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Book of Common Prayer

Daily Old and New Testament readings based on the Book of Common Prayer.
Duration: 861 days
Saral Hindi Bible (SHB)
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रोमियों 4:1-12

विश्वास—अब्राहाम की धार्मिकता

हम अपने कुलपिता अब्राहाम के विषय में क्या कहें—क्या था इस विषय में उनका अनुभव? यदि कामों के द्वारा अब्राहाम को धार्मिकता प्राप्त हुई तो वह इसका घमण्ड़ अवश्य कर सकते थे, किन्तु परमेश्वर के सामने नहीं. पवित्रशास्त्र का लेख क्या है? अब्राहाम ने परमेश्वर में विश्वास किया और इसी को उनकी धार्मिकता के रूप में मान्यता दी गई.

मज़दूर की मज़दूरी उसका उपहार नहीं, अधिकार है. वह व्यक्ति, जो व्यवस्था का पालन तो नहीं करता किन्तु परमेश्वर में, जो अधर्मी को निर्दोष घोषित करते हैं, विश्वास करता है, इसी विश्वास के द्वारा धर्मी व्यक्ति के रूप में मान्यता प्राप्त करता है. जैसे दाविद ने उस व्यक्ति की धन्यता का वर्णन किया है, जिसे परमेश्वर ने व्यवस्था का पालन न करने पर भी धर्मी घोषित किया:

धन्य हैं वे,
    जिनके अपराध क्षमा कर दिए गए,
    जिनके पापों को ढाँप दिया गया है.
धन्य है वह व्यक्ति,
    जिसके पापों का हिसाब प्रभु कभी न लेंगे.

ख़तना के पहले ही वह धर्मी घोषित किए गए

क्या यह आशीषें मात्र ख़तना वालों तक ही सीमित है या इसमें ख़तनारहित भी शामिल हैं? हमारा मत यह है: अब्राहाम के विश्वास को उनकी धार्मिकता के रूप में मान्यता दी गई. 10 उन्हें यह मान्यता किस अवस्था में दी गई थी? जब उनका ख़तना हुआ तब या जब वह ख़तना रहित ही थे? ख़तना की अवस्था में नहीं परन्तु ख़तना रहित अवस्था में. 11 उन्होंने ख़तना का चिह्न—विश्वास की धार्मिकता की मोहर—उस समय प्राप्त किया, जब वह ख़तना रहित ही थे इसका उद्धेश्य था उन्हें उन सब के पिता-स्वरूप प्रतिष्ठित किया जाए, जो बिना ख़तना के विश्वास करेंगे, कि इस विश्वास को उनकी धार्मिकता के रूप में मान्यता प्राप्त हो; 12 साथ ही अब्राहाम को उन ख़तना किए हुओं के पिता के रूप में प्रतिष्ठित किया जाए, जो ख़तना किए हुए ही नहीं परन्तु जो हमारे पिता अब्राहाम के उस विश्वास का स्वभाव रखते हैं, जो उन्होंने अपने ख़तना के पहले ही दिखाया था.

मत्तियाह 19:23-30

23 अपने शिष्यों से उन्मुख हो येशु ने कहा, “मैं तुम पर एक सच प्रकट कर रहा हूँ: किसी धनी व्यक्ति का स्वर्ग-राज्य में प्रवेश कठिन है. 24 वास्तव में परमेश्वर के राज्य में एक धनी के प्रवेश करने से एक ऊँट का सुई के छेद में से पार हो जाना सहज है.”

25 यह सुन कर शिष्य चकित हो येशु से पूछने लगे, “तो उद्धार कौन पाएगा?”

26 येशु ने उनकी ओर एक टक देखते हुए उन्हें उत्तर दिया, “मनुष्य के लिए तो यह असम्भव है किन्तु परमेश्वर के लिए सब कुछ सम्भव है.”

27 इस पर पेतरॉस येशु से बोले, “देखिए, हम तो सब कुछ त्याग कर आपके पीछे हो लिए हैं. हमारा पुरस्कार क्या होगा?”

28 येशु ने सभी शिष्यों को सम्बोधित करते हुए कहा, “यह सच है कि उस समय, जब मनुष्य के पुत्र अपने वैभवशाली सिंहासन पर विराजमान होगा, तुम भी, जो मेरे चेले बन गए हो, इस्राएल के बारह गोत्रों का न्याय करते हुए बारह सिंहासनों पर विराजमान होगे. 29 हर एक, जिसने मेरे लिए घर, भाई-बहन, माता-पिता, सन्तान या खेतों का त्याग किया है, इनसे कई गुणा प्राप्त करेगा और वह अनन्त काल के जीवन का वारिस होगा 30 किन्तु अनेक, जो पहिले हैं, वे अन्तिम होंगे तथा जो अन्तिम हैं, वे पहिले.

Saral Hindi Bible (SHB)

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