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Book of Common Prayer

Daily Old and New Testament readings based on the Book of Common Prayer.
Duration: 861 days
Saral Hindi Bible (SHB)
Version
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प्रेरित 10:9-23

ये लोग दूसरे दिन छठे घण्टे के लगभग योप्पा नगर के पास पहुँचे. उसी समय पेतरॉस घर की खुली छत पर प्रार्थना करने गए थे. 10 वहाँ उन्हें भूख लगी और कुछ खाने की इच्छा बहुत बढ़ गई. जब भोजन तैयार किया ही जा रहा था, पेतरॉस ध्यानमग्न हो गए. 11 उन्होंने स्वर्ग को खुला देखा जहाँ से एक विशाल चादर जैसी वस्तु चारों कोनों से नीचे उतारी जा रही थी. 12 इसमें पृथ्वी के सभी प्रकार के चौपाए, रेंगते हुए जन्तु तथा पक्षी थे. 13 तब उन्हें एक शब्द सुनाई दिया, “उठो, पेतरॉस! मारो और खाओ!”

14 पेतरॉस ने उत्तर दिया, “कतई नहीं प्रभु! क्योंकि मैंने कभी भी कोई अपवित्र तथा अशुद्ध वस्तु नहीं खाई है.”

15 उन्हें दूसरी बार शब्द सुनाई दिया, “जिन वस्तुओं को स्वयं परमेश्वर ने शुद्ध कर दिया है उन्हें अशुद्ध मत समझो.”

16 तीन बार दोहराने के बाद तुरन्त ही वह वस्तु स्वर्ग में उठा ली गई.

17 पेतरॉस अभी इसी दुविधा में थे कि इस दर्शन का अर्थ क्या हो सकता है, कॉरनेलियॉस द्वारा भेजे गए व्यक्ति पूछताछ करते हुए शिमोन के द्वार पर आ पहुँचे. 18 उन्होंने पुकार कर पूछा, “क्या शिमोन, जिनका नाम पेतरॉस भी है, यहीं ठहरे हुए हैं?”

19 पेतरॉस अभी भी उसी दर्शन पर विचार कर रहे थे कि पवित्रात्मा ने उनसे कहा, “सुनो! तीन व्यक्ति तुम्हें खोजते हुए यहाँ आए हैं. 20 निस्संकोच उनके साथ चले जाओ क्योंकि स्वयं मैंने उन्हें तुम्हारे पास भेजा है.”

21 पेतरॉस नीचे गए और उनसे कहा, “तुम जिसे खोज रहे हो, वह मैं हूँ. क्या कारण है तुम्हारे यहाँ आने का?”

22 उन्होंने उत्तर दिया, “हमें सेनापति कॉरनेलियॉस ने आपके पास भेजा है. वह सच्चाई पर चलनेवाले, श्रद्धालु तथा सभी यहूदी समाज में सम्मानित हैं. उन्हें एक पवित्र स्वर्गदूत की ओर से यह निर्देश मिला है कि वह आपको आमन्त्रित कर सहपरिवार आप से वचन सुनें.” 23 पेतरॉस ने उन्हें अपने अतिथि होने का आमन्त्रण दिया. अगले दिन पेतरॉस उनके साथ चल दिए. योप्पा नगर के कुछ विश्वासी भाई भी उनके साथ हो लिए.

लूकॉ 12:32-40

32 “तुम, जो संख्या में कम हो, भयभीत न होना क्योंकि तुम्हारे पिता तुम्हें राज्य दे कर संतुष्ट हुए हैं.

33 “अपनी सम्पत्ति बेच कर प्राप्त धनराशि निर्धनों में बांट दो. अपने लिए ऐसा धन इकट्ठा करो, जो नष्ट नहीं किया जा सकता है—स्वर्ग में इकट्ठा किया धन; जहाँ न तो किसी चोर की पहुँच है और न ही विनाश करने वाले कीड़ों की. 34 तुम्हारा मन वहीं लगा होगा, जहाँ तुम्हारा धन है.”

मसीह येशु के दोबारा आगमन की अनपेक्षितता

35 “हमेशा तैयार रहो तथा अपने दीप जलाए रखो, 36 उन सेवकों के समान, जो अपने स्वामी की प्रतीक्षा में हैं कि वह जब विवाह उत्सव से लौट कर आए और द्वार खटखटाए तो वे तुरन्त उसके लिए द्वार खोल दें. 37 धन्य हैं वे दास, जिन्हें स्वामी लौटने पर जागते पाएगा. सच तो यह है कि स्वामी ही सेवक के वस्त्र धारण कर उन्हें भोजन के लिए बैठाएगा तथा स्वयं उन्हें भोजन परोसेगा. 38 धन्य हैं वे दास, जिन्हें स्वामी रात के दूसरे या तीसरे प्रहर में भी आ कर जागते पाए. 39 किन्तु तुम यह जान लो: यदि घर के स्वामी को यह मालूम हो कि चोर किस समय आएगा तो वह उसे अपने घर में घुसने ही न दे. 40 इसलिए तुम भी हमेशा तैयार रहो क्योंकि मनुष्य के पुत्र का आगमन ऐसे समय पर होगा जब तुमने उसके आगमन की आशा भी न की होगी.”

Saral Hindi Bible (SHB)

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