Book of Common Prayer
25 यदि तेंह मूसा के कानून के पालन करथस, त तोर खतना के मतलब हवय, पर यदि तेंह कानून के पालन नइं करस, त तोर खतना ह बिगर खतना के सहीं हो जाथे। 26 ओ मनखे जऊन मन खतना नइं करवाय हवंय, यदि ओमन कानून के मुताबिक चलथें, त का ओमन खतना करवाय मनखे सहीं नइं माने जाहीं? 27 तब जऊन मन सारीरिक रूप ले खतना नइं करवाय हवंय, ओमन तुमन ला दोसी ठहराहीं, काबरकि ओमन कानून ला मानथें, पर तुमन कानून ला नइं मानव, हालाकि तुम्हर करा लिखित कानून हवय अऊ तुमन खतना करवाय हवव।
28 ओ मनखे ह सही यहूदी नो हय, जऊन ह सिरिप बाहिरी रूप ले यहूदी अय, अऊ ओ खतना ह सही खतना नो हय जऊन ह सिरिप बाहिरी अऊ सारीरिक अय। 29 पर सही यहूदी ओ मनखे अय, जऊन ह भीतरी रूप ले यहूदी अय अऊ सही खतना ओह अय, जऊन ह हिरदय म पबितर आतमा के दुवारा होथे, सरीर म नइं होवय। अइसने मनखे के बड़ई मनखेमन के दुवारा नइं, पर परमेसर के दुवारा होथे।
परमेसर बिसवासयोग्य अय
3 तब यहूदी होय के का फायदा या खतना करवाय के का महत्व हवय? 2 हर किसम ले बहुंत फायदा हवय। सबले पहिली यहूदीमन ला परमेसर के बचन सऊंपे गीस। 3 यदि ओम ले कुछू झन बिसवासघाती निकरिन, त का होईस? का ओमन के बिसवासघाती होय ले परमेसर ह बिसवास के लइक नइं रहय? 4 बिलकुल ही नइं! परमेसर ह सच्चा अऊ जम्मो मनखेमन लबरा अंय। जइसने कि परमेसर के बचन म लिखे हवय: “ताकि तेंह अपन बात म सही साबित हो जा, अऊ तोर नियाय म, तोला जीत मिलय।”[a]
5 पर यदि हमर अधरम ह परमेसर के धरमीपन ला जादा साफ-साफ देखाथे, त हमन का कहन? का ए कहन, कि परमेसर ह हमर ऊपर कोरोध करके अनियाय करथे? (मेंह एला मनखे के सोच के मुताबिक कहत हंव।) 6 बिलकुल ही नइं! यदि परमेसर ह अनियायी होतिस, त ओह संसार के नियाय कइसने कर सकही? 7 यदि मोर लबारी के कारन परमेसर के सच्चई अऊ महिमा ह बढ़थे, त फेर मेंह काबर एक पापी के सहीं दोसी ठहिराय जावत हंव? 8 “तब आवव, हमन बुरई करन कि भलई होवय” – जइसने कि कुछू मनखेमन हमर ऊपर दोस लगाके कहिथें कि हमन अइसने कहिथन। अइसने मनखेमन ला दोसी ठहिराय जाना उचित अय।
कोनो मनखे धरमी नो हंय
9 त फेर हमन का कहन? का हम यहूदीमन आने मन ले बने हवन? बिलकुल नइं! काबरकि हमन पहिली ए दोस लगा चुके हवन कि यहूदी अऊ आनजात जम्मो मनखे मन पाप के अधीन हवंय। 10 जइसने कि परमेसर के बचन म लिखे हवय:
“कोनो धरमी नो हंय, एको झन घलो नइं।
11 कोनो नइं समझंय, कोनो परमेसर के खोज नइं करंय।
12 जम्मो झन भटक गे हवंय
अऊ एक संग ओमन बेकार हो गे हवंय।
कोनो भलई नइं करंय,
एको झन घलो नइं।”[b]
13 “ओमन के टोंटा ह खुले कबर अय,
ओमन के जीभ ह छल कपट के बात करथे।”[c]
“ओमन के होंठ म करैत सांप के जहर हवय।”[d]
