Book of Common Prayer
सरदीस के कलीसिया ला संदेस
3 “सरदीस के कलीसिया के दूत ला ए लिख:
जऊन ह परमेसर के सात आतमा अऊ सात तारामन ला धरे हवय, ओकर ए बचन अय; मेंह तुम्हर काममन ला जानत हंव; तुमन जीयत कलीसिया कहिलाथव, पर असल म तुमन मर गे हवव। 2 जागव! ओ चीज जऊन ह बांचे हवय, अऊ नास होवइया हवय, ओला मजबूत करव, काबरकि मेंह तुम्हर काम ला अपन परमेसर के नजर म सही नइं पाय हवंव। 3 जऊन सिकछा तुमन पाय हवव अऊ सुने हवव, ओला सुरता रखव; ओकर पालन करव अऊ पाप ले पछताप करव। पर कहूं तुमन नइं जागहू, त मेंह चोर के सहीं आ जाहूं, अऊ तुमन ला पता नइं चलही कि कते बेरा मेंह तुम्हर करा आ जाहूं।
4 तभो ले सरदीस सहर म, तुम्हर इहां कुछू मनखे हवंय, जऊन मन अपन जिनगी ला सुध रखे हवंय। ओमन सफेद कपड़ा पहिरके मोर संग चलहीं, काबरकि ओमन एकर काबिल हवंय। 5 जऊन ह बिजयी होही, ओला एमन के सहीं सफेद कपड़ा पहिराय जाही। मेंह ओकर नांव ला जिनगी के किताब ले कभू नइं मेटावंव, पर अपन ददा अऊ ओकर स्वरगदूतमन के आघू म ओला गरहन करहूं। 6 जेकर कान हवय, ओह सुन ले कि पबितर आतमा ह कलीसियामन ला का कहिथे।”
जुग के अंत के चिन्हांमन
(मरकुस 13:1-2; लूका 21:5-6)
24 जब यीसू ह मंदिर म ले निकरके जावत रिहिस, त ओकर चेलामन ओकर करा आईन अऊ ओला मंदिर के बनावट ला दिखाईन। 2 यीसू ह ओमन ला कहिस, “तुमन ए जम्मो चीज ला देखत हवव? मेंह तुमन ला सच कहत हंव, इहां एको ठन पथरा अपन जगह म नइं रहय। जम्मो ला गिरा दिये जाही।”
3 जब यीसू ह जैतून पहाड़ ऊपर बईठे रिहिस, त ओकर चेलामन अकेला ओकर करा आईन अऊ पुछिन, “हमन ला बता कि एह कब होही? तोर आय के समय अऊ ए जुग के अंत के का चिन्हां होही।”
4 यीसू ह ओमन ला जबाब दीस, “सचेत रहव। कोनो तुमन ला धोखा झन देवय। 5 कतको झन मोर नांव म आहीं अऊ कहिहीं, ‘मेंह मसीह अंव’, अऊ कतको झन ला धोखा दिहीं। 6 तुमन लड़ई के बारे म सुनहू अऊ लड़ई के झूठ-मूठ खबर सुनहू, पर देखव, एकर ले झन घबरावव। अइसने बात के होवई जरूरी अय, पर ओह अंत के समय नो हय। 7 एक देस ह दूसर देस ऊपर अऊ एक राज ह दूसर राज ऊपर चढ़ई करहीं। कतको जगह म दुकाल पड़ही अऊ भुइंडोल होही। 8 ए जम्मो ह छुवारी होय के पीरा के सुरूआत के सहीं अय।
9 तब ओमन तुमन ला सताय बर पकड़वाहीं अऊ तुमन ला मार डारहीं। मोर कारन जम्मो जाति के मनखेमन तुम्हर ले घिन करहीं। 10 ओ समय कतको झन अपन बिसवास ला छोंड़ दिहीं। ओमन एक-दूसर के संग बिसवासघात करहीं अऊ एक – दूसर ले घिन करहीं। 11 अऊ कतको लबरा अगमजानीमन आहीं अऊ कतको झन ला धोखा दिहीं। 12 अधरम के बढ़े के कारन, बहुंत झन के मया ह कम हो जाही। 13 पर जऊन ह आखिरी तक अडिग बने रहिही, ओकरेच उद्धार होही। 14 परमेसर के राज के ए सुघर संदेस के परचार जम्मो संसार म करे जाही, ताकि जम्मो जाति के मनखेमन बर एक गवाही होवय, अऊ तब अंत के बेरा आ जाही।
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