Book of Common Prayer
परमेसर के मनखेमन बर बिसराम
4 एकरसेति, जब परमेसर के बिसराम म जाय के वायदा ह अभी तक कायम हवय, त हमन ला सचेत रहना चाही ताकि तुमन ले कोनो घलो ओ बिसराम म जाय बर नकाबिल झन होवव। 2 काबरकि हमन ला घलो सुघर संदेस सुनाय गीस, जइसने ओमन ला सुनाय गे रिहिस, पर जऊन संदेस ओमन सुनिन, ओकर ले ओमन ला कोनो फायदा नइं होईस, काबरकि जऊन मन एला सुनिन, ओमन बिसवास के संग एला गरहन नइं करिन। 3 हमन जऊन मन कि बिसवास करे हवन, ओ बिसराम म जाथन, जइसने कि परमेसर ह कहे हवय,
“एकरसेति मेंह नराज होके कसम खाएंव,
ओमन मोर बिसराम म कभू नइं जा सकहीं।”[a]
हालाकि ओकर काम ह ओ समय पूरा हो गे रिहिस, जब ओह संसार ला बनाईस। 4 काबरकि कोनो मेर, ओह सातवां दिन के बारे म अइसने कहे हवय, “अऊ सातवां दिन, परमेसर ह अपन जम्मो काम ले बिसराम करिस।”[b] 5 अऊ फेर, ओही बिसय म, ओह ए कहिथे, “ओमन मोर बिसराम म कभू नइं जा सकहीं।”
6 एह अभी तक लागू हवय कि कुछू मनखे, ओ बिसराम म जा सकहीं अऊ जऊन मन ला पहिली सुघर संदेस सुनाय गे रिहिस, ओमन एम नइं जा सकिन, काबरकि ओमन परमेसर के हुकूम ला नइं मानिन। 7 एकरसेति, परमेसर ह एक आने दिन ला तय करथे, जऊन ला “आज” कहे जाथे। बहुंत समय के बाद, ओह दाऊद राजा के जरिये एकर बारे म कहिस, जइसने कि परमेसर के बचन म लिखाय हवय:
“यदि आज तुमन ओकर अवाज ला सुनथव,
त अपन हिरदय ला कठोर झन करव।”[c]
8 काबरकि, यदि यहोसू ह ओमन ला बिसराम दे रिहिस, त परमेसर ह बाद म, आने दिन के बारे म नइं गोठियाय रहितिस। 9 एकरसेति, परमेसर के मनखेमन बर, एक बिसराम बचे हवय। 10 काबरकि जऊन ह परमेसर के बिसराम म जाथे, ओह अपन काम ले घलो बिसराम करथे, जइसने परमेसर ह अपन काम ले बिसराम करिस।
16 “काबरकि परमेसर ह संसार ले अइसने मया करिस कि ओह अपन एकलऊता बेटा ला दे दीस, ताकि जऊन कोनो ओकर बेटा ऊपर बिसवास करय, ओह नास नइं होवय, पर परमेसर के संग सदाकाल के जिनगी पावय। 17 परमेसर ह अपन बेटा ला एकर खातिर नइं पठोईस कि ओह संसार ला दोसी ठहरावय, पर ए खातिर पठोईस कि संसार ला ओकर जरिये बचावय। 18 जऊन कोनो ओकर ऊपर बिसवास करथे, ओह दोसी नइं ठहरय, पर जऊन ह बिसवास नइं करय, ओह दोसी ठहर चुकिस, काबरकि ओह परमेसर के एकलऊता बेटा ऊपर बिसवास नइं करिस। 19 नियाय करइया के फैसला ए अय: अंजोर ह संसार म आईस, पर मनखेमन अंजोर के बदले अंधियार ले मया करिन, काबरकि ओमन के काम खराप रिहिन। 20 जऊन ह खराप काम करथे, ओह अंजोर ले घिन करथे अऊ ओह अंजोर म नइं आवय, काबरकि ओला डर रहिथे कि ओकर खराप काममन उजागर हो जाहीं। 21 पर जऊन ह सही काम ला करथे, ओह अंजोर म आथे, ताकि ए साफ दिख जावय कि ओकर काम ह परमेसर के जरिये करे गे हवय।”
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