Book of Common Prayer
2 एकरसेति, अपन-आप ला जम्मो किसम के बईरता, छल-कपट, ढोंगीपन, जलन, अऊ बदनामी ले दूर रखव। 2 नवां जनमे लइकामन सहीं सुध आतमिक गोरस के लालसा करव, ताकि एकर दुवारा अपन उद्धार म बढ़ सकव, 3 अब तुमन ए जान गे हवव कि परभू ह बने अय।
जीयत पथरा अऊ परमेसर के चुने मनखेमन
4 जब तुमन ओकर करा, जऊन ह जीयत पथरा ए, आथव, जऊन ला मनखेमन गरहन नइं करिन, पर ओह परमेसर के नजर म चुने हुए अऊ कीमती अय – 5 त तुमन घलो जीयत पथरामन सहीं एक ठन आतमिक घर बनत जावत हव, जेकर ले पबितर पुरोहित बनके अइसने आतमिक बलिदान चघावव, जऊन ह यीसू मसीह के दुवारा परमेसर ला गरहन लइक होवय। 6 काबरकि परमेसर के बचन ह ए कहिथे:
“देखव, मेंह सियोन म एक पथरा रखत हवंव,
ओह चुने हुए अऊ कीमती कोना के पथरा ए,
अऊ जऊन ह ओकर ऊपर बिसवास करथे,
ओकर कभू बेजत्ती नइं होवय[a]।”[b]
7 अब तुमन बर, जऊन मन बिसवास करथव, ए पथरा ह कीमती ए। पर जऊन मन बिसवास नइं करंय, ओमन बर:
“जऊन पथरा ला घर बनइयामन बेकार समझे रिहिन,
ओहीच ह कोना के पथरा हो गे हवय।”[c]
8 अऊ परमेसर के बचन ह कहिथे,
“एक ठन पथरा मनखेमन के लड़खड़ाय के
अऊ एक ठन चट्टान ओमन के गिरे के कारन होही।”[d]
ओमन लड़खड़ाथें, काबरकि ओमन ओ संदेस ला नइं मानय, जेकर बर ओमन ठहिराय गे रिहिन।
9 पर तुमन एक चुने बंस, राज-पदधारी पुरोहित, पबितर जाति अऊ परमेसर के खुद के मनखे अव, ताकि तुमन ओकर परसंसा करव, जऊन ह तुमन ला अंधियार म ले अपन अद्भूत अंजोर म बलाय हवय। 10 पहिली तुमन परमेसर के मनखे नइं रहेव, पर अब तुमन परमेसर के मनखे अव; एक समय रिहिस, जब तुमन परमेसर के दया ला नइं पाय रहेव, पर अब तुमन ओकर दया ला पा गे हवव।
23 तब यीसू ह अपन चेलामन ला कहिस, “मेंह तुमन ला सच कहत हंव – धनवान मनखे के स्वरग राज म जाना कठिन अय। 24 मेंह तुमन ला फेर कहत हंव कि परमेसर के राज म धनवान मनखे के जाय के बनिसपत सुई के छेदा म ले ऊंट के निकर जवई सरल अय।”
25 ए बात ला सुनके चेलामन अब्बड़ चकित होईन अऊ कहिन, “तब काकर उद्धार हो सकथे?”
26 यीसू ह ओमन कोति देखिस अऊ कहिस, “ए बात ह मनखे के दुवारा संभव नो हय, पर परमेसर के दुवारा जम्मो बात ह संभव अय।”
27 तब पतरस ह यीसू ला कहिस, “देख, हमन तो जम्मो कुछू ला छोंड़के तोर पाछू हो ले हवन। त हमन ला का मिलही?”
28 यीसू ह ओमन ला कहिस, “मेंह तुमन ला सच कहत हंव कि नवां संसार म, जब मनखे के बेटा ह महिमा के अपन सिंघासन म बईठही, त तुमन जऊन मन मोर पाछू चलत हव, बारह सिंघासन म बईठहू अऊ इसरायल के बारह गोत्र के नियाय करहू। 29 अऊ जऊन कोनो मोर खातिर अपन घर-दुवार या भाई या बहिनी या ददा या दाई या लइका या खेतखार ला छोंड़ देय हवय, ओह सौ गुना पाही अऊ ओह सदाकाल के जिनगी के अधिकारी होही। 30 पर कतको झन जऊन मन पहिली हवंय, ओमन आखिरी म हो जाहीं, अऊ कतको मनखे जऊन मन आखिरी म हवंय, ओमन पहिली हो जाहीं।”
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