Book of Common Prayer
पाप के प्रति मरे हुए, परमेश्वर के लिए जीवित
6 तो फिर? क्या हम पाप करते जाएँ कि अनुग्रह बहुत होता जाए? 2 नहीं! बिलकुल नहीं! यह कैसे सम्भव है कि हम, जो पाप के प्रति मर चुके हैं, उसी में जीते रहें? 3 कहीं तुम इस सच्चाई से अनजान तो नहीं कि हम सभी, जो मसीह येशु में बपतिस्मा ले चुके हैं, उनकी मृत्यु में बपतिस्मा लिए हुए हैं? 4 इसलिए मृत्यु के बपतिस्मा में हम उनके साथ गाड़े जा चुके हैं कि जिस प्रकार मसीह येशु पिता के प्रताप में मरे हुओं में से जीवित किए गए, हम भी जीवन की नवीनता में व्यवहार करें.
5 यदि हम मसीह येशु की मृत्यु की समानता में उनके साथ जोड़े गए हैं तो निश्चित ही हम उनके पुनरुत्थान की समानता में भी उनके साथ जोड़े जाएँगे. 6 हमें यह मालूम है कि हमारा पहले का मनुष्यत्व मसीह येशु के साथ ही क्रूसित हो गया था कि हमारे पाप का शरीर निर्बल हो जाए और इसके बाद हम पाप के दास न रहें 7 क्योंकि जिसकी मृत्यु हो चुकी, वह पाप की अधीनता से अलग हो चुका.
8 अब, यदि मसीह येशु के साथ हमारी मृत्यु हो चुकी है, हमारा विश्वास है कि हम उनके साथ जीवित भी रहेंगे. 9 हम यह जानते हैं कि मरे हुओं में से जीवित मसीह येशु की मृत्यु अब कभी नहीं होगी. उन पर मृत्यु का अधिकार नहीं रहा. 10 उनकी यह मृत्यु हमेशा-हमेशा के लिए पाप के प्रति मृत्यु थी. अब उनका जीवन परमेश्वर से जुड़ा हुआ जीवन है.
11 इसलिए तुम भी अपने आप को पाप के प्रति मरा हुआ तथा मसीह येशु में परमेश्वर के प्रति जीवित समझो.
33 उन्होंने मसीह येशु को उत्तर दिया, “हम अब्राहाम के वंशज हैं और हम कभी भी किसी के दास नहीं हुए. तुम यह कैसे कहते हो ‘तुम स्वतन्त्र हो जाओगे’?”
34 मसीह येशु ने उन्हें उत्तर दिया, “मैं तुम पर यह अटल सच्चाई प्रकट कर रहा हूँ: हर एक व्यक्ति, जो पाप करता है, वह पाप का दास है. 35 दास हमेशा घर में नहीं रहता; पुत्र हमेशा रहता है. 36 इसलिए यदि पुत्र तुम्हें स्वतन्त्र करे तो तुम वास्तव में स्वतन्त्र हो जाओगे. 37 मैं जानता हूँ कि तुम अब्राहाम के वंशज हो फिर भी तुम मेरी हत्या करने की ताक में हो; यह इसलिए कि तुमने मेरे सन्देश को ह्रदय में ग्रहण नहीं किया. 38 मैं वही कहता हूँ, जो मैंने साक्षात अपने पिता को करते हुए देखा है, परन्तु तुम वह करते हो, जो तुमने अपने पिता से सुना है.”
39 उन्होंने मसीह येशु से कहा, “हमारे पिता अब्राहाम हैं.”
मसीह येशु ने उनसे कहा, “यदि तुम अब्राहाम की सन्तान,” “हो तो अब्राहाम के समान व्यवहार भी करो. 40 तुम मेरी हत्या करना चाहते हो—मैं, जिसने परमेश्वर से प्राप्त सच तुम पर प्रकट किया है. अब्राहाम का व्यवहार ऐसा नहीं था. 41 तुम्हारा व्यवहार तुम्हारे ही पिता के समान है.”
इस पर उन्होंने विरोध किया, “हम अवैध सन्तान नहीं हैं,” “हमारा एक ही पिता है—परमेश्वर.”
इबलीस की सन्तान
42 मसीह येशु ने उनसे कहा, “यदि परमेश्वर तुम्हारे पिता होते तो तुम मुझसे प्रेम करते क्योंकि मैं परमेश्वर से हूँ. मैं अपनी इच्छा से नहीं आया; परमेश्वर ने मुझे भेजा है. 43 मेरी बातें तुम इसीलिए नहीं समझते कि तुम में मेरा सन्देश सुनने की क्षमता नहीं है. 44 तुम अपने पिता शैतान से हो और उसी पिता की इच्छाओं को पूरा करना चाहते हो. वह प्रारम्भ से ही हत्यारा है और सच उसका आधार कभी रहा ही नहीं क्योंकि सच उसमें है ही नहीं. जब वह कुछ भी कहता है, अपने स्वभाव के अनुसार झूठ ही कहता है, क्योंकि वह झूठा और झूठ का पिता है. 45 मैं सच कहता हूँ इसीलिए तुम मेरा विश्वास नहीं करते. 46 तुम में से कौन मुझे पापी प्रमाणित कर सकता है? तो जब मैं सच कहता हूँ तो तुम मेरा विश्वास क्यों नहीं करते? 47 वह, जो परमेश्वर का है, परमेश्वर के वचनों को सुनता है. ये वचन तुम इसीलिए नहीं सुनते कि तुम परमेश्वर के नहीं हो.”
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