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Book of Common Prayer

Daily Old and New Testament readings based on the Book of Common Prayer.
Duration: 861 days
Saral Hindi Bible (SHB)
Version
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मारक 1:14-20

प्रचार का प्रारम्भ गलील प्रदेश से

(मत्ति 4:12-17; लूकॉ 4:14-15; योहन 4:43-45)

14 योहन के बन्दी बना लिए जाने के बाद येशु, परमेश्वर के सुसमाचार का प्रचार करते हुए गलील प्रदेश आए. 15 उनका सन्देश था, “समय पूरा हो चुका है, परमेश्वर का राज्य पास आ गया है. मन फिराओ तथा सुसमाचार में विश्वास करो.”

पहिले चार शिष्यों का बुलाया जाना

(मत्ति 4:18-22)

16 गलील झील के पास से जाते हुए मसीह येशु ने शिमोन तथा उनके भाई आन्द्रेयास को देखा, जो झील में जाल डाल रहे थे. वे मछुवारे थे. 17 मसीह येशु ने उनसे कहा, “मेरे पीछे आओ. मैं तुम्हें मनुष्यों के मछुवारे बनाऊँगा.” 18 अपने जाल वहीं छोड़ वे तुरन्त उनके साथ चल दिए.

19 आगे जाने पर उन्होंने ज़ेबेदियॉस के पुत्र याक़ोब तथा उनके भाई योहन को देखा. वे भी नाव में थे और अपने जाल सुधार रहे थे. 20 उन्हें देखते ही मसीह येशु ने उनको बुलाया. वे अपने पिता ज़ेबेदियॉस को मज़दूरों के साथ नाव में ही छोड़ कर उनके साथ चल दिए.

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मत्तियाह 10:16-32

16 “याद रखो कि मैं तुम्हें इस प्रकार भेज रहा हूँ मानो भेड़ियों के समूह में भेड़. इसलिए ज़रूरी है कि तुम साँप जैसे चालाक तथा कबूतर जैसे भोले बनो. 17 सहजातियों से सावधान रहना क्योंकि वे ही तुम्हें पकड़ कर स्थानीय न्यायालय को सौंप देंगे. उनके यहूदी-सभागृहों में तुम्हें कोड़े लगाए जाएँगे. 18 यहाँ तक कि मेरे कारण मेरे गवाह के रूप में तुम्हें राज्यपालों और शासकों के सामने प्रस्तुत किया जाएगा. 19 जब तुम पकड़वाए जाओ तो यह चिन्ता न करना कि तुम्हें कैसे या क्या कहना होगा—सही शब्द तुम्हें उसी समय प्रदान किए जाएँगे 20 —क्योंकि वहाँ तुम नहीं परन्तु तुम्हारे स्वर्गीय पिता का आत्मा तुम्हारे द्वारा शब्द देगा.

21 “भाई अपने भाई को तथा पिता अपनी सन्तान को हत्या के लिए पकड़वाएगा. बालक अपने माता-पिता के विरुद्ध हो जाएँगे और उनकी हत्या का कारण बन जाएँगे. 22 मेरे नाम के कारण तुम सबकी घृणा के पात्र बन जाओगे किन्तु जो अन्त तक स्थिर रहेगा, वही उद्धार पाएगा. 23 जब वे तुम्हें एक नगर में यातना देने लगें तब दूसरे नगर को भाग जाना, क्योंकि सच्चाई यह है कि इस्राएल राष्ट्र के एक नगर से दूसरे नगर तक तुम्हारी यात्रा पूरी भी न होगी कि मनुष्य का पुत्र आ जाएगा.

24 “शिष्य अपने गुरु से श्रेष्ठ नहीं और न दास अपने स्वामी से. 25 शिष्य के पक्ष में यही काफी है कि वह अपने गुरु के तुल्य हो जाए तथा दास अपने स्वामी के. यदि उन्होंने परिवार के प्रधान को ही शैतान घोषित कर दिया तो उस परिवार के सदस्यों को क्या कुछ न कहा जाएगा!

26 “इसलिए उनसे भयभीत न होना क्योंकि ऐसा कुछ भी छुपा नहीं, जिसे खोला न जाएगा या ऐसा कोई रहस्य नहीं, जिसे प्रकट न किया जाएगा. 27 मैं जो कुछ तुम पर अन्धकार में प्रकट कर रहा हूँ, उसे प्रकाश में स्पष्ट करो और जो कुछ तुमसे कान में कहा गया है, उसकी घोषणा हर जगह करो. 28 उनसे भयभीत न हो, जो शरीर को तो नाश कर सकते हैं किन्तु आत्मा को नाश करने में असमर्थ हैं. सही तो यह है कि भयभीत उनसे हो, जो आत्मा और शरीर दोनों को नर्क में नाश करने में समर्थ हैं. 29 क्या दो गौरैयाँ बहुत सस्ती नहीं बिकतीं? फिर भी ऐसा नहीं कि यदि उनमें से एक भी भूमि पर गिर जाए और तुम्हारे पिता को उसके विषय में मालूम न हो. 30 तुम्हारे सिर का तो एक-एक बाल गिना हुआ है. 31 इसलिए भयभीत न हो. तुम्हारा दाम अनेक गौरैयों से कहीं अधिक है.

32 “जो कोई मुझे मनुष्यों के सामने स्वीकार करता है, मैं भी उसे अपने स्वर्गीय पिता के सामने स्वीकार करूँगा

Saral Hindi Bible (SHB)

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