Book of Common Prayer
12 हे भाईमन हो, एकर धियान रखव कि तुमन ले काकरो पापमय अऊ अबिसवासी हिरदय झन होवय, जऊन ह कि जीयत परमेसर ले दूरिहा हो जाथे। 13 पर हर एक दिन, एक-दूसर ला ढाढ़स बंधावव, जब तक कि एला आज कहे जाथे, ताकि तुमन कोनो घलो पाप के छल म पड़के कठोर झन होवव। 14 जऊन बिसवास, हमर करा सुरू म रिहिस, यदि हमन ओम आखिरी तक मजबूत बने रहन, तभे मसीह के काम म हमर बांटा हवय। 15 जइसने कि परमेसर के बचन म ए कहे गे हवय:
“यदि आज तुमन ओकर अवाज ला सुनथव,
त अपन हिरदय ला कठोर झन करव,
जइसने कि तुम्हर पुरखामन परमेसर के बिरोध म बिदरोही होके करिन।”[a]
16 ओमन कोन रिहिन, जऊन मन परमेसर के अवाज ला सुनिन, अऊ ओकर बिरोध म बिदरोह करिन? का ओमन ओ जम्मो मनखे नइं रिहिन, जऊन मन ला मूसा ह मिसर देस ले निकारके लानिस? 17 अऊ काकर ले परमेसर ह चालीस साल तक नराज रिहिस? का ओमन ले नो हय, जऊन मन पाप करिन अऊ निरजन प्रदेस म गिरके मर गीन? 18 अऊ परमेसर ह कसम खाके कोन ला कहिस कि ओमन ओकर बिसराम म कभू नइं जा सकहीं[b]? सिरिप ओमन ला, जऊन मन ओकर हुकूम नइं मानिन। 19 ए किसम ले, हमन देखथन कि ओमन अपन अबिसवास के कारन ओ देस म नइं जा सकिन।
23 जब यीसू ह फसह तिहार के समय यरूसलेम म रिहिस, त जऊन चमतकार के काम उहां ओह करत रिहिस, ओला देखके बहुंत मनखेमन ओकर ऊपर बिसवास करिन। 24 पर यीसू ह अपन-आप ला ओमन के भरोसा म नइं छोंड़िस, काबरकि ओह जम्मो झन ला जानत रिहिस। 25 ओला एकर जरूरत नइं रिहिस कि कोनो मनखे ह कोनो मनखे के बारे म गवाही देवय, काबरकि यीसू ह खुद जानत रिहिस कि कोन मनखे के मन म का हवय।
यीसू ह निकुदेमुस ला सिखोथे
3 निकुदेमुस नांव के एक मनखे रिहिस। ओह फरीसी मत के रिहिस अऊ यहूदी महासभा के एक सदस्य रिहिस। 2 ओह रतिहा यीसू करा आईस अऊ कहिस, “हे गुरू, हमन जानथन कि तेंह एक गुरू अस अऊ परमेसर करा ले आय हवस। काबरकि जऊन चमतकार के काम तेंह करथस, ओला कोनो नइं कर सकंय, जब तक कि परमेसर ह ओकर संग नइं रहय।”
3 यीसू ह ओला ए जबाब दीस, “मेंह तोला सच-सच बतावत हंव; जब तक कोनो मनखे के नवां जनम नइं होवय, तब तक ओह परमेसर के राज ला नइं देख सकय।”
4 निकुदेमुस ह कहिस, “पर जब एक मनखे ह डोकरा हो गीस, त ओह फेर कइसने जनम ले सकथे? निस्चित रूप ले, ओह दूसर बार अपन दाई के कोख म जाके फेर जनम नइं ले सकय।”
5 त यीसू ह कहिस, “मेंह तोला सच-सच बतावत हंव कि जब तक कोनो मनखे पानी अऊ पबितर आतमा ले नइं जनमे, तब तक ओह परमेसर के राज म नइं जा सकय। 6 मनखे ह मनखे ला जनम देथे, पर पबितर आतमा ह नवां आतमा ला जनम देथे। 7 तोला मोर ए बात ले अचरज नइं होना चाही कि तोर नवां जनम होना जरूरी अय। 8 हवा ह जेति चाहथे ओती चलथे। तेंह सिरिप एकर आरो भर ला सुनथस, पर तेंह नइं बता सकस कि एह कहां ले आथे या एह कहां जाथे। हर ओ मनखे जऊन ह पबितर आतमा ले जनम लेथे, ओकर संग घलो अइसनेच होथे।”
9 निकुदेमुस ह पुछिस, “एह कइसने हो सकथे?”
10 यीसू ह जबाब दीस, “तेंह इसरायली मनखेमन के एक गुरू अस, अऊ का तेंह ए बातमन ला नइं समझत हस?” 11 मेंह तोला सच कहत हंव, जऊन बात ला हमन जानथन, ओकरे बारे म हमन गोठियाथन, अऊ जऊन ला हमन देखे हवन, ओकर गवाही देथन, पर तुमन हमर गवाही ला नइं मानव। 12 मेंह तुमन ला ए धरती के बातमन ला बताएंव अऊ तुमन बिसवास नइं करत हव, पर कहूं मेंह स्वरग के बातमन ला बताहूं, त तुमन कइसने बिसवास करहू। 13 कभू कोनो स्वरग ला नइं गे हवय, सिरिप एक झन के छोंड़, जऊन ह स्वरग ले आईस याने कि मनखे के बेटा। 14 जइसने मूसा ह निरजन प्रदेस म पीतल के सांप ला ऊपर चघाईस, वइसने मनखे के बेटा बर घलो जरूरी अय कि ओला ऊपर चघाय जावय, 15 ताकि जऊन कोनो ओकर ऊपर बिसवास करय, ओह परमेसर के संग सदाकाल के जिनगी पावय।
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