Book of Common Prayer
एक हजार साल
20 तब मेंह एक स्वरगदूत ला स्वरग ले उतरत देखेंव। ओह अपन हांथ म अथाह कुन्ड के कुची अऊ एक बड़े सांकर धरे रहय। 2 ओह ओ सांप सहीं पसु याने कि पुराना सांप ला पकड़िस, जऊन ह इबलीस या सैतान ए अऊ ओला एक हजार साल बर सांकर म बांध दीस। 3 स्वरगदूत ह ओला अथाह कुन्ड म डार दीस अऊ ओम ताला लगाके ओकर ऊपर मुहर लगा दीस, ताकि ओ पुराना सांप ह एक हजार साल के पूरा होवत तक, देसमन के मनखेमन ला बहकाय झन सकय। ओकर बाद, ए जरूरी अय कि ओला थोरकन समय बर छोंड़े जावय।
4 तब मेंह सिंघासनमन ला देखेंव, जऊन म ओ मनखेमन बईठे रहंय, जऊन मन ला नियाय करे के अधिकार देय गे रिहिस। मेंह ओ मनखेमन के आतमामन ला घलो देखेंव, जेमन के मुड़ी ला यीसू के गवाही देय के कारन अऊ परमेसर के बचन म बने रहे के कारन काट डारे गे रिहिस। ओमन पसु या ओकर मूरती के अराधना नइं करे रिहिन अऊ ओमन अपन माथा या अपन हांथ म ओकर छाप नइं लेय रिहिन। ओमन जी उठिन अऊ मसीह के संग म एक हजार साल तक राज करिन। 5 बाकि मरे मनखेमन एक हजार साल के पूरा होवत तक जी नइं उठिन। एह मरे मनखेमन के पहिली जी उठई अय। 6 धइन अऊ पबितर अंय ओ मनखेमन, जऊन मन ए पहिली जी उठई म भागीदार होथें। एमन ऊपर दूसरा मिरतू के कोनो अधिकार नइं रहय। एमन परमेसर अऊ मसीह के पुरोहित होहीं अऊ ओकर संग एक हजार साल तक राज करहीं।
यीसू ह अपन मिरतू के बारे म अगमबानी करथे
(मरकुस 8:31-33; लूका 9:22)
21 ओ समय ले यीसू ह अपन चेलामन ला ए बताय लगिस, “एह जरूरी अय कि मेंह यरूसलेम जावंव अऊ यहूदीमन के अगुवा, मुखिया पुरोहित अऊ कानून के गुरू मन के हांथ म ले बहुंते दुःख भोगंव; अऊ मार डारे जावंव; अऊ तीसरा दिन जी उठंव।”
22 पतरस ह यीसू ला अलग ले गीस अऊ ओला ए कहिके डांटे लगिस, “परमेसर ह अइसने झन करय, परभू! तोर संग ए बात कभू झन होवय।”
23 यीसू ह पतरस कोति मुड़ के कहिस, “मोर नजर ले दूर हट, सैतान! तेंह मोर रसता म एक बाधा अस। तोर मन म परमेसर के बात नइं, पर मनखेमन के बात हवय।”
24 तब यीसू ह अपन चेलामन ला कहिस, “यदि कोनो मोर चेला बने चाहत हवय, त ओह अपन-आप के इनकार करय, अऊ अपन कुरुस ला उठाके, मोर पाछू हो लेवय। 25 काबरकि जऊन ह अपन परान ला बचाय चाहथे, ओह ओला गंवाही; पर जऊन ह मोर खातिर अपन परान ला गंवाथे, ओह ओला बचाही। 26 यदि मनखे ह जम्मो संसार ला पा जाथे, पर अपन परान ला गंवा देथे, त ओला का फायदा? या मनखे ह अपन परान के बदले म का दे सकथे? 27 काबरकि मनखे के बेटा ह अपन स्वरगदूतमन के संग अपन ददा के महिमा म अवइया हवय, अऊ तब ओह हर एक मनखे ला ओकर काम के मुताबिक इनाम दिही। 28 मेंह तुमन ला सच कहत हंव कि जऊन मन इहां ठाढ़े हवंय, ओमन म कुछू झन अइसने हवंय कि ओमन तब तक नइं मरंय, जब तक कि ओमन मनखे के बेटा ला ओकर राज म आवत नइं देख लिहीं।”
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