14 “ओमन के मुहूं ह सराप अऊ करूपन ले भरे हवय।”
15 “ओमन के गोड़ ह लहू बोहाय बर तेज भागथे,
16 ओमन के डहार म नास अऊ दुरगती हवय,
17 अऊ ओमन सांति के रसता ला नइं जानंय।”[e]
18 “ओमन के आंखी के आघू म परमेसर के डर नइं अय।”[f]
30 मेंह अपन-आप ले कुछू नइं कर सकंव। जइसने परमेसर ह मोला कहिथे, वइसने मेंह नियाय करथंव, अऊ मोर नियाय ह सही अय, काबरकि मेंह अपन-आप ला खुस करे के कोसिस नइं करंव, पर ओला खुस करथंव, जऊन ह मोला पठोय हवय।”
यीसू के बारे म गवाही
31 “यदि मेंह अपन बारे म खुद गवाही देथंव, त मोर गवाही ह सही नो हय। 32 पर एक झन अऊ हवय, जऊन ह मोर बारे म गवाही देथे, अऊ मेंह जानत हंव कि मोर बारे म ओकर गवाही ह सही ए।
33 तुमन यूहन्ना करा अपन संदेसियामन ला पठोय रहेव अऊ ओह सच्चई के गवाही दे हवय। 34 अइसने बात नो हय कि मेंह मनखे के गवाही चाहत हंव; पर मेंह ए बात एकरसेति कहत हंव कि तुम्हर उद्धार होवय। 35 यूहन्ना ह एक ठन दीया के सहीं रिहिस, जऊन ह बरिस अऊ अंजोर दीस, अऊ तुमन ला ओकर अंजोर म कुछू समय तक आनंद मनई बने लगिस।
36 पर मोर करा यूहन्ना के देय गवाही ले घलो बड़े गवाही हवय। जऊन काम ला ददा ह मोला पूरा करे बर देय हवय, अऊ जऊन ला मेंह करत हवंव, ओ काममन खुदे गवाही देथें कि ददा ह मोला पठोय हवय। 37 ददा जऊन ह मोला पठोय हवय, ओह खुद मोर बारे म गवाही देय हवय। तुमन ओकर अवाज ला कभू नइं सुनेव अऊ न ही ओकर रूप ला देखे हवव; 38 अऊ न ही ओकर बचन तुम्हर हिरदय म रहिथे, काबरकि जऊन ला ओह पठोईस, ओकर ऊपर तुमन बिसवास नइं करेव। 39 तुमन परमेसर के बचन ला लगन से पढ़थव, काबरकि तुमन सोचथव कि ओम तुमन ला परमेसर के संग सदाकाल के जिनगी मिलही; एह परमेसर के ओही बचन अय, जऊन ह मोर बारे म गवाही देथे। 40 तभो ले तुमन जिनगी पाय बर मोर करा नइं आय चाहव।
41 मेंह मनखेमन ले महिमा पाय बर नइं चाहंव, 42 पर मेंह जानत हंव कि तुम्हर हिरदय म परमेसर बर मया नइं ए। 43 मेंह अपन ददा परमेसर के नांव म आय हवंव, अऊ तुमन मोला गरहन नइं करव; पर यदि कोनो आने मनखे अपन खुद के नांव म आही, त तुमन ओला गरहन कर लूहू। 44 तुमन एक-दूसर ले महिमा पाय बर चाहथव, अऊ ओ महिमा जऊन ह सिरिप परमेसर करा ले आथे, ओला पाय के कोनो कोसिस नइं करव; तब तुमन कइसने बिसवास कर सकथव? 45 ए झन सोचव कि मेंह ददा के आघू म तुम्हर ऊपर दोस लगाहूं। ओह मूसा ए, जऊन ह तुम्हर ऊपर दोस लगाथे, जेकर ऊपर तुमन अपन आसा रखे हवव। 46 यदि तुमन मूसा ऊपर बिसवास करे होतेव, त मोर ऊपर घलो बिसवास करतेव, काबरकि ओह मोर बारे म लिखे हवय। 47 जब तुमन मूसा के लिखे बातमन ला बिसवास नइं करव, तब तुमन मोर बात ला कइसने बिसवास करहू?”
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