Book of Common Prayer
21 मोला ए कहत सरम आथे कि हमन ओ जम्मो काम म बहुंत कमजोर रहेंन। पर यदि कोनो मनखे कोनो बात म घमंड करे के हिम्मत करथे, त मेंह एक मुरुख मनखे के सहीं कहत हंव कि मेंह घलो ओ बात म घमंड करे के हिम्मत कर सकथंव। 22 का ओमन इबरानी अंय? मेंह घलो अंव। का ओमन इसरायली अंय? मेंह घलो अंव। का ओमन अब्राहम के बंस के अंय? मेंह घलो अंव। 23 का ओमन मसीह के सेवक अंय? मेंह ओमन ले जादा बने सेवक अंव – मेंह ए बात एक पागल मनखे के सहीं कहत हंव। मेंह जादा मिहनत करे हवंव, अऊ जादा बार ले जेल गे हवंव, मोला जादा कोर्रा म मारे गे हवय अऊ मेंह बार-बार मिरतू के जोखिम म पड़े हंव। 24 पांच बार मेंह यहूदीमन के हांथ ले उनतालीस-उनतालीस कोर्रा खाय हवंव। 25 तीन बार मोला लउठी ले मारे गीस, एक बार मोर ऊपर पत्थरवाह करे गीस, तीन बार पानी जहाजमन टूट गीन, जऊन म मेंह जावत रहेंव, एक रात अऊ एक दिन मेंह खुला समुंदर म काटेंव। 26 मेंह बार-बार एती-ओती होवत रहेंव। मेंह नदिया के खतरा म, डाकूमन के खतरा म, मोर अपन देस के मनखेमन के खतरा म, आनजातमन के खतरा म, सहर के खतरा म, जंगल के खतरा म, समुंदर के खतरा म अऊ लबरा भाईमन के खतरा म ले गुजर चुके हवंव। 27 मेंह मुसिबत ले गुजर चुके हंव अऊ कठिन मिहनत करे हवंव अऊ कतको रतिहा ले उसनिंदा रहे हवंव, मेंह भूख अऊ पियास ला जानत हंव अऊ अक्सर बिगर खाय भूख ला सहे हवंव, मेंह जाड़ा म कम कपड़ा म रहे हवंव। 28 अऊ आने बातमन ला का कहंव; हर दिन, जम्मो कलीसियामन बर मोला अपन चिंता खाय जावथे। 29 जब कोनो कमजोर होथे, त मेंह घलो ओकर कमजोरी महसूस करथंव; जब कोनो पाप म गिरथे, त मोला दुःख होथे।
30 यदि मोला घमंड करना जरूरी ए, त मेंह ओ बात बर घमंड करहूं, जऊन ह मोर कमजोरी ला देखाथे। 31 परभू यीसू के ददा परमेसर जेकर महिमा सदा होवय, ओह जानत हवय कि मेंह लबारी नइं मारत हवंव।
यीसू ह आंधी ला सांत करथे
(मत्ती 8:23-27; लूका 8:22-25)
35 ओहीच दिन संझा के बखत, ओह अपन चेलामन ला कहिस, “आवव, हमन झील के ओ पार चली।” 36 भीड़ ला पाछू छोंड़के, ओमन जइसने यीसू रिहिस वइसने ओला अपन संग डोंगा म ले गीन। उहां ओकर संग अऊ डोंगामन घलो रहंय। 37 तब एक बड़े भारी आंधी आईस अऊ पानी के बड़े-बड़े लहरा उठिस, जेकर कारन पानी ह डोंगा म हमाय लगिस अऊ डोंगा ह बुड़े बर होवत रहय। 38 यीसू ह डोंगा के पाछू म गद्दी ऊपर सोवत रहय। तब चेलामन ओला उठाके कहिन, “हे गुरू, का तोला कोनो फिकर नइं ए कि हमन पानी म बुड़त हवन?”
39 ओह उठके आंधी ला दबकारिस अऊ पानी के लहरामन ला कहिस, “सांत हो जावव, थम जावव।” तब आंधी ह थम गीस अऊ एकदम सांत हो गीस।
40 ओह अपन चेलामन ला कहिस, “काबर डर्रावत हवव? का तुमन ला अब घलो मोर ऊपर बिसवास नइं ए?”
41 ओमन अब्बड़ डर्रा गे रिहिन अऊ एक-दूसर ला पुछन लगिन, “एह कोन ए कि आंधी अऊ पानी घलो एकर बात ला मानथें।”
Copyright: New Chhattisgarhi Translation (नवां नियम छत्तीसगढ़ी) Copyright © 2012, 2016 by Biblica, Inc.® All rights reserved worldwide.