Book of Common Prayer
आदम के दुवारा मिरतू, मसीह के दुवारा जिनगी
12 जइसने कि एक मनखे के दुवारा पाप ह संसार म आईस, अऊ पाप के दुवारा मिरतू आईस, अऊ ए किसम ले मिरतू ह जम्मो मनखे ऊपर आईस, काबरकि जम्मो झन पाप करिन। 13 मूसा के कानून ला देय जाय के पहिली, पाप ह संसार म रिहिस; पर जिहां कानून नइं ए, उहां पाप नइं गने जावय। 14 तभो ले आदम ले लेके मूसा तक मिरतू ह जम्मो मनखे ऊपर आईस, इहां तक कि ओमन ऊपर घलो मिरतू आईस, जऊन मन आदम सहीं हुकूम ला टोरे के पाप नइं करे रिहिन। आदम ह ओ मनखे के एक नमूना रिहिस, जऊन ह अवइया रहय[a]।
15 पर परमेसर के बरदान ह पाप के सहीं नो हय। काबरकि यदि एक मनखे के पाप के कारन बहुंते झन मरिन, त परमेसर के अनुग्रह अऊ बरदान ह बहुंते मनखेमन ऊपर बहुंतायत ले आईस। अऊ ए बरदान ह एक मनखे याने कि यीसू मसीह के अनुग्रह के दुवारा आईस। 16 परमेसर के बरदान अऊ एक मनखे के पाप के परतिफल एक सहीं नो हय। एक पाप के पाछू परमेसर के फैसला आईस अऊ एह दंड लानिस, पर बहुंत पाप होय के पाछू, बरदान आईस अऊ एह नियाय लानिस। 17 काबरकि यदि एक मनखे के पाप के कारन मिरतू ह ओ एक मनखे के दुवारा राज करिस, त जऊन मन परमेसर के अधिकाधिक अनुग्रह अऊ धरमीपन के बरदान ला बहुंतायत म पाईन, ओमन एक मनखे याने कि यीसू मसीह के जरिये जिनगी म जरूर राज करहीं।
18 एकरसेति, जइसने एक पाप ह जम्मो मनखेमन बर दंड के कारन बनिस, वइसनेच धरमीपन के एक काम ह घलो नियाय दीस अऊ ओह जम्मो मनखेमन बर जिनगी लानिस। 19 जइसने एक मनखे के हुकूम नइं माने के कारन बहुंते मनखेमन पापी ठहरिन, वइसनेच एक मनखे के हुकूम माने के कारन बहुंते मनखेमन धरमी ठहरहीं।
20 मूसा के कानून ह दिये गीस, ताकि पाप ह बढ़य। पर जिहां पाप अधिक होईस, उहां अनुग्रह ओकर ले अऊ जादा होईस, 21 ताकि जइसने पाप ह मिरतू के दुवारा राज करिस, वइसने परमेसर के अनुग्रह ह घलो धरमीपन के दुवारा राज करय, कि यीसू मसीह हमर परभू के दुवारा हमन ला सदाकाल के जिनगी मिलय।
21 यीसू ह फेर ओमन ला कहिस, “मेंह जावत हंव। तुमन मोला खोजहू अऊ अपन पाप म मरहू। जिहां मेंह जावत हंव, उहां तुमन नइं आ सकव।”
22 तब यहूदीमन कहिन, “का ओह अपन-आप ला मार डारही, काबरकि ओह कहत हवय, जिहां मेंह जावत हंव, उहां तुमन नइं आ सकव?”
23 यीसू ह ओमन ला कहिस, “तुमन खाल्हे के अव, अऊ मेंह ऊपर के अंव। तुमन ए संसार के अव, पर मेंह ए संसार के नो हंव। 24 एकरसेति मेंह तुमन ला कहेंव कि तुमन अपन पाप म मरहू; यदि तुमन बिसवास नइं करव कि मेंह ओही (मसीह) अंव, त तुमन सही म अपन पाप म मरहू।”
25 ओमन ओकर ले पुछिन, “तेंह कोन अस?” यीसू ह जबाब दीस, “मेंह ओही अंव, जऊन ला सुरू ले मेंह तुमन ला कहत आय हवंव। 26 मोला तुम्हर बारे म बहुंत बात कहना हे, अऊ तुम्हर फैसला करना हे; पर जऊन ह मोला पठोय हवय, ओह सच्चा ए, अऊ जऊन कुछू मेंह ओकर ले सुने हवंव, ओहीच बात मेंह संसार ला बताथंव।”
27 पर ओमन नइं समझिन कि यीसू ह ओमन ला अपन ददा परमेसर के बारे म कहत रिहिस। 28 तब यीसू ह कहिस, “जब तुमन मनखे के बेटा ला ऊपर चघाहू, तभे तुमन जानहू कि मेंह कोन अंव, अऊ मेंह अपन-आप ले कुछू नइं करंव, पर जइसने ददा ह मोला सिखोय हवय, ओहीच बात गोठियाथंव। 29 जऊन ह मोला पठोय हवय, ओह मोर संग हवय, ओह मोला अकेला नइं छोंड़ दे हवय, काबरकि मेंह हमेसा ओही काम करथंव, जेकर ले ओह खुस होथे।” 30 जब ओह ए बात कहिस, त बहुंत मनखेमन ओकर ऊपर बिसवास करिन।
अब्राहम के संतान
31 जऊन यहूदीमन यीसू ऊपर बिसवास करे रिहिन, ओमन ला यीसू ह कहिस, “यदि तुमन मोर उपदेस के मुताबिक चलथव, त तुमन सही म मोर चेला अव। 32 तब तुमन सत ला जानहू अऊ सत ह तुमन ला सुतंतर करही।”
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