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Book of Common Prayer

Daily Old and New Testament readings based on the Book of Common Prayer.
Duration: 861 days
Saral Hindi Bible (SHB)
Version
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प्रेरित 1:15-26

यहूदाह के स्थान पर मत्तियाह की नियुक्ति

15 तब एक दिन, जब लगभग एक सौ बीस विश्वासी इकट्ठा थे, पेतरॉस उनके बीच खड़े होकर कहने लगे, 16 “प्रियजन, मसीह येशु को पकड़वाने के लिए अगुवा यहूदाह, के विषय में दाविद के माध्यम से पवित्रात्मा के द्वारा कहा गया पवित्रशास्त्र का वचन पूरा होना ज़रूरी था. 17 वह हम में से एक तथा सेवा के कार्य में सहभागी था.” 18 अधर्म की कमाई से उसने भूमि मोल ली. वहाँ वह सिर के बल ऐसा गिरा कि उसका पेट फट गया तथा उसकी सारी आंतें बाहर बिखर गईं. 19 सारे येरूशालेम में यह समाचार फैल गया. यही कारण है कि वह भूमि अब उन्हीं की भाषा में हकलदमा अर्थात् लहू-भूमि के नाम से बदनाम हो गई है.

20 “भजन में वर्णन है:

“‘उसकी भूमि उजाड़ हो जाए;
    तथा उसमें कोई बसने न पाए,’

तथा यह भी,

“‘कोई अन्य उसका पद ले ले.’

21 इसलिए यह ज़रूरी है कि एक ऐसे व्यक्ति को चुना जाए, जो प्रभु मसीह येशु के कार्यों के सारे समय का गवाह है. 22 मसीह येशु को योहन द्वारा बपतिस्मा दिए जाने से लेकर उनके स्वर्ग में स्वीकार किए जाने तक—यह व्यक्ति हमारे साथ मसीह येशु के पुनरुत्थान का गवाह बने.”

23 इसलिए दो नाम सुझाए गए: योसेफ़ जिसे बारसब्बास के नाम से जाना जाता है, जिसका उपनाम था जस्तुस तथा दूसरा व्यक्ति मत्तियाह. 24 तब उन्होंने यह प्रार्थना की, “हे मनों को जाँचने वाले प्रभु, हम पर यह साफ़ कीजिए कि इन दोनों में से आपने किसे चुना है 25 कि वह इस सेवा के कार्य और प्रेरितों की वह खाली जगह ले, जिससे मुक्त होकर यहूदाह अपने ठहराए हुए स्थान पर चला गया.” 26 तब उन्होंने चिट डालें और मत मत्तियाह के पक्ष में पड़े, इसलिए वह ग्यारह प्रेरितों में सम्मिलित कर लिया गया.

मत्तियाह 27:55-66

55 अनेक स्त्रियाँ दूर खड़ी हुई यह सब देख रही थीं. वे गलील प्रदेश से येशु की सेवा करती हुई उनके पीछे-पीछे आ गई थीं. 56 उनमें थीं मगदालावासी मिरियम, याक़ोब और योसेफ़ की माता मिरियम तथा ज़ेबेदियॉस की पत्नी.

येशु को क़ब्र में रखा जाना

(मारक 15:42-47; लूकॉ 23:50-56; योहन 19:38-42)

57 जब सन्ध्या हुई तब अरिमथिया नामक नगर के एक सम्पन्न व्यक्ति, जिनका नाम योसेफ़ था, वहाँ आए. वह स्वयं येशु के चेले बन गए थे. 58 उन्होंने पिलातॉस के पास जा कर येशु के शव को ले जाने की आज्ञा माँगी. पिलातॉस ने उन्हें शव ले जाने की आज्ञा दे दी. 59 योसेफ़ ने शव को एक स्वच्छ चादर में लपेटा 60 और उसे नई कन्दरा-क़ब्र में रख दिया, जो योसेफ़ ने स्वयं अपने लिए चट्टान में खुदवाई थी. उन्होंने क़ब्र के द्वार पर एक विशाल पत्थर लुढ़का दिया और तब वह अपने घर चले गए. 61 मगदालावासी मरियम तथा अन्य मरियम, दोनों ही कन्दरा-क़ब्र के सामने बैठी रहीं.

येशु की क़ब्र पर प्रहरियों की नियुक्ति

62 दूसरे दिन, जो तैयारी के दिन के बाद का दिन था, प्रधान याजक तथा फ़रीसी पिलातॉस के यहाँ इकट्ठा हुए और पिलातॉस को सूचित किया, 63 “महोदय, हमको यह याद है कि जब यह छली जीवित था, उसने कहा था, ‘तीन दिन बाद मैं जीवित हो जाऊँगा’; 64 इसलिए तीसरे दिन तक के लिए कन्दरा-क़ब्र पर कड़ी सुरक्षा की आज्ञा दे दीजिए, अन्यथा सम्भव है उसके शिष्य आ कर शव चुरा ले जाएँ और लोगों में यह प्रचार कर दें, ‘वह मरे हुओं में से जीवित हो गया है’; तब तो यह छल पहले से कहीं अधिक हानिकर सिद्ध होगा.”

65 पिलातॉस ने उनसे कहा, “प्रहरी तो आपके पास हैं न! आप जैसा उचित समझें करें.” 66 अतः उन्होंने जा कर प्रहरी नियुक्त कर तथा पत्थर पर मोहर लगा कर क़ब्र को पूरी तरह सुरक्षित बना दिया.

Saral Hindi Bible (SHB)

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