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Book of Common Prayer

Daily Old and New Testament readings based on the Book of Common Prayer.
Duration: 861 days
Saral Hindi Bible (SHB)
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प्रेरित 13:1-12

बारनबास तथा पौलॉस की सेवा का उद्देश्य

येरूशालेम महासभा. सेवा कार्य के लिए भेजा जाना

13 अन्तियोख़ नगर की कलीसिया में अनेक भविष्यद्वक्ता और शिक्षक थे: बारनबास, सिमियॉन, जिनका उपनाम निगेर भी था, कुरेनी लुकियॉस, मनाहेन, जिसका पालन-पोषण राज्य के चौथाई भाग के राजा हेरोदेस के साथ हुआ था तथा शाऊल. जब ये लोग प्रभु की आराधना और उपवास कर रहे थे, पवित्रात्मा ने उनसे कहा, “बारनबास तथा शाऊल को उस सेवा के लिए समर्पित करो, जिसके लिए मैंने उनको बुलाया है.” इसलिए जब वे उपवास और प्रार्थना कर चुके, उन्होंने बारनबास तथा शाऊल पर हाथ रखे और उन्हें इस सेवा के लिए भेज दिया.

कुभॉस: एलिमॉस टोनहा

पवित्रात्मा द्वारा भेजे गए वे सेल्युकिया नगर गए तथा वहाँ से जलमार्ग से कुप्रास नगर गए. वहाँ से सालामिस नगर पहुँच कर उन्होंने यहूदियों के सभागृह में परमेश्वर के सन्देश का प्रचार किया. सहायक के रूप में योहन भी उनके साथ थे.

जब वे सारे द्वीप को घूम कर पाफ़ॉस नगर पहुँचे, जहाँ उनकी भेंट बार-येशु नामक एक यहूदी व्यक्ति से हुई, जो जादूगर तथा झूठा भविष्यद्वक्ता था. वह राज्यपाल सेरगियॉस पौलॉस का सहयोगी था. सेरगियॉस पौलॉस बुद्धिमान व्यक्ति था. उसने बारनबास तथा शाऊल को बुलवा कर उनसे परमेश्वर के वचन को सुनने की अभिलाषा व्यक्त की किन्तु जादूगर एलिमॉस—जिसके नाम का ही अर्थ है जादूगर—उनका विरोध करता रहा. उसका प्रयास था राज्यपाल को परमेश्वर के वचन में विश्वास करने से रोकना, किन्तु शाऊल ने, जिन्हें पौलॉस नाम से भी जाना जाता है, पवित्रात्मा से भरकर उसे एकटक देखते हुए कहा, 10 “ओ सारे छल और कपट से ओत-प्रोत शैतान के कपूत! सारे धर्म के बैरी! क्या तू प्रभु की सच्चाई को भ्रष्ट करने के प्रयासों को नहीं छोड़ेगा? 11 देख ले, तुझ पर प्रभु का प्रहार हुआ है. तू अंधा हो जाएगा और कुछ समय के लिए सूर्य की रोशनी न देख सकेगा.” उसी क्षण उस पर धुन्धलापन और अन्धकार छा गया. वह यहाँ-वहाँ टटोलने लगा कि कोई हाथ पकड़ कर उसकी सहायता करे. 12 इस घटना को देख राज्यपाल ने प्रभु में विश्वास किया. प्रभु की शिक्षाओं ने उसे चकित कर दिया था.

लूकॉ 12:41-48

41 पेतरॉस ने उनसे प्रश्न किया, “प्रभु, आपका यह दृष्टान्त मात्र हमारे लिए ही है या भीड़ के लिए भी?”

42 प्रभु ने उत्तर दिया, “वह विश्वासयोग्य और बुद्धिमान भण्ड़ारी कौन होगा जिसे स्वामी सभी सेवकों का प्रधान ठहराए कि वह अन्य सेवकों को निर्धारित समय पर भोज्य सामग्री दे दे. 43 धन्य है वह दास, जिसे उसका स्वामी लौटने पर यही करता हुआ पाए. 44 सच तो यह है कि स्वामी उसे अपनी सारी सम्पत्ति पर अधिकारी ठहराएगा. 45 किन्तु यदि वह दास अपने मन में कहने लगे, ‘अभी तो मेरे स्वामी के लौटने में बहुत समय है’ और वह अन्य दास-दासियों की पिटाई करने लगे और खा-पी कर नशे में चूर हो जाए. 46 उसका स्वामी एक ऐसे दिन लौटेगा, जिसकी उसने कल्पना ही न की थी और एक ऐसे क्षण में, जिसके विषय में उसे मालूम ही न था तो स्वामी उसे मृत्युदण्ड दे कर उसकी गिनती अविश्वासियों में कर देगा.

47 “वह दास, जिसे अपने स्वामी की इच्छा का पूरा पता था किन्तु वह न तो इसके लिए तैयार था और न उसने उसकी इच्छा के अनुसार व्यवहार ही किया, कठोर दण्ड पाएगा. 48 किन्तु वह, जिसे इसका पता ही न था और उसने दण्ड पाने योग्य अपराध किए, कम दण्ड पाएगा. हर एक से, जिसे बहुत ज़्यादा दिया गया है उससे बहुत ज़्यादा मात्रा में ही लिया जाएगा तथा जिसे अधिक मात्रा में सौंपा गया है, उससे अधिक का ही हिसाब लिया जाएगा.

Saral Hindi Bible (SHB)

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