Book of Common Prayer
जीवनदायी शब्द
1 जीवन देने वाले उस वचन के विषय में, जो आदि से था, जिसे हमने सुना, जिसे हमने अपनी आँखों से देखा, ध्यान से देखा और जिसको हमने छुआ. 2 जब यह जीवन प्रकट हुआ, तब हमने उसे देखा और अब हम उसके गवाह हैं. हम तुम्हें उसी अनन्त जीवन का सन्देश सुना रहे हैं, जो पिता के साथ था और जो हम पर प्रकट किया गया. 3 हमारे समाचार का विषय वही है, जिसे हमने देखा और सुना है. यह हम तुम्हें भी सुना रहे हैं कि हमारे साथ तुम्हारी भी संगति हो. वास्तव में हमारी यह संगति पिता और उनके पुत्र मसीह येशु के साथ है. 4 यह सब हमने इसलिए लिखा है कि हमारा आनन्द पूरा हो जाए.
ज्योति में स्वभाव
5 यही है वह समाचार, जो हमने उनसे सुना और अब हम तुम्हें सुनाते हैं: परमेश्वर ज्योति हैं. अन्धकार उनमें ज़रा सा भी नहीं. 6 यदि हम यह दावा करते हैं कि हमारी उनके साथ संगति है और फिर भी हम अन्धकार में चलते हैं तो हम झूठे हैं और सच पर नहीं चलते. 7 किन्तु यदि हम ज्योति में चलते हैं, जैसे वह स्वयं ज्योति में हैं, तो हमारी संगति आपसी है और उनके पुत्र मसीह येशु का लहू हमें सभी पापों से शुद्ध कर देता है.
8 यदि हम पापहीन होने का दावा करते हैं, तो हमने स्वयं को धोखे में रखा है और सच हममें है ही नहीं. 9 यदि हम अपने पापों को स्वीकार करें तो वह हमारे पापों को क्षमा करने तथा हमें सभी अधर्मों से शुद्ध करने में विश्वासयोग्य और धर्मी हैं. 10 यदि हम यह दावा करते हैं कि हमने पाप किया ही नहीं तो हम परमेश्वर को झूठा ठहराते हैं तथा उनके वचन का हमारे अन्दर वास है ही नहीं.
मसीह येशु की अपने ही लिए प्रार्थना
17 इन बातों के प्रकट करने के बाद मसीह येशु ने स्वर्ग की ओर दृष्टि उठा कर प्रार्थना की.
“पिता, वह समय आ गया है. अपने पुत्र को महिमित कीजिए कि पुत्र आपको महिमित करे. 2 क्योंकि आपने उसे सारी मानवजाति पर अधिकार दिया है कि वह उन सबको अनन्त जीवन प्रदान करे जिन्हें आपने उसे सौंपा है. 3 अनन्त जीवन यह है कि वे आपको, जो एकमात्र सच्चे परमेश्वर हैं और मसीह येशु को, जिसे आपने भेजा है, जानें. 4 जो काम आपने मुझे सौंपा था, उसे पूरा कर मैंने पृथ्वी पर आपको महिमित किया है. 5 इसलिए पिता, आप मुझे अपने साथ उसी महिमा से महिमित कीजिए, जो महिमा मेरी आपके साथ संसार की सृष्टि से पहले थी.
मसीह येशु की शिष्यों के लिए प्रार्थना
6 “मैंने आपको उन सब पर प्रगट किया, संसार में से जिनको चुन कर आपने मुझे सौंपा था. वे आपके थे किन्तु आपने उन्हें मुझे सौंपा था और उन्होंने आपके वचन का पालन किया. 7 अब वे जान गए हैं कि जो कुछ आपने मुझे दिया है, वह सब आप ही की ओर से है 8 क्योंकि आप से प्राप्त आज्ञाएँ मैं ने उन्हें दे दी है. उन्होंने उनको ग्रहण किया और वास्तव में यह जान लिया है कि मैं आप से आया हूँ; उन्होंने विश्वास किया कि आप ही मेरे भेजनेवाले हैं. 9 आप से मेरी विनती संसार के लिए नहीं किन्तु उनके लिए है, जो आपके हैं और जिन्हें आपने मुझे सौंपा है. 10 वह सब, जो मेरा है, आपका है, जो आपका है, वह मेरा है और मैं उनमें महिमित हुआ हूँ 11 अब मैं संसार में नहीं रहूँगा; मैं आपके पास आ रहा हूँ, किन्तु वे सब संसार में हैं. पवित्र पिता! उन्हें अपने उस नाम में, जो आपने मुझे दिया है, सुरक्षित रखिए कि वे एक हों जैसे हम एक हैं.
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