Book of Common Prayer
11 तब मेंह लाखों-करोड़ों स्वरगदूतमन ला देखेंव अऊ ओमन के अवाज सुनेंव। ओमन सिंघासन, जीयत परानी अऊ अगुवामन के चारों कोति रहंय। 12 ओमन ऊंचहा अवाज म गावत रहंय:
“जऊन मेढ़ा-पीला के बध करे गीस,
ओह सामरथ, धन, बुद्धि, बल, आदर,
महिमा अऊ परसंसा पाय के काबिल अय।”
13 तब मेंह अकास, धरती अऊ धरती के खाल्हे अऊ समुंदर के जम्मो परानीमन ला अइसने गावत सुनेव:
“जऊन ह सिंघासन म बईठथे,
ओकर अऊ ओ मेढ़ा-पीला के परसंसा, आदर, महिमा अऊ सामरथ
जुग-जुग होवय।”
14 अऊ चारों जीयत परानीमन कहिन, “आमीन,” अऊ अगुवामन माड़ी के भार गिरके अराधना करिन।
सात ठन मुहर
6 मेंह देखेंव कि मेढ़ा-पीला ह जब ओ सात ठन मुहर ले पहिली मुहर ला टोरिस, त मेंह ओ चार जीयत परानीमन ले एक झन ला बादर के गरजन सहीं अवाज म, ए कहत सुनेंव, “आ!” 2 अऊ मेंह देखेंव कि उहां एक सफेद घोड़ा रहय। ओ घोड़ा के सवार ह एक ठन धनुस धरे रहय। ओला एक ठन मुकुट दिये गीस अऊ ओह एक बिजयी योद्धा सहीं बिजय पाय बर निकर गीस।
3 जब मेढ़ा-पीला ह दूसरा मुहर ला टोरिस, त मेंह दूसरा जीयत परानी ला ए कहत सुनेंव, “आ!” 4 तब एक आने घोड़ा निकरिस। ओकर लाल रंग रहय। ओकर सवार ला ए सामरथ दिये गीस कि ओह धरती के सांति ला ले लेय, ताकि मनखेमन एक-दूसर ला मार डारेंय। ओला एक बड़े तलवार दिये गीस।
5 जब मेढ़ा-पीला ह तीसरा मुहर ला टोरिस, त मेंह तीसरा जीयत परानी ला ए कहत सुनेंव, “आ।” मेंह देखेंव कि उहां एक ठन करिया घोड़ा रहय। ओकर सवार के हांथ म एक तराजू रहय। 6 तब मेंह ओ चारों जीयत परानी के बीच म ले, ए अवाज आवत सुनेंव, “एक दिन के बनी के एक किलो गहूं अऊ एक दिन के बनी के तीन किलो जवांर। पर तेल अऊ अंगूर के मंद ला नुकसान झन करव।”
7 जब मेढ़ा-पीला ह चौथा मुहर ला टोरिस, त मेंह चौथा जीयत परानी ला ए कहत सुनेंव, “आ।” 8 अऊ मेंह देखेंव कि उहां एक ठन हरदी रंग के घोड़ा रहय। ओकर सवार के नांव मिरतू रहय, अऊ ओकर पाछू-पाछू पताल-लोक ह आवत रहय। ओमन ला धरती के एक चौथाई भाग ऊपर अधिकार दिये गे रिहिस कि ओमन तलवार, अकाल, महामारी अऊ जंगली पसुमन के दुवारा मनखेमन ला मार डारेंय।
9 जब मेढ़ा-पीला ह पांचवां मुहर ला टोरिस, त मेंह बेदी के खाल्हे म ओमन के जीव ला देखेंव, जऊन मन परमेसर के बचन अऊ मसीह के गवाही देय के कारन मार डारे गे रिहिन। 10 ओमन ऊंचहा अवाज म कहत रहंय, “हे सर्वसक्तिमान परभू! तेंह पबितर अऊ सत अस। तेंह धरती ऊपर रहइयामन ला कब सजा देबे अऊ ओमन ले हमर लहू के बदला लेबे।” 11 ओमन ले हर एक ला एक सफेद कपड़ा दिये गीस अऊ ओमन ला अऊ थोरकन इंतजार करे बर कहे गीस, जब तक कि ओमन के संगी सेवक अऊ भाईमन के गनती ह पूरा नइं हो लेवय, जऊन मन ओकरेच मन सहीं मार डारे जवइया रिहिन।
18 अब तुमन किसान के पटंतर के मतलब ला सुनव। 19 जब कोनो मनखे स्वरग राज के बचन ला सुनथे अऊ ओला नइं समझय, त जऊन बचन ओकर हिरदय म बोय गय रहिथे, ओला दुस्ट सैतान ह आके छीन लेथे। एह ओ बीजा ए, जऊन ह रसता के तीर म बोय गय रिहिस। 20 जऊन बीजा ह पथर्री भुइयां म बोय गे रिहिस, एह ओ मनखे अय, जऊन ह बचन ला सुनथे अऊ तुरते ओला आनंद सहित गरहन करथे। 21 पर अपन म जरी नइं धरे रहय के कारन, ओह कुछू समय तक ही ठहरथे। जब बचन के सेति समस्या अऊ सताव आथे, त ओह तुरते बचन ले दूर हो जाथे। 22 जऊन बीजा ह कंटिली झाड़ीमन के बीच म बोय गे रिहिस, एह ओ मनखे अय, जऊन ह बचन ला सुनथे, पर ए जिनगी के फिकर अऊ धन के लालच ह बचन ला दबा देथे अऊ ओह फर नइं लानय। 23 पर जऊन बीजा ह बने भुइयां म बोय गय रिहिस, एह ओ मनखे अय, जऊन ह बचन ला सुनथे अऊ ओला समझथे। ओह फर लानथे; कोनो सौ गुना, कोनो साठ गुना अऊ कोनो तीस गुना।”
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