Print Page Options
Previous Prev Day Next DayNext

Book of Common Prayer

Daily Old and New Testament readings based on the Book of Common Prayer.
Duration: 861 days
Saral Hindi Bible (SHB)
Version
Error: 'भजन संहिता 20-21' not found for the version: Saral Hindi Bible
Error: 'भजन संहिता 110 ' not found for the version: Saral Hindi Bible
Error: 'भजन संहिता 116-117' not found for the version: Saral Hindi Bible
Error: 'व्यवस्था विवरण 34 ' not found for the version: Saral Hindi Bible
रोमियों 10:14-21

अपनी रक्षा में इस्राएल की असमर्थता

14 वे भला उन्हें कैसे पुकारेंगे जिनमें उन्होंने विश्वास ही नहीं किया? वे भला उनमें विश्वास कैसे करेंगे, जिन्हें उन्होंने सुना ही नहीं? और वे भला सुनेंगे कैसे यदि उनकी उद्घोषणा करने वाला नहीं? 15 और प्रचारक प्रचार कैसे कर सकेंगे यदि उन्हें भेजा ही नहीं गया? जैसा कि पवित्रशास्त्र का लेख है: कैसे सुहावने हैं वे चरण जिनके द्वारा अच्छी बातों का सुसमाचार लाया जाता है!

16 फिर भी सभी ने ईश्वरीय सुसमाचार पर ध्यान नहीं दिया. भविष्यद्वक्ता यशायाह का लेख है: प्रभु! किसने विश्वास किया है हमारे प्रतिवेदन पर? 17 इसलिए स्पष्ट है कि विश्वास की उत्पत्ति होती है सुनने के माध्यम से तथा सुनना मसीह के वचन के माध्यम से. 18 किन्तु अब प्रश्न यह है: क्या उन्होंने सुना नहीं? निस्सन्देह उन्होंने सुना है:

उनका शब्द सारी पृथ्वी में तथा,
    उनका सन्देश पृथ्वी के छोर तक पहुँच चुका है.

19 मेरा प्रश्न है, क्या इस्राएली इसे समझ सके? पहिले मोशेह ने कहा:

मैं एक ऐसे राष्ट्र के द्वारा तुममें जलनभाव उत्पन्न करूँगा,
    जो राष्ट्र है ही नहीं.
    मैं तुम्हें एक ऐसे राष्ट्र के द्वारा क्रोधित करूँगा, जिसमें समझ है ही नहीं.

20 इसके बाद भविष्यद्वक्ता यशायाह निडरतापूर्वक कहते हैं:

मुझे तो उन्होंने पा लिया, जो मुझे खोज भी नहीं रहे थे तथा मैं उन पर प्रकट हो गया,
    जिन्होंने इसकी कामना भी नहीं की थी.

21 इस्राएल के विषय में परमेश्वर का कथन है:

मैं आज्ञा न माननेवाली और
    हठीली प्रजा के सामने पूरे दिन हाथ पसारे रहा.

मत्तियाह 24:32-51

प्रभु येशु के दोबारा आने के समय के विषय में संकेत

32 “अंजीर के पेड़ से शिक्षा लो: जब उसमें कोंपलें फूटने लगती हैं, पत्तियाँ निकलने लगती हैं तो तुम जान लेते हो कि गर्मी का समय पास है. 33 इसी प्रकार तुम जब भी इन सभी घटनाओं को होते देखो तो समझ लेना कि वह पास हैं—परन्तु द्वार पर ही हैं. 34 सच्चाई तो यह है कि इन घटनाओं के हुए बिना इस युग का अन्त नहीं होगा. 35 आकाश तथा पृथ्वी खत्म हो जाएँगे किन्तु मेरे कहे हुए शब्द कभी नहीं. 36 वैसे उस दिन तथा उस समय के विषय में किसी को भी मालूम नहीं है—न स्वर्गदूतों को और न ही पुत्र को—परन्तु मात्र पिता को ही यह मालूम है.”[a]

सावधान रहने की आज्ञा

(मारक 13:32-37; लूकॉ 21:34-38)

37 “ठीक नोहा के दिनों जैसा होगा मनुष्य के पुत्र का आगमन: 38 जल-बाढ़ के पहले उन दिनों में लोग तब तक खाते-पीते रहे और उनमें विवाह होते रहे जब तक नोहा ने समुद्री जहाज़ में प्रवेश न किया. 39 लोग तब तक कुछ न समझे जब तक बाढ़ ने आ कर उन्हें डुबो न दिया. ऐसा ही होगा मनुष्य के पुत्र का आगमन.

40 “उस समय दो व्यक्ति खेत में कार्य कर रहे होंगे; एक उठा लिया जाएगा, दूसरा रह जाएगा. 41 दो स्त्रियाँ चक्की पर अनाज पीस रही होंगी; एक उठा ली जाएगी, दूसरी रह जाएगी.

42 “इसलिए हमेशा सावधान रहो क्योंकि तुम यह नहीं जानते कि तुम्हारे प्रभु का आगमन किस दिन होगा. 43 याद रखो कि यदि घर के स्वामी को यह पता हो कि चोर रात में किस समय आएगा तो वह सावधान हो जाएगा तथा घर में सेन्ध लगने न देगा. 44 तुम्हारा भी इसी प्रकार सावधान रहना ज़रूरी है क्योंकि मनुष्य के पुत्र का आगमन ऐसे समय पर होगा जिसकी तुम कल्पना तक नहीं कर सकते.”

विवेकशील प्रबन्धक का दृष्टान्त

45 “कौन है वह विश्वासयोग्य और समझदार सेवक, जिसे घर का मालिक अपने परिवार की ज़िम्मेदारी सौंप दे कि वह समय के अनुसार सबके लिए भोजन-व्यवस्था करे? 46 धन्य है वह सेवक, जिसे घर का स्वामी लौटने पर यही करते हुए पाए. 47 सच्चाई तो यह है कि घर का स्वामी उस सेवक के हाथों में अपनी सारी सम्पत्ति की ज़िम्मेदारी सौंप देगा. 48 किन्तु यदि वह सेवक बुरा हो और अपने मन में यह विचार करने लगे: ‘स्वामी के लौटने में तो बड़ी देरी हो रही है’ 49 और वह सहसेवकों के साथ मार-पीट आरम्भ कर दे, पियक्कड़ों की संगति में जा कर खाए-पिए और 50 घर का स्वामी ऐसे दिन लौट आए, जिस दिन की उस सेवक ने आशा भी न की हो—ऐसे समय पर जिसके विषय में उसे कोई ज्ञान न हो, 51 —तो स्वामी उसके टुकड़े-टुकड़े कर उसे उस स्थान पर फेंक देगा, जो कपट करने वालों के लिए निर्धारित है: जहाँ हमेशा रोना तथा दाँत पीसना होता रहेगा.”

Saral Hindi Bible (SHB)

New Testament, Saral Hindi Bible (नए करार, सरल हिन्दी बाइबल) Copyright © 1978, 2009, 2016 by Biblica, Inc.® All rights reserved worldwide.