Book of Common Prayer
आखिरी दिन म अभक्ति
3 ए बात ला जान ले कि संसार के आखिरी दिनमन म कठिन समय आही। 2 मनखेमन अपन-आप ले अऊ पईसा ले मया करइया, डींगमार, घमंडी, गाली-गलौच करइया, दाई-ददा के कहना नइं मनइया, अहसान नइं मनइया, अपबितर, 3 बिगर मया के, छेमा नइं करइया, निन्दा करइया, असंयमी, निरदयी, भलई के बईरी, 4 बिसवासघात करइया, उतावला, अभिमानी अऊ परमेसर म नइं, पर भोग-बिलास म मन लगइया होहीं। 5 ओमन भक्ति के भेस धरहीं, पर एकर सामरथ ला नइं मानहीं। अइसने मनखेमन ले दूरिहा रहे कर।
6 ओमन अइसने मनखे अंय, जऊन मन घर म कलेचुप घूसरथें अऊ ओ छिछोरी माईलोगनमन ला बस म कर लेथें, जऊन मन पाप ले दबे अऊ जम्मो किसम के वासना के बस म हवंय। 7 ए माईलोगनमन हमेसा सीखत तो रहिथें, पर सच्चई के पहिचान कभू नइं कर सकंय। 8 जइसने यन्नेस अऊ यम्ब्रेस, मूसा के बिरोध करिन, वइसने ए मनखेमन घलो सच्चई के बिरोध करथें। एमन अइसने मनखे अंय, जेमन के दिमाग ह खराप हो गे हवय अऊ एमन बिसवास ला छोंड़ दे हवंय। 9 पर एमन जादा आघू नइं जा सकंय, काबरकि जम्मो झन ओमन के मूर्खता ला जान लिहीं, जइसने कि मूसा के बिरोधीमन संग होय रिहिस।
पौलुस के तीमुथियुस ला निरदेस
10 पर तेंह मोर जम्मो उपदेस, मोर चाल-चलन, मोर उदेस्य, बिसवास, धीरज, मया, सहनसीलता, 11 सताय जवई अऊ मोर दुःख उठई ला जानथस। तेंह जानथस कि अंताकिया, इकुनियुम अऊ लुस्त्रा सहर म, मेंह कतेक दुःख-तकलीफ सहे हवंव। पर परभू ह मोला ओ जम्मो ले बचाईस। 12 एह सच ए कि जऊन ह मसीह यीसू म भक्ति के जिनगी जीये चाहथे, ओला सताय जाही। 13 जबकि दुस्ट मनखे अऊ धोखेबाजमन धोखा देवत अऊ खुदे धोखा खावत अऊ बिगड़त जाहीं। 14 पर तेंह जऊन बातमन ला सिखे अऊ बिसवास करे हवस, ओम मजबूत होवत जा, काबरकि तेंह ओमन ला जानथस, जेमन ले तेंह ए बातमन ला सिखे हवस, 15 अऊ सुरता रख कि कइसने लइकापन ले, तेंह परमेसर के पबितर बचन ला जाने हवस, जऊन ह तोला मसीह यीसू म बिसवास के दुवारा, तोला उद्धार पाय खातिर सिकछा दे सकथे। 16 परमेसर के जम्मो बचन ह परमेसर के परेरना ले लिखे गे हवय अऊ एह उपदेस देय बर, गलती म डांटे बर, सुधारे बर अऊ धरमीपन के सिकछा देय बर उपयोगी ए, 17 ताकि परमेसर के जन ह सिद्ध बनय अऊ हर बने काम बर पूरा-पूरी तियार हो सकय।
यीसू ह फेर अपन मिरतू के अगमबानी करथे
(मत्ती 20:17-19; लूका 18:31-34)
32 ओमन यरूसलेम के डहार म रिहिन अऊ यीसू ह आघू-आघू रेंगत रहय। चेलामन घबरा गे रहंय अऊ पाछू रेंगइया मन डर्रा गे रहंय। यीसू ह फेर बारहों झन ला अलग ले जाके ओमन ला बताय लगिस कि ओकर संग का होवइया हवय। 33 ओह कहिस, “देखव, हमन यरूसलेम जावत हन अऊ मनखे के बेटा ला पकड़े जाही अऊ मुखिया पुरोहित अऊ कानून के गुरू मन करा लाय जाही, अऊ ओमन ओला मार डारे के सजा दिहीं अऊ ओला ओमन आनजातमन के हांथ म सऊंप दिहीं। 34 ओ आनजातमन ओकर हंसी उड़ाहीं अऊ ओकर ऊपर थूकहीं अऊ ओला कोर्रा म मारहीं अऊ ओेला मार डारहीं। पर तीन दिन के पाछू ओह जी उठही।”
याकूब अऊ यूहन्ना के बिनती
(मत्ती 20:20-28)
35 तब जबदी के बेटा याकूब अऊ यूहन्ना ओकर करा आके कहिन, “हे गुरू, हमन चाहथन कि जऊन कुछू हमन तोर ले मांगबो, ओही ला तेंह हमर बर कर।”
36 ओह पुछिस, “तुमन का चाहथव कि मेंह तुम्हर बर करंव?”
37 ओमन कहिन, “तोर राज म जब तेंह सिंघासन म बईठबे, त हमर दूनों म के एक झन ला तोर जेवनी अऊ दूसर ला तोर डेरी कोति बईठन देबे।”
38 तब यीसू ह ओमन ला कहिस, “तुमन नइं जानत हव कि तुमन का मांगत हव? जऊन दुःख के कटोरा म ले मेंह पीवइया हवंव, का तुमन ओम ले पी सकहू? या जऊन पीरा के बतिसमा ला मेंह लेवइया हवंव, का तुमन ओ बतिसमा ला ले सकहू?”
39 ओमन कहिन, “हमर ले ए हो सकथे।”
तब यीसू ह ओमन ला कहिस, “जऊन कटोरा म ले मेंह पीहूं, ओम ले तुमन पीहू अऊ जऊन बतिसमा मेंह लूहूं, ओला तुमन लूहू, 40 पर मोर जेवनी या डेरी कोति बईठाय के मोला अधिकार नइं ए। ए जगह ओमन के अय, जऊन मन बर एह तियार करे गे हवय।”
41 जब आने चेलामन एकर बारे म सुनिन, त ओमन याकूब अऊ यूहन्ना ऊपर खिसियाय लगिन। 42 एकरसेति यीसू ह ओमन ला एक संग अपन लकठा म बलाके कहिस, “जइसने कि तुमन जानथव, जऊन मन आनजातमन के हाकिम समझे जाथें, ओमन आनजातमन ऊपर परभूता करथें अऊ ओमन के बड़े अधिकारीमन ओमन ऊपर अधिकार जमाथें। 43 तुम्हर संग अइसने नो हय। पर तुमन ले जऊन ह बड़े होय चाहथे, ओह तुम्हर सेवक बनय, 44 अऊ जऊन ह सबले पहिली होय चाहथे, ओह जम्मो झन के गुलाम बनय। 45 काबरकि मनखे के बेटा ह ए खातिर नइं आय हवय कि ओकर सेवा करे जावय, पर ए खातिर आय हवय कि ओह सेवा करय, अऊ बहुंत झन के छुड़ौती खातिर अपन परान ला देवय।”
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