Book of Common Prayer
12 एकरसेति, पाप ला अपन नासमान देहें ऊपर अधिकार झन करन देवव अऊ तुमन एकर खराप ईछा ला झन मानव। 13 अपन देहें के अंगमन ला अधरमी काम करे बर पाप ला झन सऊंपव, पर अपन-आप ला मरे म ले जीयत जानके परमेसर ला सऊंप देवव अऊ अपन देहें के अंगमन ला धरमी काम करे बर ओला देय दव। 14 तब पाप के परभूता तुम्हर ऊपर नइं होवय, काबरकि तुमन मूसा के कानून के अधीन नइं, पर परमेसर के अनुग्रह के अधीन हवव।
धरमीपन के गुलाम
15 त का होईस? का हमन पाप करन काबरकि हमन मूसा के कानून के अधीन नइं पर अनुग्रह के अधीन म हवन? बिलकुल नइं! 16 का तुमन नइं जानव कि जब तुमन अपन-आप ला गुलाम के रूप म, जेकर हुकूम माने बर सऊंप देथव, त तुमन ओकर गुलाम अव, जेकर हुकूम तुमन मानथव – चाहे पाप के गुलाम, जेकर अंत मिरतू अय, या फेर परमेसर के हुकूम माने के गुलाम, जेकर अंत धरमीपन अय। 17 पर परमेसर के धनबाद होवय कि हालाकि एक समय तुमन पाप के गुलाम रहेव, पर अब तुमन जम्मो हिरदय ले परमेसर के उपदेस के मनइया हो गे हवव, जेकर बर तुमन ला सऊंपे गे हवय। 18 तुमन ला पाप के गुलामी ले छोंड़ाय गे हवय अऊ तुमन धरमीपन के गुलाम हो गे हवव।
19 तुम्हर सुभाविक कमजोरी के कारन मेंह मनखे के रीति म गोठियावत हंव। एक समय तुमन अपन देहें के अंगमन ला असुधता अऊ बढ़त कुकरम के गुलाम बना दे रहेव; पर अब अपन सरीर के अंगमन ला पबितरता बर धरमीपन के गुलाम बनावव। 20 जब तुमन पाप के गुलाम रहेव, त तुमन धरमीपन के अधीन नइं रहेव। 21 जऊन बातमन ले तुमन अब लजाथव, ओ बातमन ले तुमन ला पहिली का फायदा होईस? ओ बातमन के नतीजा तो मिरतू अय। 22 पर अब तुमन पाप ले छोंड़ाय गे हवव अऊ परमेसर के गुलाम बन गे हवव। एकर ले जऊन फायदा तुमन ला मिलथे, ओह पबितरता अय, अऊ एकर नतीजा परमेसर के संग सदाकाल के जिनगी अय। 23 काबरकि पाप के मजदूरी त मिरतू अय, पर परमेसर के बरदान हमर परभू मसीह यीसू म सदाकाल के जिनगी अय।
47 जऊन ह परमेसर के अय, ओह परमेसर के बात ला सुनथे। तुमन परमेसर के नो हव, एकरसेति तुमन ओकर बात ला नइं सुनव।”
यीसू अऊ अब्राहम
48 यहूदीमन ओला जबाब दीन, “का हमन सही नइं कहिथन कि तेंह एक सामरी मनखे अस, अऊ तोर म परेत आतमा हवय।”
49 यीसू ह कहिस, “मोर म परेत आतमा नइं ए; पर मेंह अपन ददा के आदर करथंव, अऊ तुमन मोर निरादर करथव। 50 मेंह अपन महिमा नइं चाहंव, पर परमेसर ह मोर महिमा करे चाहथे अऊ ओही ह नियाय करथे। 51 मेंह तुमन ला सच कहथंव, यदि कोनो मोर बात ला मानही, त ओह कभू नइं मरही।”
52 तब यहूदीमन ओला कहिन, “अब हमन सही म जान डारेन कि तोर म परेत आतमा हवय। अब्राहम ह मर गीस अऊ अगमजानीमन घलो मर गीन; पर तेंह कहिथस कि यदि कोनो तोर बात ला मानही, त ओह कभू नइं मरय। 53 का तेंह हमर पुरखा अब्राहम ले बड़े अस? ओह मर गीस, अऊ अगमजानीमन घलो मर गीन। तेंह अपन-आप ला का समझथस?”
54 यीसू ह जबाब दीस, “यदि मेंह अपन-आप के महिमा करंव, त मोर महिमा के कुछू मतलब नो हय। पर मोर ददा ह मोर महिमा करथे, जऊन ला तुमन अपन परमेसर कहिथव। 55 तुमन ओला नइं जानव, पर मेंह ओला जानथंव। यदि मेंह कहंव कि मेंह ओला नइं जानंव, त मेंह घलो तुम्हर सहीं लबरा ठहरहूं, पर मेंह ओला जानथंव अऊ ओकर बात ला मानथंव। 56 तुम्हर पुरखा अब्राहम ह मोर दिन ला देखे के आसा म आनंद मनाईस, अऊ ओह एला देखिस अऊ खुस होईस।”
57 यहूदीमन ओला कहिन, “तेंह अभी तो पचास साल के घलो नइं होय हवस, अऊ तेंह कइसने कह सकथस कि तेंह अब्राहम ला देखे हवस।”
58 यीसू ह ओमन ला कहिस, “मेंह तुमन ला सच कहथंव, अब्राहम के जनम होय के पहिली ले मेंह हवंव।” 59 एला सुनके, ओमन यीसू ला मार डारे बर पथरा उठाईन; पर यीसू ह लुका के मंदिर ले निकर गीस।
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