Book of Common Prayer
भविस्य के महिमा
18 मेंह ए समझथंव कि जऊन महिमा हमर ऊपर परगट होही, ओकर तुलना म, हमर अभी के दुःख ह कुछू नो हय। 19 ए सिरिस्टी ह बड़े आसा भरे नजर ले परमेसर के बेटामन (संतानमन) के परगट होय के बाट जोहथे। 20 काबरकि ए सिरिस्टी ला बेकार कर दिये गीस, अऊ एह एकर खुद के ईछा ले नइं, पर परमेसर के ईछा ले ए आसा म करे गीस, 21 कि सिरिस्टी ह खुद बिनास के अपन गुलामी ले छुटकारा पावय अऊ परमेसर के लइकामन के महिमा के सुतंतरता के भागीदार होवय।
22 हमन जानथन कि जम्मो सिरिस्टी ह अभी तक ले छुवारी होय के पीरा सहीं कल्हरत हवय। 23 अऊ सिरिप सिरिस्टी ही नइं, पर हमन करा पबितर आतमा के पहिली फर हवय अऊ हमन खुदे भीतरे-भीतर कल्हरत हवन, अऊ ए बात के बाट जोहथन कि परमेसर ह हमन ला अपन बेटा के रूप म गोद लिही, याने कि हमन ला हमर सरीर ले छुटकारा दिही। 24 काबरकि ए आसा म हमर उद्धार होय हवय, पर जऊन चीज के हमन आसा करथन, यदि ओह हमन ला दिख जावय, त ओ आसा के अंत हो जाथे। कोनो मनखे कोनो अइसने चीज के आसा नइं करय, जऊन ह पहिली ले ओकर करा हवय। 25 पर यदि हमन ओ चीज के आसा करथन, जऊन ह हमर करा नइं ए, त हमन धीर धरके ओकर बर बाट जोहथन।
पुनरजीवन अऊ सादी-बिहाव
(मरकुस 12:18-27; लूका 20:27-40)
23 ओहीच दिन सदूकीमन यीसू करा आईन, जऊन मन ए कहिथंय कि मरे के बाद मनखे ह फेर नइं जी उठय। ओमन यीसू ले एक सवाल पुछिन, 24 “हे गुरू, मूसा ह कहे हवय कि यदि कोनो मनखे ह बिगर संतान के मर जावय, त ओकर भाई ह ओ बिधवा ले बिहाव करय अऊ अपन भाई खातिर संतान पैदा करय[a]। 25 हमर बीच म सात झन भाई रिहिन। पहिला ह बिहाव करिस, पर ओह बिगर संतान के मर गीस अऊ अपन घरवाली ला अपन भाई बर छोंड़ गीस। 26 दूसरा अऊ तीसरा भाई ले लेके जम्मो सातों भाई के संग अइसनेच होईस। सातों के सातों भाई मर गीन। 27 आखिरी म, ओ माईलोगन घलो मर गीस। 28 तब मरे म ले जी उठे के बाद, ओह ओ सातों भाई म के काकर घरवाली होही? काबरकि ओ सातों झन ओकर ले बिहाव करे रिहिन।”
29 यीसू ह ओमन ला जबाब दीस, “तुमन गलत समझत हव, काबरकि तुमन परमेसर के बचन या परमेसर के सामरथ ला नइं जानत हव। 30 मरे म ले जी उठे के बाद, मनखेमन न तो बिहाव करहीं अऊ न ही ओमन ला बिहाव म दिये जाही। ओमन स्वरग म स्वरगदूतमन सहीं होहीं। 31 मरे म ले जी उठे के बारे म परमेसर ह तुमन ला का कहे हवय – का तुमन नइं पढ़े हवव: 32 ‘मेंह अब्राहम के परमेसर, इसहाक के परमेसर अऊ याकूब के परमेसर अंव।’ ओह मरे मन के नइं, पर जीयत मन के परमेसर अय।”
33 एला सुनके, भीड़ के मनखेमन यीसू के उपदेस ले चकित होईन।
सबले बड़े हुकूम
(मरकुस 12:28-34; लूका 10:25-28)
34 जब फरीसीमन सुनिन कि यीसू ह सदूकीमन के मुहूं बंद कर दे हवय, त ओमन ह जुरिन। 35 ओम ले एक झन, जऊन ह एक वकील रिहिस, यीसू ला परखे बर ए सवाल करिस, 36 “हे गुरू, मूसा के कानून के मुताबिक सबले बड़े हुकूम कते ह अय?”
37 यीसू ह ओला कहिस, “ ‘तेंह अपन परभू परमेसर ला अपन जम्मो हिरदय, अपन जम्मो परान अऊ अपन पूरा मन सहित मया कर।’[b] 38 एह पहिली अऊ सबले बड़े हुकूम अय। 39 अऊ दूसरा हुकूम ए किसम ले अय, ‘तेंह अपन पड़ोसी ले अपन सहीं मया कर।’[c] 40 ए दूनों हुकूम जम्मो कानून अऊ अगमजानीमन के सिकछा के सार अंय।”
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