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Book of Common Prayer

Daily Old and New Testament readings based on the Book of Common Prayer.
Duration: 861 days
Saral Hindi Bible (SHB)
Version
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प्रेरित 10:1-16

रोमी सेनापति कॉरनेलियॉस के घर पर पेतरॉस

10 कयसरिया नगर में कॉरनेलियॉस नामक एक व्यक्ति थे, जो इतालियन नामक सैन्य दल के सेनापति थे. वह परमेश्वर पर विश्वास रखनेवाले व्यक्ति थे. वह और उनका परिवार, सभी श्रद्धालु थे. वह यहूदियों को उदार मन से दान देते तथा परमेश्वर से निरन्तर प्रार्थना करते रहते थे.

दिन के लगभग नवें घण्टे में उन्होंने एक दर्शन में स्पष्ट देखा कि परमेश्वर के एक स्वर्गदूत ने उनके पास आकर उनसे कहा, “कॉरनेलियॉस!”

भयभीत कॉरनेलियॉस ने स्वर्गदूत की ओर एकटक देखते हुए प्रश्न किया, “क्या आज्ञा है, प्रभु?”

स्वर्गदूत ने स्पष्ट किया, “परमेश्वर द्वारा तुम्हारी प्रार्थनाएँ तथा तुम्हारे दान याद किए गए हैं. इसलिए अपने सेवक योप्पा नगर भेज कर शिमोन नामक व्यक्ति को बुलवा लो. वह पेतरॉस भी कहलाते हैं. इस समय वह शिमोन नामक चर्मशोधक के यहाँ अतिथि हैं, जिसका घर समुद्र के किनारे पर है.”

स्वर्गदूत के जाते ही कॉरनेलियॉस ने अपने दो सेवकों तथा उनकी निरन्तर सेवा के लिए ठहराए हुए एक भक्त सैनिक को बुलवाया तथा उन्हें सारी स्थिति के बारे में बताते हुए योप्पा नगर भेज दिया.

ये लोग दूसरे दिन छठे घण्टे के लगभग योप्पा नगर के पास पहुँचे. उसी समय पेतरॉस घर की खुली छत पर प्रार्थना करने गए थे. 10 वहाँ उन्हें भूख लगी और कुछ खाने की इच्छा बहुत बढ़ गई. जब भोजन तैयार किया ही जा रहा था, पेतरॉस ध्यानमग्न हो गए. 11 उन्होंने स्वर्ग को खुला देखा जहाँ से एक विशाल चादर जैसी वस्तु चारों कोनों से नीचे उतारी जा रही थी. 12 इसमें पृथ्वी के सभी प्रकार के चौपाए, रेंगते हुए जन्तु तथा पक्षी थे. 13 तब उन्हें एक शब्द सुनाई दिया, “उठो, पेतरॉस! मारो और खाओ!”

14 पेतरॉस ने उत्तर दिया, “कतई नहीं प्रभु! क्योंकि मैंने कभी भी कोई अपवित्र तथा अशुद्ध वस्तु नहीं खाई है.”

15 उन्हें दूसरी बार शब्द सुनाई दिया, “जिन वस्तुओं को स्वयं परमेश्वर ने शुद्ध कर दिया है उन्हें अशुद्ध मत समझो.”

16 तीन बार दोहराने के बाद तुरन्त ही वह वस्तु स्वर्ग में उठा ली गई.

योहन 7:1-13

मसीह येशु का येरूशालेम में अपने ही भाइयों द्वारा उपहास

इन बातों के बाद मसीह येशु गलील प्रदेश के अन्य क्षेत्रों में यात्रा करने लगे. वह यहूदिया प्रदेश में जाना नहीं चाहते थे क्योंकि यहूदी उनकी हत्या की ताक में थे. यहूदियों का एक पर्व—झोपड़ियों का उत्सव—पास था. मसीह येशु के भाइयों ने उनसे कहा, “यहूदिया चले जाओ जिससे तुम्हारे चेले तुम्हारे इन कामों को देख सकें; ख्याति चाहनेवाला व्यक्ति अपने काम गुप्त में नहीं करता. जब तुम ये काम करते ही हो तो स्वयं को संसार पर प्रकट कर दो.” मसीह येशु के भाइयों तक को उन में विश्वास नहीं था.

इस पर मसीह येशु ने उनसे कहा, “तुम्हारा सही समय तो कभी भी आ सकता है किन्तु मेरा सही समय अभी नहीं आया. संसार तुमसे घृणा नहीं कर सकता—वह मुझसे घृणा करता है क्योंकि मैं यह प्रकट करता हूँ कि उसके काम बुरे हैं. तुम पर्व में जाओ. मैं अभी नहीं जाऊँगा क्योंकि मेरा समय अभी नहीं आया है.” यह कह कर मसीह येशु गलील प्रदेश में ही ठहरे रहे.

मन्दिर में मसीह येशु का निर्भीक प्रचार

10 अपने भाइयों के झोपड़ियों के उत्सव में चले जाने के बाद वह भी गुप्त रूप से वहाँ गए. 11 उत्सव में कुछ यहूदी मसीह येशु को खोजते हुए पूछताछ कर रहे थे, “कहाँ है वह?” 12 यद्यपि मसीह येशु के विषय में लोगों में बड़ा विवाद हो रहा था—कुछ कह रहे थे, “वह भला व्यक्ति है”.

और कुछ का कहना था, “नहीं, वह भरमानेवाला है—सब के साथ छल करता है” 13 —तौभी कोई भी व्यक्ति यहूदियों के भय के कारण मसीह येशु के विषय में खुल कर बात नहीं करता था.

Saral Hindi Bible (SHB)

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