Print Page Options
Previous Prev Day Next DayNext

Book of Common Prayer

Daily Old and New Testament readings based on the Book of Common Prayer.
Duration: 861 days
Saral Hindi Bible (SHB)
Version
Error: 'भजन संहिता 93 ' not found for the version: Saral Hindi Bible
Error: 'भजन संहिता 96 ' not found for the version: Saral Hindi Bible
Error: 'भजन संहिता 34 ' not found for the version: Saral Hindi Bible
Error: Book name not found: Sir for the version: Saral Hindi Bible
प्रकाशन 15

मोशेह तथा मेमने का गीत

15 तब मैंने स्वर्ग में एक अद्भुत और आश्चर्यजनक दृश्य देखा: सात स्वर्गदूत सात अन्तिम विपत्तियाँ लिए हुए थे—अन्तिम इसलिए कि इनके साथ परमेश्वर के क्रोध का अन्त हो जाता है. तब मुझे ऐसा अहसास हुआ मानो मैं एक काँच की झील को देख रहा हूँ, जिसमें आग मिला दी गई हो. मैंने इस झील के तट पर उन्हें खड़े हुए देखा, जिन्होंने उस हिंसक पशु, उसकी मूर्ति तथा उसके नाम की संख्या पर विजय प्राप्त की थी. इनके हाथों में परमेश्वर द्वारा दी हुई वीणा थीं. वे परमेश्वर के दास मोशेह तथा मेमने का गीत गा रहे थे:

“अद्भुत और असाधारण काम हैं आपके,
    याहवेह सर्वशक्तिमान परमेश्वर!
    धर्मी और सच्चे हैं उद्धेश्य आपके,
    राष्ट्रों के राजन!
कौन है,
    प्रभु, जिसमें आपके प्रति श्रद्धा न होगी,
कौन है, जो आपकी महिमा न करेगा?
    मात्र आप ही हैं पवित्र.
सभी राष्ट्र आकर आपका धन्यवाद करेंगे क्योंकि आपके न्याय के कार्य प्रकट हो चुके हैं.”
सात विपत्तियां लिए हुए सात स्वर्गदूत.

इसके बाद मैंने देखा कि स्वर्ग में मन्दिर, जो साक्ष्यों का तम्बू है, खोल दिया गया. मन्दिर में से वे सातों स्वर्गदूत, जो सात विपत्तियाँ लिए हुए थे, बाहर निकले. वे मलमल के स्वच्छ-उज्ज्वल वस्त्र धारण किए हुए थे तथा उनकी छाती पर सोने की कमरबन्द थी. तब चार जीवित प्राणियों में से एक ने उन सात स्वर्गदूतों को सनातन परमेश्वर के क्रोध से भरे सात सोने के कटोरे दे दिए. मन्दिर परमेश्वर की आभा तथा सामर्थ्य के धुएँ से भर गया और उस समय तक मन्दिर में कोई भी प्रवेश न कर सका, जब तक उन सातों स्वर्गदूतों द्वारा उण्डेली गई सातों विपत्तियाँ समाप्त न हो गईं.

मत्तियाह 18:1-14

सबसे बड़ा कौन

(मारक 9:33-37; लूकॉ 9:46-48)

18 तब शिष्यों ने येशु के पास आ कर उनसे पूछा, “स्वर्ग-राज्य में सबसे बड़ा कौन है?” येशु ने एक बालक को पास बुला कर उसे उनके सामने खड़ा करते हुए कहा, मैं तुम्हें एक सच्चाई बताना चाहता हूँ: “जब तक तुम बदल कर बालक के समान न हो जाओ, तुम्हारा प्रवेश स्वर्ग-राज्य में किसी प्रकार न होगा. जो कोई स्वयं को इस बालक के समान विनम्र कर लेगा, वही स्वर्ग-राज्य में सबसे बड़ा है; और जो कोई ऐसे बालक को मेरे नाम में ग्रहण करता है, मुझे ग्रहण करता है.

अन्यों को दिशा से भटकाने के विषय में

“इसके विपरीत जो कोई इन बालकों के लिए, जो मुझमें विश्वास करते हैं, ठोकर का कारण बनता है, उसके लिए सही यही होगा कि उसके गले में चक्की का पाट लटका कर उसे समुद्र की गहराई में डुबो दिया जाए.

“ठोकर के कारकों के लिए धिक्कार है संसार पर! ठोकरों का होना तो निश्चित है किन्तु धिक्कार है उस व्यक्ति पर जिसके कारण ठोकर लगती है!

“यदि तुम्हारा हाथ या तुम्हारा पांव तुम्हारे लिए ठोकर लगने का कारण बनता है तो उसे काट कर फेंक दो. तुम्हारे लिए भला यही होगा कि तुम एक अपंग या लँगड़े के रूप में जीवन में प्रवेश करो—बजाय इसके कि तुम दोनों हाथ और दोनों पाँवों के साथ अनन्त आग में झोंके जाओ. यदि तुम्हारी आँख के कारण तुम्हें ठोकर लगे तो उसे निकाल फेंको. तुम्हारे लिए भला यही होगा कि तुम मात्र एक आँख के साथ जीवन में प्रवेश करो बजाय इसके कि तुम्हारी दोनों आँख हों और तुम नर्क की आग में फेंके जाओ.

अन्यों को तुच्छ समझने के विषय में चेतावनी

10 “ध्यान रखो कि तुम इन छोटों में से किसी को तुच्छ दृष्टि से न देखो. मैं तुम्हें बताना चाहता हूँ कि स्वर्ग में इनके स्वर्गदूत इनके लिए मेरे पिता के सामने विनती करने के उद्देश्य से हमेशा उपस्थित रहते हैं. 11 मानव-पुत्र खोए हुओं को बचाने के उद्देश्य से ही आया है.[a]

12 “क्या विचार है तुम्हारा? यदि किसी व्यक्ति के पास सौ भेड़ें हों और उनमें से एक भटक जाए तो क्या वह निन्यानवे को वहीं पहाड़ियों पर छोड़ उसको खोजने न निकलेगा, जो भटक गई है? 13 तब सच तो यह है कि यदि वह उसे खोज लेता है, तो वह उन निन्यानवे की बजाय, जो भटकी नहीं थीं, उस एक के लिए कहीं अधिक उल्लसित होता है, जो भटक गई थी. 14 इसलिए तुम्हारे स्वर्गीय पिता नहीं चाहते कि इन छोटों में से एक भी छोटा नाश हो.

Saral Hindi Bible (SHB)

New Testament, Saral Hindi Bible (नए करार, सरल हिन्दी बाइबल) Copyright © 1978, 2009, 2016 by Biblica, Inc.® All rights reserved worldwide.