देखके अपन चेलामन ला कहिस, “धनवानमन के परमेसर के राज म जवई बहुंत कठिन ए।”
24 चेलामन ओकर बात ला सुनके चकित हो गीन। पर यीसू ह फेर कहिस, “हे लइकामन हो! परमेसर के राज म जवई कतेक कठिन ए। 25 परमेसर के राज म एक धनवान के परवेस करई के बनिसपत, ऊंट के सुजी के छेदा म ले निकर जवई ह सहज ए।”
26 चेलामन अऊ चकित होके एक-दूसर ला कहिन, “त फेर कोन ह उद्धार पा सकथे?”
27 यीसू ह ओमन ला देखिस अऊ कहिस, “मनखेमन के दुवारा एह नइं हो सकय, पर परमेसर के दुवारा हो सकथे, काबरकि परमेसर बर कोनो बात ह असंभव नो हय।”
28 पतरस ह ओला कहिस, “देख, हमन तो जम्मो कुछू ला छोंड़के तोर पाछू हो ले हवन।”
29 यीसू ह कहिस, “मेंह तुमन ला सच कहत हंव कि जऊन कोनो, मोर अऊ सुघर संदेस बर अपन घर या भाई या बहिनी या दाई या ददा या लइकामन या खेत-खार ला छोंड़ दे हवय, 30 ओह ए समय म ए चीजमन ला सौ गुना पाही (घर, भाई, बहिनी, दाई, लइका अऊ खेत-खार – अऊ संग म सतावा) अऊ अवइया समय म ओला सदाकाल के जिनगी मिलही। 31 पर बहुंत झन जऊन मन अभी आघू म हवंय, ओमन आखिरी म हो जाहीं अऊ जऊन मन आखिरी म हवंय, ओमन आघू हो जाहीं।”
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