Book of Common Prayer
11 काबरकि पहिली ले एक नीव डारे गे हवय, जऊन ह यीसू मसीह ए, अऊ ए नीव के छोंड़ कोनो अऊ आने नीव नइं डार सकंय। 12 कहूं कोनो मनखे ए नीव ऊपर सोना, चांदी, कीमती पथरा, कठवा, कांदी या पैंरा डारके घर बनाथे, 13 त ओकर काम ह उजागर हो जाही; मसीह ह एला ओ दिन अंजोर म लानही, जब ओह लहुंटके आही। एह आगी के संग परगट करे जाही, अऊ आगी ह हर एक मनखे के काम ला परखही कि ओह कइसने हवय। 14 ए जांच म, कहूं ओ मनखे के काम ह बने रहिथे, त ओह इनाम पाही। 15 पर कहूं ओकर काम ह जर जाथे, त ओला नुकसान होही; ओह खुद तो बच जाही, पर अइसने बचही, जइसने कोनो आगी म जरत-जरत बचथे।
16 का तुमन नइं जानव कि तुमन खुद परमेसर के मंदिर अव अऊ परमेसर के आतमा तुमन म रहिथे। 17 यदि कोनो परमेसर के मंदिर ला नास करथे, त परमेसर ह ओला नास करही; काबरकि परमेसर के मंदिर ह तो पबितर ए, अऊ तुमन ओ मंदिर अव।
18 अपन-आप ला धोखा झन देवव। कहूं तुमन ले कोनो ए संसार के सोच के मुताबिक अपन-आप ला बुद्धिमान समझथे, त ओला मुरुख बन जाना चाही ताकि ओह सही म बुद्धिमान बन सकय। 19 काबरकि ए संसार के बुद्धि ह परमेसर के नजर म मूर्खता ए। जइसने कि परमेसर के बचन म ए लिखे हवय, “परमेसर ह बुद्धिमानमन ला ओहीच मन के चतुरई म फंसो देथे।”[a] 20 अऊ ए घलो लिखे हवय, “परभू ह जानथे कि बुद्धिमानमन के बिचार ह बेकार अंय।”[b] 21 एकरसेति मनखेमन ऊपर कोनो घमंड झन करय। जम्मो चीज ह तुम्हर ए, 22 चाहे ओह पौलुस ए या अपुल्लोस या पतरस (कैफा) या ए संसार या जिनगी या मिरतू या ए जुग या अवइया जुग – ए जम्मो ह तुम्हर ए; 23 अऊ तुमन मसीह के अव अऊ मसीह परमेसर के अय।
यीसू के दाई अऊ भाईमन
(मत्ती 12:46-50; लूका 8:19-21)
31 तब यीसू के दाई अऊ भाईमन उहां आईन अऊ बाहिर म खड़े होके, एक झन ला ओला बलाय बर पठोईन। 32 एक बड़े भीड़ यीसू के चारों खूंट बईठे रिहिस, अऊ ओमन ओला कहिन, “देख, तोर दाई अऊ भाईमन बाहिर म तोला खोजत हवंय।” 33 ओह ओमन ले पुछिस, “मोर दाई अऊ भाईमन कोन अंय?” 34 तब ओह अपन चारों खूंट बईठे भीड़ ला देखके कहिस, “एमन मोर दाई अऊ भाई अंय। 35 जऊन कोनो परमेसर के ईछा ला पूरा करथे, ओह मोर भाई, बहिनी अऊ दाई अय।”
बीज बोवइया के पटंतर
(मत्ती 13:1-9; लूका 4:4-8)
4 यीसू ह फेर झील के तीर म उपदेस करन लगिस अऊ उहां अइसने भीड़ जुर गीस कि ओह झील म एक ठन डोंगा ऊपर चघके बईठिस अऊ भीड़ ह झील के तीर म रहय। 2 ओह ओमन ला पटंतर म बहुंत अकन गोठ सिखोवन लगिस अऊ अपन उपदेस म कहिस, 3 “सुनव, एक किसान ह बीज बोय बर निकरिस। 4 बोवत बखत कुछू बीजा रसता के तीर म गिरिन अऊ चिरईमन आके ओला खा लीन। 5 अऊ कुछू पथर्री भुइयां म गिरिन, जिहां ओमन ला बने माटी नइं मिलिस अऊ गहिरा माटी नइं मिले के कारन जल्दी जाम गीन। 6 जब सूरज निकरिस, त ओमन मुरझा गीन अऊ जरी नइं धरे रहे के कारन सूख गीन। 7 कुछू बीजा कंटिली झाड़ीमन म गिरिन अऊ झाड़ीमन बढ़के ओमन ला दबा दीन, जेकर कारन ओमन म फर नइं धरिन। 8 पर कुछू बीजा बने भुइयां म गिरिन; ओमन जामिन अऊ बढ़के ओमन म फर धरिन।”
9 तब यीसू ह कहिस, “जेकर कान हवय, ओह सुन ले।”
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