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Book of Common Prayer

Daily Old and New Testament readings based on the Book of Common Prayer.
Duration: 861 days
Saral Hindi Bible (SHB)
Version
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प्रेरित 21:3-15

हमें बायीं ओर कुप्रोस द्वीप दिखाई दिया. हम उसे छोड़ कर सीरिया प्रदेश की ओर बढ़ते गए और त्सोर नगर जा पहुँचे क्योंकि वहाँ जलयान से सामान उतारा जाना था. वहाँ हमने शिष्यों का पता लगाया और उनके साथ सात दिन रहे. पवित्रात्मा के माध्यम से वे बार-बार पौलॉस से येरूशालेम न जाने की विनती करते रहे. जब वहाँ से हमारे जाने का समय आया, वे परिवार के साथ हमें विदा करने नगर सीमा तक आए. समुद्र तट पर हमने घुटने टेक कर प्रार्थना की और एक दूसरे से विदा ली. हम जलयान में सवार हो गए और वे सब अपने-अपने घर लौट गए.

त्सोर नगर से शुरु की गई यात्रा पूरी कर हम तोलेमाई नगर पहुँचे. स्थानीय शिष्यों से भेंट कर हम एक दिन वहीं रुक गए. अगले दिन यात्रा करते हुए हम कयसरिया आए और प्रचारक फ़िलिप्पॉस के घर गए, जो उन सात दीकनों में से एक थे. हम उन्हीं के घर में ठहरे. उनकी चार कुँवारी पुत्रियां थीं, जो भविष्यवाणी किया करती थीं. 10 जब हमें, वहाँ रहते हुए कुछ दिन हो गए, वहाँ अगाबुस नामक एक भविष्यद्वक्ता आए, जो यहूदिया प्रदेश के थे. 11 वह जब हमसे भेंट करने आए, उन्होंने पौलॉस का पटुका लेकर उससे अपने हाथ-पैर बान्धते हुए कहा, “पवित्रात्मा का कहना है, ‘येरूशालेम के यहूदी उस व्यक्ति को इसी रीति से बाँधेंगे जिसका यह पटुका है और उसे अन्यजातियों के हाथों में सौंप देंगे.’” 12 यह सुनकर स्थानीय शिष्यों और हमने भी पौलॉस से येरूशालेम न जाने की विनती की. 13 पौलॉस ने उत्तर दिया, “इस प्रकार रो-रोकर मेरा हृदय क्यों तोड़ रहे हो? मैं येरूशालेम में न केवल बन्दी बनाए जाने परन्तु प्रभु मसीह येशु के लिए मार डाले जाने के लिए भी तैयार हूँ.” 14 इसलिए जब उन्हें मनाना असम्भव हो गया, हम शान्त हो गए. हम केवल यही कह पाए, “प्रभु ही की इच्छा पूरी हो!”

पौलॉस येरूशालेम में

15 कुछ दिन बाद हमने तैयारी की और येरूशालेम के लिए चल दिए.

मारक 1:21-27

मसीह येशु की अधिकार भरी शिक्षा

(लूकॉ 4:31-37)

21 वे सब कफ़रनहूम नगर आए. शब्बाथ पर मसीह येशु स्थानीय यहूदी सभागृह में जाकर शिक्षा देने लगे. 22 लोग उनकी शिक्षा से आश्चर्यचकित रह गए क्योंकि वह शास्त्रियों के समान नहीं परन्तु इस प्रकार शिक्षा दे रहे थे कि उन्हें इसका अधिकार है. 23 उसी समय सभागृह में एक व्यक्ति, जो दुष्टात्मा से पीड़ित था, चिल्ला उठा, 24 “नाज़रेथवासी येशु! क्या चाहते हैं आप? क्या आप हमें नाश करने आए हैं? मैं जानता हूँ कि आप कौन हैं: परमेश्वर के पवित्र जन!”

25 “चुप!” उसे फटकारते हुए मसीह येशु ने कहा, “बाहर निकल जा इसमें से!” 26 उस व्यक्ति को मरोड़ते हुए वह प्रेत ऊँचे शब्द में चिल्लाता हुआ उसमें से बाहर निकल गया.

27 सभी हैरान रह गए. वे आपस में विचार करने लगे, “यह सब क्या हो रहा है? यह अधिकारपूर्वक शिक्षा देते हैं और अशुद्ध आत्मा तक को आज्ञा देते है और वे उनका पालन भी करती हैं!”

Saral Hindi Bible (SHB)

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