Print Page Options
Previous Prev Day Next DayNext

Book of Common Prayer

Daily Old and New Testament readings based on the Book of Common Prayer.
Duration: 861 days
Saral Hindi Bible (SHB)
Version
Error: 'भजन संहिता 63 ' not found for the version: Saral Hindi Bible
Error: 'भजन संहिता 98 ' not found for the version: Saral Hindi Bible
Error: 'भजन संहिता 103 ' not found for the version: Saral Hindi Bible
Error: 'यहोशू 6:15-27' not found for the version: Saral Hindi Bible
प्रेरित 22:30-23:11

महासभा के सामने पौलॉस की पेशी

30 अगले दिन सच्चाई मालूम करने की इच्छा में कि पौलॉस पर यहूदियों द्वारा आरोप क्यों लगाए गए, सेनापति ने उन्हें रिहा कर दिया, प्रधान पुरोहितों तथा महासभा को इकट्ठा होने की आज्ञा दी और पौलॉस को लाकर उनके सामने पेश किया.

23 महासभा की ओर ध्यान से देखते हुए पौलॉस ने कहना शुरु किया, “प्रियजन, परमेश्वर के सामने मेरा जीवन आज तक पूरी तरह सच्चे विवेक सा रहा है.” इस पर महायाजक हननयाह ने पौलॉस के पास खड़े हुओं को पौलॉस के मुख पर वार करने की आज्ञा दी. स्वयं पौलॉस ही बोल उठे, “अरे ओ सफेदी पुती दीवार, तुम पर ही परमेश्वर का वार होने पर है! तुम तो यहाँ व्यवस्था की विधियों के अनुसार न्याय करने बैठे हो, फिर भी मुझ पर वार करने की आज्ञा दे कर स्वयं व्यवस्था भंग कर रहे हो?”

वे, जो पौलॉस के पास खड़े थे कहने लगे, “तुम तो परमेश्वर के महायाजक का तिरस्कार करने का दुस्साहस कर बैठे हो!”

पौलॉस ने उत्तर दिया, “भाइयो, मुझे यह मालूम ही न था कि यह महायाजक हैं पवित्रशास्त्र का लेख है: अपनी प्रजा के राजा के लिए कोई बुरे शब्द न कहना.”

तब यह मालूम होने पर कि वहाँ कुछ सदूकी और कुछ फ़रीसी भी उपस्थित हैं, पौलॉस महासभा के सामने ऊँचे शब्द में कहने लगे, “प्रियजन, मैं फ़रीसी हूँ—फ़रीसियों की सन्तान हूँ. मुझ पर यहाँ, मरे हुओं की आशा और उनके पुनरुत्थान में मेरी मान्यता के कारण मुकद्दमा चलाया जा रहा है.” जैसे ही उन्होंने यह कहा, फ़रीसियों तथा सदूकियों के बीच विवाद छिड़ गया और सारी सभा में फूट पड़ गई, क्योंकि सदूकियों का विश्वास है कि न तो मरे हुओं का पुनरुत्थान होता है, न स्वर्गदूतों का अस्तित्व होता है और न आत्मा का. किन्तु फ़रीसी इन सबमें विश्वास करते हैं.

वहाँ बड़ा कोलाहल शुरु हो गया. फ़रीसियों की ओर से कुछ शास्त्रियों ने खड़े हो कर झगड़ते हुए कहा, “हमारी दृष्टि में यह व्यक्ति निर्दोष है. सम्भव है किसी आत्मा या स्वयं स्वर्गदूत ही ने उससे बातें की हों.” 10 जब वहाँ कोलाहल बढ़ने लगा, सेनापति इस आशंका से घबरा गया कि लोग पौलॉस के चिथड़े न उड़ा दें. इसलिए उसने सेना को आज्ञा दी कि पौलॉस को जबरन वहाँ से सेना गढ़ में ले जाया जाए.

11 उसी रात में प्रभु ने पौलॉस के पास आ कर कहा, “साहस रखो. जिस सच्चाई में तुमने मेरे विषय में येरूशालेम में गवाही दी है, वैसी ही गवाही तुम्हें रोम में भी देनी है.”

मारक 2:1-12

लकवे के रोगी को स्वास्थ्यदान

(मत्ति 9:2-8; लूकॉस 5:17-26)

कुछ दिन बाद मसीह येशु के कफ़रनहूम नगर लौटने पर वहाँ यह समाचार फैल गया कि वह लौट आए हैं. वहाँ इतनी विशाल भीड़ इकट्ठा हो गई कि कहीं कोई स्थान शेष न रहा—यहाँ तक कि द्वार के सामने भी नहीं और मसीह येशु पवित्रशास्त्र से शिक्षा दे रहे थे. कुछ लोग एक लकवे के रोगी को उनके पास लाए, जिसे चार व्यक्तियों ने उठाया हुआ था. भीड़ के कारण वे मसीह येशु के पास पहुँचने में असमर्थ थे, इसलिए उन्होंने जहाँ मसीह येशु थे, वहाँ की कच्ची छत को हटा कर वहाँ से उस रोगी को बिछौने सहित नीचे उतार दिया. उनके इस विश्वास को देख मसीह येशु ने लकवे के रोगी से कहा, “पुत्र, तुम्हारे पाप क्षमा हो चुके हैं.”

वहाँ मौज़ूद कुछ शास्त्री अपने मन में यह विचार करने लगे, “यह व्यक्ति ऐसा क्यों कह रहा है? यह तो परमेश्वर-निन्दा कर रहा है! परमेश्वर के अतिरिक्त कौन पापों को क्षमा कर सकता है?” मसीह येशु को अपनी आत्मा में उसी क्षण यह मालूम हो गया कि वे इस प्रकार सोच विचार कर रहे हैं. मसीह येशु ने उन्हें ही सम्बोधित करते हुए प्रश्न किया, “आप अपने मन में इस प्रकार सोच विचार क्यों कर रहे हैं? लकवे के रोगी से क्या कहना सरल है, ‘तुम्हारे पाप क्षमा हुए’ या यह, ‘उठो! अपना बिछौना उठाकर चले जाओ’? 10 किन्तु मेरे ऐसा कहने का मतलब यह है कि तुम्हें यह मालूम हो जाए कि पृथ्वी पर मनुष्य के पुत्र को पाप-क्षमा का अधिकार है.” तब मसीह येशु ने लकवे के रोगी को आज्ञा दी, 11 “मैं तुमसे कहता हूँ: उठो! अपना बिछौना समेटो और अपने घर चले जाओ.” 12 वह उठा और तत्काल अपना बिछौना समेट कर उन सब के देखते-देखते वहाँ से चला गया. इस पर वे सभी चकित रह गए तथा परमेश्वर की वन्दना करते हुए कहने लगे, “ऐसा हमने कभी नहीं देखा.”

Saral Hindi Bible (SHB)

New Testament, Saral Hindi Bible (नए करार, सरल हिन्दी बाइबल) Copyright © 1978, 2009, 2016 by Biblica, Inc.® All rights reserved worldwide.