Book of Common Prayer
13 परमेसर के बचन म ए लिखे हवय, “मेंह बिसवास करेंव; एकरसेति मेंह गोठियाएंव।” बिसवास के ओहीच आतमा के संग हमन घलो बिसवास करथन अऊ एकरसेति हमन गोठियाथन। 14 हमन जानथन कि परमेसर जऊन ह परभू यीसू ला मरे म ले जियाईस; ओह हमन ला घलो यीसू के संग जियाही अऊ तुम्हर संग हमन ला अपन आघू म लानही। 15 ए जम्मो ह तुम्हर फायदा बर ए, ताकि जऊन अनुग्रह ह जादा से जादा मनखेमन करा पहुंचत हवय, ओ अनुग्रह के कारन मनखेमन परमेसर के महिमा बर अऊ जादा धनबाद देवंय।
16 एकरसेति, हमन हिम्मत नइं हारन। हालाकि हमर देहें ह धीरे-धीरे कमजोर होवत जावत हवय, पर आतमिक रूप ले दिन ब दिन हमन नवां होवत जावत हन। 17 काबरकि हमर ए छोटे अऊ पल भर के समस्या ह हमर बर एक अनंत महिमा लावत हवय, जऊन ह सदाकाल तक बने रहिही। 18 एकरसेति, हमन ओ चीज ऊपर धियान नइं देवन, जऊन ह दिखत हवय, पर हमन ओ चीज ऊपर धियान लगाथन, जऊन ह नइं दिखत हवय। काबरकि जऊन चीज ह दिखत हवय, ओह सिरिप कुछू समय बर अय, पर जऊन चीज ह नइं दिखय, ओह सदाकाल तक बने रहिथे।
स्वरग म हमर निवास
5 हमन जानथन कि ए संसारिक देहें जऊन म हमन रहिथन, जब नास करे जाही, तब परमेसर कोति ले हमन ला एक घर मिलही; अऊ एह स्वरग म सदाकाल के घर ए, जऊन ह मनखे के हांथ के बनाय नो हय। 2 इहां रहत हमन दुःख म कल्हरत हवन अऊ हमर स्वरगीय घर ला पाय के ईछा रखथन। 3 अऊ जब हमन ए घर म रहिबो, त हमन नंगरा नइं पाय जाबो। 4 ए देहें म रहे के दौरान, हमन कल्हरत रहिथन अऊ बोझ ले दबे रहिथन, काबरकि हमन बिगर कपड़ा पहिरे नइं रहे चाहन, पर हमन स्वरगीय घर ला पहिरे चाहथन, ताकि नासमान देहें ह सदाकाल के जीयत देहें म बदल दिये जावय। 5 ए उदेस्य खातिर जऊन ह हमन ला बनाय हवय, ओह खुद परमेसर ए अऊ ओह हमन ला सदाकाल के घर के गारंटी के रूप म पबितर आतमा दे हवय।
6 एकरसेति, हमन हमेसा भरोसा करथन अऊ जानथन कि जब तक हमन ए देहें म रहिथन, तब तक हमन परभू ले दूरिहा हवन। 7 अब हमन कोनो चीज ला देखके नइं, पर बिसवास के दुवारा चलथन। 8 हमन ला भरोसा हवय अऊ हमन ए देहें ले अलग होके परभू के संग रहई अऊ बढ़िया समझथन। 9 एकरसेति, चाहे हमन ए देहें म रहन या एकर ले अलग रहन, हमर उदेस्य ए अय कि हमन परभू ला खुस रखन। 10 काबरकि हमन जम्मो झन ला मसीह के नियाय आसन के आघू म जाना जरूरी ए, ताकि हर एक मनखे सरीर म रहत, जऊन काम करे हवय, चाहे भलई के काम होवय या बुरई के, ओला ओकर परतिफल मिलय।
एक धनी मनखे अऊ गरीब लाजर
19 “एक धनवान मनखे रिहिस, जऊन ह बहुंत मंहगा कपड़ा पहिरे अऊ हर दिन सुख-सुबिधा म जिनगी बितावय। 20 लाजर नांव के एक भिखमंगा घलो रिहिस, जेकर जम्मो देहें ह घाव ले भर गे रहय, अऊ ओह धनवान मनखे के दुवारी (गेट) म पड़े रहय, 21 अऊ ए आसा करय कि धनवान मनखे के बचे जूठा खाना ले अपन पेट भरय। अऊ त अऊ कुकुरमन आके ओकर घावमन ला चाटंय।
22 एक समय आईस, जब ओ भिखमंगा ह मर गीस अऊ स्वरगदूतमन ओला अब्राहम के गोद म पहुंचाईन। ओ धनवान मनखे घलो मर गीस अऊ ओला माटी दिये गीस। 23 मरे के बाद, ओह नरक म पीरा भोगत रहय, अऊ जब ओह अपन आंखी उठाके देखिस, त बहुंत दूरिहा (स्वरग) म अब्राहम अऊ ओकर गोदी म लाजर रहय। 24 अऊ ओह नरियाके कहिस, ‘हे ददा अब्राहम, मोर ऊपर दया कर अऊ लाजर ला मोर करा पठो दे कि ओह अपन अंगरी के टीप ला पानी म भिगोवय अऊ मोर जीभ ला ठंडा करय, काबरकि मेंह ए आगी म बहुंत पीरा भोगत हवंव।’
25 पर अब्राहम ह कहिस, ‘ए बेटा, सुरता कर कि तोला तोर जिनगी म जम्मो बने चीज मिले रिहिस, जबकि लाजर ला खराप चीज मिले रिहिस, पर अब ओह इहां सांति पावथे, अऊ तेंह दुःख भोगथस। 26 अऊ एकर अलावा, हमर अऊ तोर बीच म एक बहुंत गहिरा खंचवा बनाय गे हवय, ताकि जऊन मन इहां ले तोर करा जाना चाहंय घलो, त नइं जा सकंय अऊ न ही उहां ले हमर करा कोनो पार होके आ सकय।’
27 धनवान मनखे ह कहिस, ‘तब मेंह तोर ले बिनती करत हंव, ददा; लाजर ला मोर ददा के घर म पठो दे, 28 काबरकि मोर पांच झन भाई हवंय। ओह जाके ओमन ला चेतावय, ताकि ओमन पीरा भोगे के ए जगह म झन आवंय।’
29 पर अब्राहम ह कहिस, ‘ओमन करा मूसा अऊ अगमजानीमन के किताब हवय। ओमन ओ किताब म लिखे संदेस ला सुनंय।’
30 धनवान मनखे ह कहिस, ‘नइं, हे ददा अब्राहम, यदि मरे मनखे म ले कोनो उठके ओमन करा जावय, त ओमन अपन पाप के पछताप करहीं।’
31 पर अब्राहम ह ओला कहिस, ‘यदि ओमन मूसा अऊ अगमजानीमन के बात ला नइं सुनंय, त कहूं कोनो मरे म ले जी घलो उठय, तभो ले ओमन ओकर बात ला नइं मानहीं।’ ”
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