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Book of Common Prayer

Daily Old and New Testament readings based on the Book of Common Prayer.
Duration: 861 days
Saral Hindi Bible (SHB)
Version
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1 तिमोथियॉस 6:6-21

परन्तु सन्तोष भरी परमेश्वर की भक्ति स्वयं में एक अद्भुत धन है क्योंकि हम इस संसार में कुछ भी लेकर नहीं आए हैं, इसलिए हम यहाँ से कुछ ले जा भी न सकेंगे. हम इसी में सन्तुष्ट रहेंगे कि हमारे पास भोजन तथा वस्त्र हैं. जो धनी बनने के अभिलाषी हैं, वे परीक्षा, फन्दें और अनेक मूर्खता भरे व हानिकारक लालसाओं में पड़ जाते हैं, जो उन्हें पतन और विनाश के गर्त में ले डुबाती हैं. 10 धन का लालच हर एक प्रकार की बुराई की जड़ है. कुछ इसी लालच में विश्वास से भटक गए तथा इसमें उन्होंने स्वयं को अनेक दुःखों से छलनी कर लिया है.

तिमोथियॉस को उसकी सेवकाई की दोबारा याद दिलाना

11 परन्तु तुम, जो परमेश्वर के सेवक हो, इन सब से दूर भागो तथा सच्चाई, परमेश्वर भक्ति, विश्वास, प्रेम, धीरज तथा विनम्रता का पीछा करो. 12 अपने विश्वास का कठिन संघर्ष करो, उस अनन्त जीवन को थामे रखो, जिसके लिए परमेश्वर ने तुम्हे बुलाया और जिसे तुमने अनेक गवाहों के सामने अंगीकार किया है. 13 सारी सृष्टि के पिता तथा मसीह येशु को, जो पोन्तियॉस पिलातॉस के सामने अच्छे गवाह साबित हुए, उपस्थित जान कर मैं तुम्हें निर्देश देता हूँ: 14 हमारे प्रभु मसीह येशु के दोबारा आगमन तक इस आज्ञा को निष्कलंक और निर्दोष बनाए रखो: 15 जो ठीक समय पर परमेश्वर के द्वारा पूरा होगा—परमेश्वर, जो धन्य व एकमात्र अधिपति, राजाओं के राजा और प्रभुओं के प्रभु हैं. 16 सिर्फ वही अमर्त्य हैं, जिनका वास अपार ज्योति में है. जिन्हें किसी ने न तो कभी देखा है और न ही देख सकता है. उनकी महिमा और प्रभुता निरन्तर रहे. आमेन.

धनी विश्वासी

17 संसार के धनवानों को आदेश दो कि वे घमण्ड़ न करें और अपनी आशा नाशमान धन पर नहीं, परन्तु परमेश्वर पर रखें, जो हमारे उपभोग की हर एक वस्तु बहुतायत में देते हैं. 18 उन्हें भले काम करने, अच्छे कामों का धनी हो जाने तथा दान देनेवाले व उदार बनने की आज्ञा दो. 19 इस प्रकार वे इस धन का खर्च अपने आनेवाले जीवन की नींव के लिए करेंगे कि वे उस जीवन को, जो वास्तविक है, थामे रह सकें.

अन्तिम आज्ञा व समापन

20 तिमोथियॉस! उस धरोहर की रक्षा करो, जो तुम्हें सौंपी गई है. जो बातें आत्मिक नहीं, व्यर्थ बातचीत और उन बातों के ज्ञान से उपजे विरोधी तर्कों से दूर रहो, 21 जिसे स्वीकार कर अनेक अपने मूल विश्वास से भटक गए.

तुम पर अनुग्रह होता रहे.

मत्तियाह 13:36-43

जंगली बीज के दृष्टान्त की व्याख्या

36 जब येशु भीड़ को छोड़ कर घर के भीतर चले गए, उनके शिष्यों ने उनके पास आ कर उनसे विनती की, “गुरुवर, हमें खेत के जंगली बीज का दृष्टान्त समझा दीजिए.”

37 येशु ने दृष्टान्त की व्याख्या इस प्रकार की “अच्छे बीज बोनेवाला मनुष्य का पुत्र है. 38 खेत यह संसार है. अच्छा बीज राज्य की सन्तान हैं तथा जंगली बीज शैतान की. 39 शत्रु, जिसने उनको बोया है, शैतान है. कटनी इस युग का अन्त तथा काटने के लिए निर्धारित मज़दूर स्वर्गदूत हैं.

40 “इसलिए ठीक जिस प्रकार जंगली पौधे कटने के बाद आग में स्वाहा कर दिए जाते हैं, युग के अन्त में ऐसा ही होगा. 41 मानव-पुत्र अपने स्वर्गदूतों को भेजेगा और वे उस के राज्य में पतन के सभी कारणों तथा कुकर्मियों को इकट्ठा करेंगे और 42 उन्हें आग कुण्ड में झोंक देंगे, जहाँ लगातार रोना तथा दाँतों का पीसना होता रहेगा. 43 तब धर्मी अपने पिता के राज्य में सूर्य के समान चमकेंगे. जिसके सुनने के कान हों, वह सुन ले.”

Saral Hindi Bible (SHB)

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