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Book of Common Prayer

Daily Old and New Testament readings based on the Book of Common Prayer.
Duration: 861 days
Saral Hindi Bible (SHB)
Version
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इब्री 8

याजक मसीह द्वारा आराधना

बड़ी सच्चाई यह है: हमारे महायाजक वह हैं, जो स्वर्ग में महामहिम के दायें पक्ष में बैठे हैं, जो वास्तविक मन्दिर में सेवारत हैं, जिसका निर्माण किसी मानव ने नहीं, स्वयं प्रभु ने किया है.

हर एक महायाजक का चुनाव भेंट तथा बलि-अर्पण के लिए किया जाता है. इसलिए आवश्यक हो गया कि इस महायाजक के पास भी अर्पण के लिए कुछ हो. यदि मसीह येशु पृथ्वी पर होते, वह याजक हो ही नहीं सकते थे क्योंकि यहाँ व्यवस्था के अनुसार भेंट चढ़ाने के लिए याजक हैं. ये वे याजक हैं, जो स्वर्गीय वस्तुओं के प्रतिरूप तथा प्रतिबिम्ब मात्र की आराधना करते हैं, क्योंकि मोशेह को, जब वह तम्बू का निर्माण करने पर थे, परमेश्वर के द्वारा यह चेतावनी दी गई थी: यह ध्यान रखना कि तुम तम्बू का निर्माण ठीक-ठीक वैसा ही करो, जैसा तुम्हें पर्वत पर दिखाया गया था, किन्तु अब मसीह येशु ने अन्य याजकों की तुलना में कहीं अधिक अच्छी सेवकाई प्राप्त कर ली है: अब वह एक उत्तम वाचा के मध्यस्थ भी हैं, जिसका आदेश उत्तम प्रतिज्ञाओं पर हुआ है.

यदि वह पहिली वाचा निर्दोष होती तो दूसरी की ज़रूरत ही न होती. स्वयं परमेश्वर ने उस पीढ़ी को दोषी पाकर यह कहा:

“वे दिन आ रहे हैं, जब मैं इस्राएल
    और यहूदाह के गोत्रों के साथ
एक नई वाचा बांधूंगा;
    यह प्रभु का कथन है.
वैसी नहीं, जैसी मैंने उनके पूर्वजों से उस समय की थी,
    जब मैंने उनका हाथ पकड़ कर उन्हें मिस्र देश से बाहर निकाला था,
क्योंकि वे मेरी वाचा में स्थिर नहीं रहे,
    इसलिए मैं उनसे दूर हो गया,
            यह प्रभु का कहना है.
10 उन दिनों के बाद, इस्राएल के वंश के साथ
    जो वाचा मैं स्थापित करूँगा, वह यह है,
यह प्रभु का कहना है.
    मैं उनके मस्तिष्क में अपनी व्यवस्था भर दूँगा,
इसे मैं उनके हृदय पर लिख दूँगा.
    मैं उनका परमेश्वर होऊँगा और वे सब मेरी प्रजा.
11 वे अपने नागरिकों को शिक्षा नहीं देंगे
    और न अपने भाइयों से कहेंगे,
‘प्रभु को जानो,’ क्योंकि छोटे से लेकर बड़े
    तक सभी मुझे जानेंगे.
12 उनके अपराधों के प्रति मैं दया से भरा रहूँगा तथा
    मैं उनके पाप कभी भी याद न करूँगा.”

13 जब परमेश्वर एक नई वाचा का वर्णन कर रहे थे, तब उन्होंने पहिले को अनुपयोगी घोषित कर दिया. जो कुछ अनुपयोगी तथा जीर्ण हो रहा है, वह नष्ट होने पर है.

लूकॉ 10:38-42

मार्था और मरियम के घर में मसीह येशु

38 मसीह येशु और उनके शिष्य यात्रा करते हुए एक गाँव में पहुँचे, जहाँ मार्था नामक एक स्त्री ने उन्हें अपने घर में आमन्त्रित किया. 39 उसकी एक बहन थी, जिसका नाम मरियम था. वह प्रभु के चरणों में बैठ कर उनके प्रवचन सुनने लगी 40 किन्तु मार्था विभिन्न तैयारियों में उलझी रही. वह मसीह येशु के पास आई और उनसे प्रश्न किया, “प्रभु, क्या आपको इसका लेशमात्र भी ध्यान नहीं कि मेरी बहन ने अतिथि-सत्कार का सारा बोझ मुझ अकेली पर ही छोड़ दिया है? आप उससे कहें कि वह मेरी सहायता करे.”

41 “मार्था, मार्था,” प्रभु ने कहा, “तुम अनेक विषयों की चिन्ता करती और घबरा जाती हो 42 किन्तु ज़रूरत तो कुछ ही की है—वास्तव में एक ही की. मरियम ने उसी उत्तम भाग को चुना है, जो उससे कभी अलग न किया जाएगा.”

Saral Hindi Bible (SHB)

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