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Book of Common Prayer

Daily Old and New Testament readings based on the Book of Common Prayer.
Duration: 861 days
Saral Hindi Bible (SHB)
Version
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प्रेरित 16:6-15

आसिया प्रदेश में प्रवेश

वे फ़्रिजिया तथा गलातिया क्षेत्रों में से होते हुए आगे बढ़ गए. पवित्रात्मा की आज्ञा थी कि वे आसिया क्षेत्र में परमेश्वर के वचन का प्रचार न करें किन्तु मूसिया नगर पहुँचने पर उन्होंने बिथुनिया नगर जाने का विचार किया किन्तु मसीह येशु के आत्मा ने उन्हें इसकी आज्ञा नहीं दी. इसलिए मूसिया नगर से निकल कर वे त्रोऑस नगर पहुँचे. रात में पौलॉस ने एक दर्शन देखा: एक मकेदोनियावासी उनसे दुःखी शब्द में विनती कर रहा था, “मकेदोनिया क्षेत्र में आकर हमारी सहायता कीजिए!” 10 पौलॉस द्वारा इस दर्शन देखते ही हमने तुरन्त यह जानकर कि परमेश्वर का बुलावा है मकेदोनिया क्षेत्र जाने की योजना बनाई कि हम उनके बीच ईश्वरीय सुसमाचार का प्रचार करें.

फ़िलिप्पॉय नगर में पौलॉस

11 त्रोऑस नगर से हम सीधे जलमार्ग द्वारा सामोथ्रेसिया नगर पहुँचे और दूसरे दिन नियापोलिस नगर 12 और वहाँ से फ़िलिप्पॉय नगर, जो मकेदोनिया प्रदेश का एक प्रधान नगर तथा रोमी बस्ती है. हम यहाँ कुछ दिन ठहर गए.

13 शब्बाथ पर हम नगर द्वार से निकल कर प्रार्थना के लिए निर्धारित स्थान की खोज में नदी-तट पर चले गए. हम वहाँ इकट्ठी हुई स्त्रियों से वार्तालाप करते हुए बैठ गए. 14 वहाँ थुआतेइरा नगर निवासी लुदिया नामक एक स्त्री थी, जो परमेश्वर की आराधक थी. वह बैंगनी रंग के वस्त्रों की व्यापारी थी. उसने हमारा वार्तालाप सुना और प्रभु ने पौलॉस द्वारा दी जा रही शिक्षा के प्रति उसका हृदय खोल दिया. 15 जब उसने और उसके रिश्तेदारों ने बपतिस्मा ले लिया तब उसने हमको अपने यहाँ आमन्त्रित करते हुए कहा, “यदि आप यह मानते हैं कि मैं प्रभु के प्रति विश्वासयोग्य हूँ, तो आ कर मेरे घर में रहिए.” उसने हमें विनती स्वीकार करने पर विवश कर दिया.

योहन 12:9-19

यह मालूम होने पर कि मसीह येशु वहाँ हैं, बड़ी संख्या में यहूदी न केवल मसीह येशु को परन्तु लाज़रॉस को भी देखने आने लगे, जिसे मसीह येशु ने मरे हुओं में से जीवित किया था. 10 परिणामस्वरूप प्रधान याजक लाज़रॉस की भी हत्या की योजना करने लगे 11 क्योंकि लाज़रॉस के कारण अनेक यहूदी उन्हें छोड़ मसीह येशु में विश्वास करने लगे थे.

विजयोल्लास में येरूशालेम प्रवेश

(मत्ति 21:1-11; मारक 11:1-11; लूकॉ 19:28-44)

12 अगले दिन पर्व में आए विशाल भीड़ ने सुना कि मसीह येशु येरूशालेम आ रहे हैं. 13 वे सब खजूर के वृक्षों की डालियाँ ले कर मसीह येशु से मिलने निकल पड़े और ऊँचे शब्द में जय जयकार करने लगे.

“होशान्ना!”

“धन्य हैं वह, जो प्रभु के नाम में आ रहे हैं!”

“धन्य हैं इस्राएल के राजा!”

14 वहाँ मसीह येशु गधे के एक बच्चे पर बैठ गए—वैसे ही जैसा कि पवित्रशास्त्र का लेख है:

15 “त्सियोन की पुत्री,
    भयभीत न हो! देखो,
    तुम्हारा राजा गधे पर बैठा हुआ आ रहा है.”

16 उनके शिष्य उस समय तो यह नहीं समझे किन्तु जब मसीह येशु की महिमा हुई तो उन्हें याद आया कि पवित्रशास्त्र में यह सब उन्हीं के विषय में लिखा गया था और भीड़ ने सब कुछ वचन के अनुसार ही किया था.

17 वे सब, जिन्होंने मसीह येशु के द्वारा लाज़रॉस को क़ब्र से बाहर बुलाए जाते तथा मरे हुओं में से दोबारा जीवित किए जाते देखा था, उनकी गवाही दे रहे थे. 18 भीड़ का उन्हें देखने के लिए आने का एक कारण यह भी था कि वे मसीह येशु के इस अद्भुत चिह्न के विषय में सुन चुके थे. 19 यह सब जान कर फ़रीसी आपस में कहने लगे, “तुम से कुछ भी नहीं हो पा रहा है. देखो, सारा संसार उसके पीछे हो लिया है!”

Saral Hindi Bible (SHB)

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