Book of Common Prayer
काम में बाधा
19 तब कुछ यहूदी अन्तियोख़ तथा इकोनियॉन नगरों से वहाँ आ पहुँचे. भीड़ को अपने पक्ष में करके उन्होंने पौलॉस का पथराव किया तथा उन्हें मरा हुआ समझ घसीट कर नगर के बाहर छोड़ आए. 20 किन्तु जब शिष्य उनके आसपास इकट्ठा हुए, वह उठ खड़े हुए और नगर में लौट गए. अगले दिन वह बारनबास के साथ वहाँ से दरबे नगर को चले गए.
21 उन्होंने उस नगर में ईश्वरीय सुसमाचार का प्रचार किया और अनेक शिष्य बनाए. इसके बाद वे लुस्त्रा और इकोनियॉन नगर होते हुए अन्तियोख़ नगर लौट गए. 22 वे शिष्यों को दृढ़ करते और प्रोत्साहित करते हुए यह शिक्षा देते रहे कि उनका परमेश्वर के राज्य में प्रवेश हेतु इस विश्वास में स्थिर रहना तथा अनेक विपत्तियों को सहना ज़रूरी है. 23 पौलॉस और बारनबास हर एक कलीसिया में उपवास और प्रार्थना के साथ प्राचीनों को चुना करते तथा उन्हें उन्हीं प्रभु के हाथों में सौंप देते थे जिन प्रभु में उन्होंने विश्वास किया था. 24 पिसिदिया क्षेत्र में से जाते हुए वे पम्फ़ूलिया नगर में आए. 25 वहाँ से पेरगे नगर में वचन सुनाकर वे अट्टालिया नगर गए.
26 वहाँ से जलमार्ग द्वारा वे अन्तियोख़ नगर पहुँचे, जहाँ से उन्हें परमेश्वर के अनुग्रह में सौंपकर उस काम के लिए भेजा गया था, जिसे वे अब पूरा कर लौट आए थे. 27 वहाँ पहुँच कर उन्होंने सारी कलीसिया को इकट्ठा किया और सबके सामने उन सभी कामों का वर्णन किया, जो परमेश्वर द्वारा उनके माध्यम से पूरे किए गए थे और यह भी कि किस प्रकार परमेश्वर ने अन्यजातियों के लिए विश्वास का द्वार खोल दिया है. 28 वहाँ वे शिष्यों के बीच लंबे समय तक रहे.
लाज़रॉस की मृत्यु
11 लाज़रॉस नामक व्यक्ति बीमार था, जो मरियम तथा उसकी बहन मार्था के गाँव बैथनियाह का निवासी था. 2 यह वही मरियम थी, जिसने कीमती और शुद्ध सुगन्ध-द्रव्य से मसीह येशु के चरणों को मलकर उन्हें अपने केशों से पोंछा था, उसी का भाई लाज़रॉस अस्वस्थ था. 3 इसलिए बहनों ने मसीह येशु को सन्देश भेजा, “प्रभु, आपका प्रिय, लाज़रॉस बीमार है.”
4 यह सुन कर मसीह येशु ने कहा, “यह बीमारी मृत्यु की नहीं, परन्तु परमेश्वर की महिमा का साधन बनेगी, जिससे परमेश्वर का पुत्र महिमित हो.” 5 मार्था, मरियम और लाज़रॉस मसीह येशु के प्रियजन थे. 6 उसकी बीमारी के विषय में मालूम होने पर भी मसीह येशु वहीं दो दिन और ठहरे रहे, जहाँ वह थे.
7 इसके बाद उन्होंने अपने शिष्यों से कहा, “चलो, हम दोबारा यहूदिया चलें.”
8 शिष्यों ने उनसे प्रश्न किया, “रब्बी, अभी तो यहूदी पथराव द्वारा आपकी हत्या करना चाह रहे थे, फिर भी आप वहाँ जाना चाहते हैं?”
9 मसीह येशु ने उत्तर दिया, “क्या दिन में प्रकाश के बारह घण्टे नहीं होते? यदि कोई दिन में चले तो वह ठोकर नहीं खाता क्योंकि वह संसार की ज्योति को देखता है. 10 किन्तु यदि कोई रात में चले तो ठोकर खाता है क्योंकि उसमें ज्योति नहीं.”
11 इसके बाद मसीह येशु ने उनसे कहा, “हमारा मित्र लाज़रॉस सो गया है. मैं जा रहा हूँ कि उसे नींद से जगाऊँ.”
12 तब शिष्यों ने उनसे कहा, “प्रभु, यदि वह मात्र सो गया है तो स्वस्थ हो जाएगा.” 13 मसीह येशु ने तो उसकी मृत्यु के विषय में कहा था किन्तु शिष्य समझे कि वह नींद के विषय में कह रहे थे.
14 इस पर मसीह येशु ने उनसे स्पष्ट शब्दों में कहा, “लाज़रॉस की मृत्यु हो चुकी है. 15 यह तुम्हारे ही हित में है कि मैं वहाँ नहीं था—कि तुम विश्वास करो. आओ, अब हम उसके पास चलें.”
16 तब थोमॉस ने, जिनका उपनाम दिदुमॉस था, अपने साथी शिष्यों से कहा, “आओ, इनके साथ हम भी मरने चलें.”
New Testament, Saral Hindi Bible (नए करार, सरल हिन्दी बाइबल) Copyright © 1978, 2009, 2016 by Biblica, Inc.® All rights reserved worldwide.