Book of Common Prayer
18 पहिली के नियम ला अलग कर दिये गीस, काबरकि एह कमजोर अऊ बेकार रिहिस। 19 (काबरकि मूसा के कानून ह कोनो भी चीज ला सिद्ध नइं बनाईस), अऊ अब एक उत्तम आसा दिये गे हवय, जेकर दुवारा हमन परमेसर के लकठा म जाथन।
20 अऊ एह बिना कसम (किरिया) के नइं रिहिस। आने मन बिगर कोनो कसम के पुरोहित बनिन, 21 पर ओह (यीसू) एक कसम के संग पुरोहित बनिस, जब परमेसर ह ओला कहिस:
“परभू ह कसम खाईस
अऊ ओह अपन मन ला नइं बदलय,
तेंह सदाकाल बर एक पुरोहित अस।”[a]
22 ए कसम के कारन, यीसू ह अऊ बने करार के जमानतदार हो गीस।
23 पहिली बहुंत पुरोहितमन रिहिन, पर ओमन अपन काम पूरा नइं कर सकिन काबरकि ओमन मर गीन; 24 पर यीसू ह सदाकाल बर जीयथे; ओकर पुरोहित पद ह सदाकाल बर ए। 25 एकरसेति, ओह ओमन के पूरा-पूरी उद्धार कर सकथे, जऊन मन ओकर जरिये परमेसर करा आथें, काबरकि ओह ओमन खातिर बिनती करे बर हमेसा जीयत हवय।
26 अइसने महा पुरोहित ह हमर जरूरत ला पूरा करथे, जऊन ह पबितर, निरदोस अऊ सुध ए। ओह पापीमन ले अलग करे गे हवय अऊ स्वरगमन ले ऊंचा उठाय गे हवय। 27 आने महा पुरोहितमन सहीं, ओला दिन प्रतिदिन पहिली अपन खुद के पाप खातिर अऊ तब मनखेमन के पाप खातिर बलि चघाय के जरूरत नइं ए। ओह अपन-आप ला ओमन के पाप बर बलि चघाके, ए काम ला सदाकाल खातिर एकेच बार म पूरा कर दीस। 28 काबरकि मूसा के कानून ह ओ मनखेमन ला महा पुरोहित के रूप म ठहिराथे, जऊन मन सिद्ध नो हंय; पर परमेसर के कसम, जऊन ह मूसा के कानून के बाद आईस, ओ बेटा ला ठहिराईस, जऊन ह सदाकाल के खातिर सिद्ध बनाय गे हवय।
27 ओतकी बेरा यीसू के चेलामन लहुंटके आईन अऊ ए देखके अचरज करे लगिन कि यीसू ह एक माईलोगन ले गोठियावत हवय। पर एको झन ओकर ले ए नइं पुछिन, “तेंह का चाहथस?” या “तेंह ओकर ले काबर गोठियावत हस?”
28 तब ओ माईलोगन ह अपन घघरी ला उहें छोंड़ दीस अऊ सहर म वापिस जाके मनखेमन ला कहिस, 29 “आवव, अऊ ओ मनखे ला देखव, जऊन ह ओ जम्मो बात बता दीस, जेला मेंह करे हवंव। ओह मसीह हो सकथे।” 30 मनखेमन सहर ले निकरके यीसू करा आवन लगिन।
31 ए दरमियान यीसू के चेलामन ओकर ले बिनती करिन, “हे गुरूजी, कुछू खा ले।”
32 पर यीसू ह ओमन ला कहिस, “मोर करा खाय बर अइसने भोजन हवय, जेकर बारे म तुमन कुछू नइं जानत हव।”
33 तब चेलामन एक-दूसर ले पुछे लगिन, “का कोनो एकर बर कुछू खाय बर लाय हवय?”
34 यीसू ह ओमन ला कहिस, “मोर भोजन ए अय कि मेंह अपन पठोइया परमेसर के ईछा ला पूरा करंव अऊ ओ काम ला पूरा करंव, जऊन ला ओह मोला दे हवय। 35 का तुमन ए नइं कहव, ‘फसल ला पके बर चार महिना बांचे हवय, तब लुवई सुरू होही।’ अपन चारों कोति देखव – मनखेमन के आतमा के खेत ला, जऊन ह लुवई बर तियार हवय। 36 ओ मनखे जऊन ह फसल लूथे, ओला ओकर बनी मिलथे अऊ ओह परमेसर के संग सदाकाल के जिनगी बर फर संकेलथे; ताकि बोवइया अऊ लुवइया दूनों मिलके खुसी मनावंय। 37 एकरसेति ए कहावत ह सही ए, ‘कोनो बोथे, त कोनो आने ओला लूथे।’ 38 मेंह तुमन ला उहां फसल लुए बर पठोएंव, जिहां तुमन नइं बोए रहेव; आने मन उहां कठोर मिहनत करिन, अऊ तुमन ला ओमन के मिहनत के फर मिलिस।”
बहुंत सामरी मनखेमन बिसवास करथें
39 ओ सहर के बहुंत सामरी मनखेमन यीसू ऊपर बिसवास करिन, काबरकि ओ माईलोगन ह ए बताय रिहिस, “ओह मोला ओ जम्मो बात बता दीस, जऊन ला मेंह करे हवंव।” 40 एकरसेति जब ओ सामरी मनखेमन यीसू करा आईन, त ओमन यीसू ले बिनती करिन, “हमर संग रहि जा।” अऊ यीसू ह उहां दू दिन रिहिस। 41 ओकर बचन ला सुनके अऊ बहुंत झन ओकर ऊपर बिसवास करिन।
42 ओमन ओ माईलोगन ला कहिन, “अब हमन सिरिप तोर कहे ले ही बिसवास नइं करथन, पर हमन खुदे ओकर बात ला सुने हवन, अऊ हमन जान गे हवन कि ओह सही म संसार के उद्धार करइया अय।”
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